हम केवल चाय नही बेचते, बल्कि प्रेम फैलाते हैं- Engineer Raunak Rajvanshi, Chaiwala
एक तरफ जहां युवा अच्छी डिग्री हासिल करके अच्छी-खासी नौकरी करके आलिशान जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ नौजवान युवा सिर्फ नौकरी ही नहीं बल्कि नौकरी में भी सुकून की तलाश कर रहें हैं। जाहिर सी बात है यदि किसी नौकरी में आप कितने भी रुपये कमा लें, कितनी भी सुख-सुविधाएं मिले, लेकिन यदि उसमें मन को सुकून नहीं मिलता तो वह किसी काम का नहीं है। इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ता है, अहमदाबाद के रौनक राजवंशी (Raunak Rajvanshi) पेशे से एक इंजीनियर (Engineer)हैं और आज एक Chaiwala बन चुके हैं।
नौकरी में रुचि नहीं होने पर युवा रोजगार के तरह-तरह के तरीके आजमा रहें हैं। कुछ खेती की तरफ रुख मोड़ रहें, तो कुछ खुद का स्टार्टअप शुरु कर रहे हैं। उन युवाओं की चाहत है कि भीड़ से अलग अपनी पहचान बनाएं, जहां उनके मन को संतुष्टी मिलती हो।
आज की हमारी यह कहानी भी एक ऐसे ही युवा की है, जिसने सुकून की तलाश में इंजीनियर की पढ़ाई करने के बावजूद भी नौकरी न करके चाय का ठेला लगता है। तो आइए जानते हैं इस नौजवान के बारें में (Engineer Chaiwala, Raunak Rajvanshi)
चाय का स्टार्टअप मचा रहा है धूम
आजकल चाय का बिजनेस काफी सुर्खियां बटोर रहा है, कभी MBA चायवाला, कभी BA चायवाली तो कभी इंजीनियर चायवाला। किसी ने सही कहा है जिस काम में मन को शांति नहीं उस काम में आप कितना भी मेहनत कर लें आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसके विपरीत आप वैसा काम करें जिसमें आप बेहतर कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि आजकल पढे-लिखे युवा भी नौकरी न करके अलग-अलग क्षेत्र में किस्मत आजमा रहें हैं और सफलता की बुलंदियों को छू रहें हैं।
इंजीनियरिंग के बाद नौकरी से नहीं मिली संतुष्टि
29 वर्षीय रौनक राजवंशी (Raunak Rajvanshi) गुजरात के अहमदाबाद (Ahmedabad) शहर के रहनेवाले हैं, जो अपनी चाय के बिजनेस के कारण काफी सुर्खियां बटोर रहें हैं। एक तरफ जहां युवा इंजीनियर की पढ़ाई करके अच्छे से सेटल होना चाहते हैं, लेकिन कई बार मन मुताबिक नौकरी नहीं मिल पाता है। रौनक के साथ भी यही हुआ, साल 2015 में इंजीनियर की शिक्षा पूरी करने के बाद कई जगह नौकरी की। लेकिन उनका मन कहीं नहीं लगा, ऐसे में जब उन्हें सुकून भरा काम नहीं मिला तो उन्होंने कुछ अलग करने का सोचा।
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चाय का बिजनेस करने का लिया फैसला
उन्होंने फैसला किया कि वे अपने पिता के काम में हाथ बटाएंगे और इसके लिए उन्होंने चाय का स्टार्टअप शुरु किया। हर पिता की चाहत होती है कि उसका बेटा पढ़-लिखकर अच्छी-खासी नौकरी करें तथा एक बेहतरीन जीवन जी सके। रौनक के पिता की ख्वाईश भी यही थी इसलिए उन्हें चाय का स्टार्टअप पसंद नहीं आया।
पिता थे नाखुश
रौनक बताते हैं, उन्होंने अपने पिता को जब इस बारें में बताया तो वे इस काम से नाखुश थे, वे समाज के तानों से डरते थे कि लोग क्या कहेंगे? क्योंकि समाज आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित न करके हमेशा आपको पीछे धकेलने का काम करता है। लेकिन रौनक ने अपने पिता को काफी समझा-बुझाकर उन्हें इस काम के लिए राजी कर लिए। उसके बाद वर्ष 2020 में उन्होंने चाय का बिजनेस शुरु किया जिसका नाम “इंजीनियर नी चाय” (Engineer Ni Chai) अर्थात इन्जीनियर का चाय रखा।
कस्टमर रिटेन्शन है काफी हाई
अहमदाबाद में रौनक ने चाय (Raunak Rajvanshi) के बिजनेस को अनोखे अंदाज में शुरु किया है, जो काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं बल्कि ग्राहकों को भी उनके हाथ से बने चाय से इतना गहरा लगाव हो गया है कि, एक बार जो भी चाय का टेस्ट लिया वह उसी का होकर रह गया। एक बार उनके टी स्टॉल पर आने के बाद वह दूसरी बार भी अपने दोस्त और रिशतेदारों को लाना नहीं भुलता है।
चाय के साथ देते हैं बिस्किट मुफ्त
आप सोच रहें होंगे कि रौनक के चाय बिजनेस में आखिर ऐसा क्या है जो कस्टमर को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इसका कारण यह है उनकी दुकान पर कुछ किताबें, तीन न्यूजपेपर हमेशा रखी रहती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकांश लोग अखबार पढ़ने या किताबे पढ़ने के साथ चाय की चुस्की लेना बेहद पसंद करते हैं। इससे उन्हें चाय की चुस्की और देश-दुनिया की खबर भी मिल जाती है। इतना ही नहीं चाय के साथ यदि बिस्किट मिल जाएं तो उसका अनुभव कुछ अलग ही होता है। रौनक भी अपने टी-स्टॉल पर चाय के साथ ग्राहकों मुफ्त में बिस्किट देते हैं, जो अखबार और किताबों के साथ उनके अनुभव को अधिक खास बनाता है।
बचपन से था डॉक्टर बनने का सपना
सभी का सपना होता है कि वह अपने जीवन में पढ़-लिखकर कुछ अच्छा करें। रौनक भी बचपन से ही डॉक्टर बनने के सपने को संजो रहे थे, लेकिन कई बार हमारे सपनों के रास्ते में अनेकों समस्याएं आ जाती हैं। रौनक के साथ भी यही हुआ, मां को कैंसर की बिमारी थी जिससे उनके इलाज में काफी पैसे खर्च हो रहे थे। ऐसे में मेडिकल की पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना काफी मुश्किल भरा काम था।
आर्थिक तंगी को ध्यान में रखते हुए रौनक (Raunak Rajvanshi) ने इंजीनियरिंग करने का मन बनाया और उसकी पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया। हमेशा से ही वह खुद का कुछ ऐसा करने चाहते थे, जिससे लोगों की मदद हो सके और वे आम लोगों के साथ जुड़ सके। यहां तक कि डॉक्टर बनने के बाद वे खुद का क्लिनिक शुरु करना चाहते थे, जिससे लोगों की मदद हो सके।
महज 5 घंटे काम करके अच्छी-खासी आमदनी कमा लेते हैं रौनक
हालांकि, आज वह अपने चाय के बिजनेस में महज चार से पांच घंटे काम करके अच्छी-खासी आमदनी कमा लेते हैं। कोई इन्सान 8 घंटे की नौकरी करके जितना कमाता है, उससे अधिक वह लगभग 5 घंटे काम करके कमाई कर लेते हैं। वहीं कस्टमर रिटेन्शन देखकर उनके पिता को यह एहसास हो गया कि आज भी चाय के प्रति लोगों का जुड़ाव पहले जैसा ही है। बता दें कि उनका यह बिजनेस अहमदाबाद (Ahmedabad)में सुभाष ब्रिज के पास है।
ग्राहकों को खुश देखकर मिलता है संतोष
अन्त में वह कहते हैं कि, उनके हाथ का बना चाय पीकर ग्राहक अपने-आप को तरो-ताजा महसूस करते हैं, जिसकी चमक उनके चेहरे पर बखुबी दिखती है। ग्राहकों के चेहरे की ये चमक, उन्हें जो खुशी और सुकून देती है, वह शायद किसी भी नौकरी में कभी नहीं मिलती। रौनक अपने काम से बेहद खुश हैं और अच्छी-खासी आमदनी भी कमा रहें हैं।