पेड़-पौधों को लगाना तो आसान है, लेकिन इसका देखभाल करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पेड़-पौधों का खयाल रखने के लिए उसके विषय में जानकारी रखना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियों के बारे में श्रीवत्स गोविंदराजू (Srivathsa Govindraju) को तमाम जानकारी है। श्रीवत्स ने अपने फार्म में तमाम तरह के पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियां लगा रखी हैं। – Shreevats Govindaraju left the job of software engineer and started farming.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ शुरू किए खेती
13 साल पहले तक श्रीवत्स सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ कर खेती करना शुरु कर दिया। श्रीवत्स के अनुसार उनके फार्म पर प्राकृतिक तरीके से पौधे उगाए जाते हैं। अब श्रीवत्स का लक्ष्य प्रकृति का सम्मान करना और उसकी प्रक्रियाओं को समझना है। एक रिपोर्ट के अनुसार श्रीवत्स ने पुलिस को नक्सलियों से लड़ने के लिए फॉरेस्ट ट्रेनिंग भी दी है।
एग्रीकल्चरल इंडस्ट्री और सस्टनेबल फार्मिंग के बारे में शिक्षित करने का है लक्ष्य
फ़ॉरेस्ट ट्रेनिंग देने के बाद अब वह शैक्षणिक संस्थाओं के साथ मिलकर बच्चों को एग्रीकल्चरल इंडस्ट्री और सस्टनेबल फ़ार्मिंग के बारे में शिक्षित करना चाहते हैं। श्रीवत्स कहते है कि भारत को प्रकृति ने पेड़-पौधों का खूबसूरत तोहफा दिया है और हम उनके बारे में भूलते ही जा रहे हैं। इसपर उनका कहना है कि हमें शोध करके अपने इकोसिस्टम के बारे में समझने की जरूरत है। – Shreevats Govindaraju left the job of software engineer and started farming.
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13 एकड़ में फैला हुआ है फ़ार्म
फार्म को खड़ा करने के पीछे श्रीवत्स का लक्ष्य बायोडायवर्सिटी अवेयरनेस सेंटर बनाने का है। श्रीवत्स का फ़ार्म, ‘Nature Inspires- Chiguru Ecospace’ 13 एकड़ में फैला हुआ है। यह फार्म मागाड़ी के पास सिंगादसानाहल्ली नामक गांव में है, जिसमें 300 पेड़-पौधों की प्रजातियां हैं। फार्म में होने वाले जड़ी-बूटियों को खाने या दवाईयां बनाने के काम आते हैं।
फार्म में कई तरह के आधुनिक पेड़-पौधे हैं
श्रीवत्स ने इस जमीन पर उगने वाले पौधों को ना हटाकर उन्हें उगने दिया है और साथ ही दूसरे क्षेत्रों में पाए जाने वाले कई पेड़-पौधे भी लगाए हैं। इस फार्म में ऐसे कई आधुनिक पेड़-पौधे और जड़ी-बूटियां हैं, जिनके बारे में लोग भूलते जा रहे हैं। श्रीवत्स का प्रकृति के लिए ऐसा कदम उठाना युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। – Shreevats Govindaraju left the job of software engineer and started farming.