Sunday, December 10, 2023

पूरी तरह से कैदियों द्वारा संचालित ‘रेडियो’, इस जेल में शुरू हुआ देश का दूसरा रेडियो स्टेशन

कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन ने सामान्य जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। रोज़ बाहर जाने वाले लोगों को तो इस दौरान घर में बंद रहना ऐसा लगा मानों किसी ने जेल में कैद कर दिया हो। हालांकि, वे घरों में अपने परिवारजनों के साथ थे फिर भी इन परिस्थितियों में कई लोग मानसिक अवसाद और अकेलेपन के शिकार हो गये।

कोरोना की इन्ही विषम परिस्थितियों में एकबार आप यह कल्पना भी करके देखें कि जो सच में जेलों में कैद भरा जीवन काट रहे हैं व अपने परिजनों से नही मिल पा रहे और जो बाहरी दुनिया से संचार के सभी माध्यम खो चुके हैं उनकी मानसिक अवस्था क्या हो रही होगी ? ऐसे ही कैदियों को मानसिक सहारा देने और अपनी व्यथा अन्य साथियों के साथ साझा करने के लिए फरीदाबाद की नीमका जेल(Faridabad) में ‘जेल रेडियो’ स्टोशन (Jail Radio Station) का आरंभ किया गया है, जिसे पूरी तरह से बंदियों द्वारा ही संचालित किया जाएगा। इसी के मद्देनज़र जेलो में रेडियो की भूमिका को लेकर जल्द ही एक शोध पत्रिका भी प्रकाशित होने जा रही है।

Faridabad District Jail

कैदियों के लिए अभिव्यक्ति के साधन के रुप में काम करेगा ‘जेल रेडियो’

फरीदाबाद के जेल सुपरिटेंडेंट के अनुसार- “बेशक ही ‘जेल रेडियो’ का आरंभ करने के बाद से जेल के माहोल में बदलाव महसूस किया जा रहा है, सभी कैदी इससे न केवल काफी खुश हैं बल्कि वे महसूस करने लगे हैं कि उनके पास अपने अहसासों को जाहिर करने के लिए खुद का एक साधन है, जिसके वे अपनी सुविधा के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं, जेल रेडियो उनके लिए उनके भीतर छिपी कला को निखारने का मौका भी दे रहा है”

16 जनवरी को फरीदाबाद जेल में की गई जेल रेडियो की शुरुआत

बता दें कि यह हरियाणा का दूसरा जेल रेडियो होगा। इसी साल 16 जनवरी को जेल महानिदेशक के. सेल्वराज, जेल के अधीक्षक जय किशन छिल्लर और तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक और दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ वर्तिका नंदा ने हरियाणा की जिला जेल, फरीदाबाद की नीमका जेल में जेल रेडियो का उद्घाटन किया।

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हरियाणा की तीन जेलों में 21 कैदियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है

हरियाणा की 3 जेलों – जिला जेल पानीपत, जिला जेल फरीदाबाद और केंद्रीय जेल अंबाला में दिसंबर 2020 से 21 बंदियों को रेडियो ट्रेनिंग दी जा रही थी। इसी कड़ी में फरीदाबाद की 5 महिला बंदियों को बतौर रेडियो जॉकी काम करने की ट्रेनिंग भी दी गई। इन्हीं ट्रेन्ड कैदियों द्वारा नियमित तौर पर अब जेल रेडियो को ऑपरेट किया जाएगा। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अंबाला जिला जेल में भी इस तरह की शुरुआत की जाएगी।

बंदी ही होंगे इन रेडियो शो के होस्ट और आर्टिस्ट

फरीदाबाद नीमका जेल रेडियो द्वारा रोज़ाना बेनागा एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित होगा जो कि पूरी तरह से जेल की तमाम गतिविधियों पर आधारित होगा। न केवल बंदी इस रेडियो को संचालित करेंगे बल्कि वे ही कलाकार भी होंगे। इस प्रयास का मकसद कैदियो के लिए अभिव्यक्ति का साधन बनना है। क्योंकि कोरोना के दौरान कैदी अपने परिजनों से नियमित मुलाकात नही कर पा रहे हैं जिनसे उनके बीच अवसाद का माहौल बना हुआ है। ऐसे में यह रेडियो उन्हे एक मानसिक सहारा देगा।

कैदियों के पुनर्वास का मजबूत साधन बनेगा ‘जेल रेडियो’: वर्तिका नंदा

मीडिया से हुई बातचीत में तिनका तिनका फाउंडेशन (Tinka Tinka Foundation) की संस्थापक वर्तिका नंदा (Vertika Nanda) ने कहा कि – “जेल रेडियो के ज़रिये कोरोना के दौरान बंदियों को अपनी बात कहने और अपनी कला को निखारने का अवसर मिलेगा, उम्मीद है कि यह प्रयास उनमें एक सकारात्मक बदलाव लाएगा और उनके पुनर्वास का मजबूत साधन बनेगा”

Radio Station for prisoners

कैसे काम करेगा यह ‘जेल रेडियो’

जेल अधीक्षक जयकिशन छिल्लर ने कहा कि – “फरीदाबाद जेल में फिलहाल 2400 कैदी हैं, यह ‘जेल रेडियो’ पूरी तरह से जेल का आंतरिक रेडियो स्टेशन होगा, जहां बैरकों के बाहर स्पीकर की व्यवस्था की गई है, रेडियो जॉकी रोज़ाना अपने अनुभव साझा करते हुए प्रेरक कहानियां भी सुनाएंगे, फरमाइशी गीत सुनाए जाएंगे, बंदियों की तरफ से पूछे गये सवालों के जवाब भी दिये जाएंगे, सवाल पूछने का यह सिलसिला पर्चियों द्वारा किया जाएगा“

आगरा जेल से मिला ‘जेल रेडियो’ जैसी सोच को साकार रुप

साल 2019 में देश की सबसे पुरानी जेल इमारत में बनी आगरा जिला जेल से कैदियों के भीतर छिपे टैलेंट को बाहर लाने के लिए ‘जेल रेडियो’ जैसी सराहनीय सोच को वास्तविकता मिलनी शुरु हुई थी।

तिनका तिनका फाउंडेशन द्वारा शुरु की गई है हरियाणा जेल रेडियो स्टेशन की पहल

यूं तो भारत में जेल रेडियो स्टेशन का आरंभ 2013 में तिहाड़ जेल से हुआ था। उस वक्त वर्तिका भी वहां मौजूद थीं। तभी उन्होंने सोचा कि कैदियों के भीतर छिपी कला को निखारने का ये एक बेहतरीन तरीका है और इसी तरह का प्रयास अन्य जेलों में भी होना चाहिए। इसी कड़ी में 2014 में भारतीय राष्ट्रपति से ‘स्त्री शक्ति पुरुस्कार’ प्राप्त कर चुकी वर्तिका नंदा ने 2019 में ‘तिनका मॉडल ऑफ प्रिज़न रिफॉर्म’ की स्थापना करते हुए हरियाणा की जेलो में इस प्रकार के स्टेशन की पहल की। वर्तिका इस क्षेत्र में पूरी तरह से प्रशिक्षित हैं। जेलो में रेडियो की भूमिका को लेकर जल्द ही एक शोध पत्रिका भी प्रकाशित होने जा रही है।