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जुगाड़ : कोई डिग्री नही लेकिन किसान ने ऐसा मशीन बनाया जो पेड़ पर चलता है

गणपति के अनुसार उन्होंने जिस बाईक का निर्माण किया है, वह बाईक लगभग आधा लीटर पेट्रोल मे 40 पेड़ो पर चढ़ सकती है। 30 सेकेंड मे 15 मीटर चढ़ने वाली इस बाईक से ना ही गिरने और ना ही चोट लगने का भय है।

“जरूरत ही निर्माण की जननी है”, ये कहावत सच है  इसे साबित करने के के लिये हमारे देश के किसान इंजीनियर और वैज्ञानिक कभी भी चुके नही है। इनके पास कोई महाविद्यालय की डिग्री हो या ना हो लेकिन अनुभव प्रचुर मात्रा मे होता है। वे अपनी परेशानियों का समाधान खुद ढुंढते है, इस कारण इनसे बड़ा खोजकर्ता कोई नही है। इन्ही आविषकारों के कारण हमारे यहाँ  किसी भी परेशानियों का सामना बहुत ही सरलता से  होता है।
अब हम आपको ऐसे किसान से मिलवाएंगे जिनके अविष्कार से बहुत सारे किसानों के समस्या का समाधान हुआ है। इनका नाम गणपति भट है। इन्होंने एरेका बाईक बनाई है जो सुपारी के पेड़ पर चढ़ने के लिए सक्षम है। 60 साल के गणपति भट का  जन्म किसान परिवार मे हुआ और इन्होंने अपनी प्रारंभिक पढाई खत्म करने के बाद खेती संभाल ली। इनके यहाँ ज्यादातर नारियल और सुपारी के पेड़ होने की वजह से इनके आमदनी का यही रास्ता है। परंतु इसे तोड़ने के लिए कोई मजदूर नही मिलता था, इन सब परेशानियों का सामना सारे किसानों को करना पर रहा था तब उन्होंने सोंचा कि अगर पेड़ पर चढ़ने के कोई मशीन बन जाये तब सबको सहूलियत होगी। तब उन्होंने अपनी युक्ति लगाई और एरेका बाईक बनाया जिसकी मदद से सुपारी जैसे लम्बे पेड़ पड़ भी आसानी से चढा जा सकता है।

इस बाईक मे गणपति ने एक हैंड गेयर, 2 स्ट्रोक इंजिन, सेल्फी बेल्ट और हाइड्रोलिक ड्रम ब्रेक्स का उपयोग किया है।  ये पैट्रोल से चलती है। ये बाईक  80kg की है और इतना लेकर काम भी कर सकती है , बाइक आधे लीटर पैट्रोल मे लगभग 40 पेड़ पर चढ़ सकती है,  जिसके जरिये सुपारी को तोड़नाआसान हो जाता है । इसे बाजार मे लाने से पूर्व गणपति ने खुद इस बाईक का उपयोग कर इसकी जाँच पड़ताल की। कभी कभी मशीन में ब्रेक फेल की शिकायत आने लगी जिसके लिये उन्होंने बाईक मे बैकअप ब्रेक सिस्टम लगाया ताकि ड्राइवर ब्रेक नीचा की तरफ लगा दे और कोई घटना होने से बच जाए।

ज्यादातर हुई बिक्री

जब उन्होंने इस बाईक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट की जिसमे उनकी बेटी ये बाईक चला कर पेड़ पर चढ़ रही थी , यह  वीडियो ज्यादा वायरल हुआ और पुरे देश और विदेश के लोगों ने इस अविष्कार को खूब सराहा। इसकी कीमत 75 हज़ार रुपये है। गणपति अबतक केरल  सहित तमिलनाडु मे 400 तक बाईक डिलीवर कर चुके है और यह बाइक 1000 से भी ज्यादा बिक चुका है।

गणपति एरेका मे बदलाव करके उसे नारियल के पेड़ के लिये भी तैयार करेंगे , जिसकी कीमत कम होगी । अगर कोई किसान  खेती करना चाहे और पैसे की कमी हो,तो 3-4 किसान मिलकर एक एरेका मशीन  ले सकते हैं, जिससे उनको खेती मे सहायता भी मिलेगी और पैसे की लागत भी कम आएगी

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इनके द्वारा और भी निर्माण किया गया है

गणपति ने स्पेयर मशीन,जमीन मे गड्डा करने वाली मशीन,और घास काटने वाली मशीन का  भी निर्माण किया है। इन सारी मशीनों का उपयोग वो खुद अपने खेती के लिए करते हैं। उनके पास करीब 14 एकड़ जमीन है जिसमे वो काली मिर्च सुपारी और नारियल की खेती करते है। गणपति के पास उनके मित्र किसान भी अपनी समस्या बताते हैं, और वो उनकी समस्या का समाधान भी करते है। उन्होंने जब ये सब शुरू किया तब उनका बहुत मज़ाक बना, सबने कहा अपना समय बर्बाद क्यों कर रहे हो। उनके सामने पैसे से लेकर लोगों के बातों तक की चुनौती थी। उनके पास खुद का कोई वर्कशॉप भी नही था,जिससे उनको बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

अब तक गणपति के पास बहुत सारे कंपनियों से ऑफर आ चुके हैं लेकिन उन्होंने सबको ठुकरा दिया और किसानों के लिए काम जारी रखा।
Logically गणपति के आविष्कार की सराहना  करता है जिससे किसानों को काफी मदद मिली।  

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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