ज्यादातर लोग लिंग और जाति-धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं लेकिन धर्म वह नहीं जिसमें सिर्फ अपनी जाति के लोगों की मदद की जाती है। घर्म वह होता है जिसमें हर सम्भव जरूरतमंद की मदद करने के लिए तत्पर रहता है।
अगर हम किसी की मदद करते हैं तो इनके लिए ना तो हमे टैक्स देना पड़ता है ना हीं इसके लिए हमें सजा मिलती है। इसलिए जितनी हो सके हमें लोगों की मदद जरूर करनी चाहिए। यह कहानी कुछ मुस्लिम युवकों की है जो लंगर कर 24 घण्टे किसानों को खाना खिलाते हैं।
25 मुस्लिम कर रहें है किसानों की मदद
हमारे देश मे किसान अपने हक के लिए आंदोलन कर रहे हैं। जिस कारण वह अपने घर से बेघर होकर दिल्ली के बॉर्डर पर बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह आंदोलन इसलिए किया है ताकि सरकार 3 कृषि कानून को वापस ले। इस दौरान किसान अपना खाना हाइवे पर ही बना रहे हैं। आबादी ज्यादा होने के कारण उन्हें दिक्कतें भी हो रही हैं। उनकी मदद 25 युवकों की टीम खाना खिला कर रही है। ये युवक किसानों की मदद के लिए सदैव तत्पर रह रहे हैं।
टीम के नेतृत्व में हैं फारूकी मुबीन
इस टीम का नाम है “मुस्लिम फेडरेशन ऑफ पंजाब”। इस टीम के नेतृत्व में फारुक मुबीन खड़े हैं। उन्होंने यह जानकारी दी कि वह सिंधु बॉर्डर इसलिए आए हैं ताकि किसानों की मदद अपने अनुसार कर उन्हें भोजन करा सकें। आगे उन्होंने यह भी बताया कि जब तक किसान अपने हक के लिए प्रदर्शन करेंगे तब तक उनके लिए हम ऐसे हीं मदद कर खाना खिलाते रहेंगे।
किसानों ने किया है बहुत कुछ अब लौटाने का है वक्त
एक रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि हमारे लिए हमारे देश के किसानों ने जो किया है उसका हम कभी भी भरपाया नहीं कर सकते। लेकिन जितनी संभव हो उतनी मदद कर सकते हैं। दरसल हम मदद नहीं कर रहे हैं बल्कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ध्यान रखें। इसलिए हमारी टीम लगातार अपने कार्यों में लगी हुई है।
जिस तरह 25 युवकों की टीम किसानों की मदद कर रहा है इसके लिए The Logically उन सभी को सलाम करता है और उम्मीद करता है कि सरकार हमारे देश के किसानों की बात सुन उन्हें उनका हक दे।