अभी तक आप सभी ने हरा पत्तागोभी (Green Vegetable) को देखा है और उसका स्वाद भी चखा है। लेकिन अब मार्केट में लाल पत्तागोभी भी मौजूद है जिसकी डिमांड काफी अधिक है। अभी तक लाल पत्तागोभी सिर्फ फाइव स्टार होटलो में इस्तेमाल की जाती थी लेकिन मॉल्स, स्टोर्स आदि जगहों पर भी इसकी मांग बढ़ गई है। ऐसे में यदि आप भी लाल पत्तागोभी की खेती (Red Cabbage Farming) करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए फायदेमन्द साबित होगा।
खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी?
खेती-किसानी के साथ-साथ अब लोग भी सब्जियों के नए-नए फ्लेवर अर्थात रंग-बिरंगी सब्जियों का सेवन करना काफी पसंद कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप लाल पत्तागोभी की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले मिट्टी की जांच और विशेषज्ञों की सलाह बहुत आवश्यक है। लाल पत्तागोभी की खेती के लिए 6 से 7 PH मान वाली हल्की दोमट मिट्टी और चिकनी मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। How to Cultivate Red Cabbage.
खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
हम जानते हैं कि किसी भी फसल की खेती करने के लिए उसके अनुकूल जलवायु का होना बहुत आवश्यक है। ऐसे में लाल पत्तागोभी की खेती (Red Cabbage Farming) खुले खेत में करने के लिए हल्की सर्द और ठंड जलवायु बेहतर माना जाता है। इस फसल की रोपाई के लिए सितंबर से नवंबर तक और जनवरी से फरवरी तक का महीना सबसे उत्तम माना जाता है। इन महिनों में किसान भाई लाल पत्तागोभी की रोपाई कर सकते हैं। हालांकि, लोटनल और पॉलीहाउस में किसी भी मौसम में इसकी फसल को उगाया जा सकता है।
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प्रति एकड़ कितने ग्राम बीज की होगी जरुरत
यदि लाल पत्तागोभी की किस्मों (Varieties of Red Cabbage) के बारे में बात करें तो आप रेड़ रॉक और रेड ड्रम हेड के किस्म के पौधों का चयन कर सकते हैं। बता दें कि, यदि आप बीज बौना चाहते हैं तो प्रति एकड़ 200 से 250 ग्राम बीज की आवश्यकता पड़ेगी। अब इसके पौधें को तैयार करने के लिए सबसे पहले ऊँची-ऊंची क्यारियाँ बनाया जाता है ताकि खेत में जल जमाव न हो। 20 से 25 दिनों में आप देखेंगे कि नर्सरी में इसके पौधें खेत में रोपाई के लिए तैयार हो चुके हैं।
लाल पत्ता गोभी के लिए कैसे करें खेत की तैयारी?
लाल पत्तागोभी (Red Cabbage Farming) एक उन्न्त किस्म का पौधा है जिसे यदि ऑर्गेनिक तरीके से उगाया जाए तो बेहतर उप्तादन की जा सकती है।
- इसकी बुवाई के लिए सबसे पहले खेतों में 3 से 4 बसर गहरी जुताई करके पाटा चलाया जाता है ताकि मिट्टी भुरभुरी हो सके।
- जुताई करने के बाद जब मिट्टी भुरभुरी हो जाए तो उसमें वर्मी कंपोस्ट या 15 से 20 टन गोबर की खाद डाल कर अच्छे से मिलाकर खेत तैयार किए जाता है।
- खेत की मिट्टी तैयार करने के बाद मिट्टी की जांच के अनुसार उसमें प्रति हेक्टेयर 40 किलो पोटास, 40 किलो फास्फोरस और 60 किलो नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- अब जब खेत बुवाई के लिए तैयार हो जाए तो उसमें 50 सेंटीमीटर की दूरी पर मेड़ बनाकर 30 से 35 सेमी की दूरी पर पौधों की रोपाई करें।
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कैसे करें पौधें की देखभाल?
खेत में इसके पौधों की रोपाई करने के 15 से 20 दिनों के बाद मिट्टी की निड़ाइ-गुड़ाई करें ताकि मिट्टी में मौजूद खरपतवार को निकाला जा सके। इससे पौधों का विकास अच्छी तरह से होता है।
- लाल पत्तागोभी की रोपाई करने के बाद एक बार सिंचाई करके फिर से 20 दिनों बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहें।
- लाल पत्तागोभी की रोपाई करते समय ध्यान रखें कि खेत में जलनिकासी का बेहतर प्रबंध हो क्योंकि यदि खेत में जल जमाव होगा तो पौधें सड़ जाएगें।
- फसल में आमतौर पर कीटों का खतरा बना रहता है जिससे पौधें खराब हो सकते हैं। ऐसे में इससे निजात पाने के लिए मोनोक्रोटोफॉस कीटनाशक का 2 % घोल का छिड़काव कर दें। इसके अलावा यदि आप चाहें तो नीम और गौमूत्र से निर्मित कीटनाशक का भी प्रयोग कर सकते हैं।
लाल पत्तागोभी का उत्पादन और आमदनी
लाल पत्तागोभी की रोपाई के बाद जब उसका आकर में मजबूत, बड़ा और लाल रंग का हो जाएं तो इसका अर्थ है कि पौधा कटाई के लिए तैयार है। कटाई करते समय ध्यान रखें कि लाल पत्तागोभी के ऊपर के दो पत्तों को निकाल दें। इससे वह अधिक समय तक ताजा रहेगी। यदि फसल की पैदावार की बात की जाए तो इसकी खेती से प्रति हेक्टेयर 200 क्विंटल तक उत्पादन होता है जिसकी मार्केट में 3 हजार से 6 हजार तक प्रति क्विंटल बिक्री हो सकती है। किसान भाई चाहें तो कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग या व्यवसायिक खेती के जरिए बिलाल पत्ता गोभी की खेती करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
उम्मीद करते हैं लाल पत्तागोभी की खेती (Red Cabbage Farming) के बारें में जानकर आपको अच्छा लगा होगा। ऐसे ही अन्य आर्टिकल्स पढ़ने के लिए The Logically के साथ बने रहें।