आज के दौर में ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती को घाटे का सौदा मान रहे है और इसे छोड़ आधुनिक खेती के तरफ अपना रुख कर रहे हैं। इस नए युग में नई पीढ़ी के कुछ लोग जिन्हे कृषि से बहुत लगाव है तथा वे इस क्षेत्र में कुछ नया करने का चाहत रखते हैं आधुनिक खेती के तरफ ध्यान दे रहे हैं तथा इससे लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।
झारखंड के देवरी गांव में होती है जोरो शोरो से अलोवेरा की खेती
बता दें कि, वर्ष 2018 में झारखंड के देवरी के रहने वाली महिला भागमनी तिर्की और उनके पति और गांव वालों ने बढ़ती अलोवेरा की मांग को देखते हुए इसकी खेती करनी शुरू की और आज इससे अच्छी कमाई कर रहे हैं।
उनका कहना है कि, आज में समय में अलोवेरा का मार्केट में खूब मांग है। यह अन्य पारंपरिक खेतियों की तुलना में काफी फायदा देने वाला खेती है। कोविड के दौरान बहुत सारी चीजों की मांग घटी थी लेकिन अलोवेरा की मांग समय भी बहुत थी।
देवरी गांव के पूरा किसान एक दूसरे से प्रेरित होकर अलोवेरा की खेती पूरा जोरो शोरो से कर रहे हैं और फिर उसे मार्केट में बेचकर अच्छी आमदनी भी प्राप्त कर रहे हैं।
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यूनिवर्सिटी ने सबसे पहले की अलोवेरा की खेती की शुरुआत
अलोवेरा की खेती की शुरुआत सबसे पहले बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (BAU) ने अपने इलाके में की थी। यूनिवर्सिटी के द्वारा अलोवेरा की खेती फंड इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च (ICAR) के फंड से किया गया।
औषधीय पौधे की खेती से किसान कर सकते हैं अच्छी कमाई
अलोवेरा की खेती को लेकर एक्सपर्ट भी यह जानना चाह रहे थे कि क्या सही में औषधीय पौधों की खेती से किसानों की आय बढ़ सकती है। अभी तक झारखंड के ज्यादातर किसान परंपरागत खेती ही करते आ रहे हैं इसलिए यह खेती उनके लिए एक नया अनुभव है।
देवरी में अलोवेरा की खेती देखकर अन्य किसान भी हो रहे प्रेरित
अलोवेरा की खेती के लिए क्षेत्र का एग्रो-क्लाइमेटिक स्थित जगह ठीक है। देवरी गांव के किसान अलोवेरा की खेती को करके बेहतर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। साथ हीं वे दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं। बहुत जल्द अब देवरी गांव को अलोवेरा गांव के रूप में जाना जाएगा।
न्बिरसा ओरियन ने बताया कि, उन्होंने तीन साल पहले अलोवेरा की खेती शुरू की और आज में समय में इससे उनकी अच्छी कमाई होती है। उनकी पत्नी ने बताया कि, अलोवेरा की खेती से अन्य खेती जैसे टमाटर, फूलगोभी या फिर दूसरी खेती के मुकाबले अच्छी कमाई प्राप्त हो रही है।