बंजर भूमि जिसमे लवणों की मात्रा अधिक होती है। लोगों का मानना है कि वैसे भूमि पर कुछ भी नहीं उगाया जा सकता। लेकिन हमारे देश के कई किसानों ने इस बात को झूठा साबित कर दिखाया है। कुछ किसानों ने इस बंजर जमीन पर फलों और सब्जियों की खेती कर मिसाल कायम की है, तो कुछ किसानों ने बहुत कम समय में इसे उपजाऊ बनाकर अपने जज़्बे और हौसलें से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे किसान की है जो दिल्ली में काम कर रहे थे और घर आकर बंजर भूमि को उपजाऊ बना दिये हैं।
सिपाही लाल (Sipahi Lal)
45 वर्षीय सिपाही लाल (Sipahi Lal) ने अंगदपुर (Angadpur) बहेलिया गांव से संबंध रखते हैं। यह लगभग 23 वर्षों से दिल्ली (Delhi) में रहते थे लेकिन अपने गांव आकर इन्होंने अपनी बंजर जमीन को लभगभ 122 दिनों में उपजाऊ बनाकर यहां के सभी किसानों का मनोबल बढ़ाया है। बंजर जमीन पर खेती करने का आईडिया इन्हें एक “ऊसर समिति” के बैठक से मिली।
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दिन-रात एक करके जमीन को बनाया हरा-भरा
सिपाही लाल ने दिन-रात फवारे से ख़ुदाई किया। साथ ही सिंचाई कर खेतों में पानी को संग्रहीत किये ताकि खेतों की मिट्टी में नमी बनी रहे। उन्होंने अपने और पड़ोसियों के घरों से निकले कचरों और गोबर की मदद से खाद बनाकर खेतों में डालना शुरू किया। लगभग 1 साल तक मेहनत करने के बाद उनकी मेहनत रंग लाई और उनकी बंजर भूमि उपजाऊ भूमि में परिवर्तित हो गईं। खेत को उपजाऊ बनाने में उन्हें 15 हजार रुपये की लागत खर्च हुई, लेकिन फसल के निलकने से यह लागत पहली बार में ही पूरी हो गई। जिससे सिपाही लाल को अधिक प्रसनता हुई।
इलाके के किसानों का मनोबल बढ़ा
सिपाही लाल की खेती से वहां के 46 किसानों ने भी बंजर जमीन पर खेती करनी शुरू की। शुरुआती दौर में सिपाही को सब पागल बोला करते और उन पर हंसते थे लेकिन इन्होंने अपने खेत को उपजाऊ बनाकर सबको चुप करा दिया। अब गैर सरकारी संस्था (NGO) भारतीय किसानों की सहायता भी कर रही है। रसूलपुर ब्लॉक में लगभग 300 से अधिक किसान सिपाही से प्रेरणा लेकर अपनी बंजर भूमि को उपजाऊ बनायें हैं। वर्तमान में भी किसान इस कार्य मे लगे हुयें हैं। Sipahi 45 वर्ष के उम्र में भी बंजर भूमि को उपजाऊ बनाकर सभी किसानों के लिए प्रेरणा बने। इसके लिए The Logically सिपाही लाल (Sipahi Lal) को सलाम करता है।