कृषि के साथ लोग मवेशी पालन कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं। मवेशी पालन के क्षेत्र में बकरी पालन एक बेहतरीन कार्य है। आज हम एक ऐसी महिला से बात करेंगे, जो फैशन डिजाइनिंग करने के बाद गोट फार्मिंग कर रही हैं। उनका नाम श्वेता तोमर (Sweta Tomar) है। गोट फार्मिंग के अलावा वह मुर्गी फार्मिंग और सीजनल सब्जियां भी उगाती है। साल 2015 में श्वेता इस क्षेत्र में काम करना शुरु की। उनका मानना है कि एग्रीकल्चर बस एक ऐसा फील्ड है, जो कभी बंद नहीं हो सकता इसकी डिमांड हमेशा बनी रहती है। – By goat farming, you can do more profit in the less capital.
श्वेता को शुरूआत में हुई काफी परेशानी
फैशन डिजाइनिंग करने के बाद श्वेता ने जब मुर्गी पालन और बकरी पालन करने का फैसला किया तो बहुत से लोगों ने उन्हें कहा कि इतने पढ़ने-लिखने के बाद यह करना अच्छा नहीं लगता, परंतु श्वेता अपने फैसले पर अटल रही जिसका नतीजा है कि आज वही लोग उनके कार्य की तारीफ करते हैं। इसके अलावा शुरुआत में श्वेता को लोन लेने में भी काफी परेशानी हुई थी। श्वेता के अनुसार गोट फार्मिंग करना आसान है और इसमें ज्यादा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।
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कम बकरियों के साथ करें शुरूआत
बकरी के दूध का कई तरह से प्रयोग किया जाता है। इससे कई तरह की बीमारियां ठीक होती हैं तथा अब लोग बकरी के दूध का प्रयोग फैशन के लिए भी कर रहे हैं। श्वेता के पास दो प्रकार की गोट मौजूद है सिरोही, दोगली बरबरी। उनके अनुसार अगर कोई गोट फार्मिंग करना चाहता है तो उसे शुरुआत में केवल 10 बकरियों के साथ ही आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि अगर वह बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं तो 20 बकरियों के साथ कर सकता है और जब आपको यह प्रक्रिया अच्छी तरह समझ आ जाए तब आप 50 बकरियों के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
ट्रैनिंग लेने के बाद ही करें फार्मिंग की शुरूआत
श्वेता किसानों को सलाह देती हैं कि ट्रेनिंग लेने के बाद ही आपको गोट फार्मिंग या किसी भी तरह की फार्मिंग की शुरुआत करनी चाहिए। इस तरह की ट्रेनिंग आप सरकार द्वारा चलाई जा रही है या फिर किसी एनजीओ से भी ले सकते हैं। इसके अलावा श्वेता भी गोट फार्मिंग की ट्रेनिंग देती है। उनके अनुसार ट्रेनिंग लेने से फ्यूचर में किसी भी तरह की समस्या नहीं आती है क्योंकि सभी मुसीबतों के बारे में पहले से पता होता है। अगर किसान के पास गोट को रखने के लिए शेड की व्यवस्था ना हो तो वह उसे एक नॉर्मल कमरे में भी रख सकता है। इन्हें ऐसे कमरे में रखें जिसमें कम से कम 2 खिड़की और एक दरवाजा हो और नीचे का फर्श मिट्टी या बाजरा का हो, जिससे वह पानी सोख लें। – By goat farming, you can do more profit in the less capital.
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कम लागत में भी कर सकते है गोट फार्मिंग
श्वेता बताती है कि छोटे किसानों के लिए बटेर पालन का काम आसान है क्योंकि उसके बच्चें 7 से 8 रूपए में मिल जाता है। कई प्रकार की गोट होती है कुछ एक बार में एक, कोई दो या कोई एक बार में 5 बच्चे भी दे सकती हैं। हालांकि श्वेता के अनुसार एक साथ दो बच्चे देने वाली गोट सबसे बेहतर होती है। एक गोट को खिलाने में पूरे महीने में केवल 300 रूपए का खर्च होते हैं जबकि उसके बच्चे 3 महीने तक कुछ नहीं खाते केवल दूध से पलते हैं। उसके बाद धीरे-धीरे खाना शुरू करते हैं।
दो गोट के साथ भी कर सकते हैं गोट फॉर्मिंग की शुरूआत
गोट दो साल में लगभग तीन बार डिलीवरी करती है। गोट फार्मिंग से होने वाले मुनाफे की बात करें तो उसके बच्चे भी 3 से 4 हजार तक बिकते हैं और जब गोट 14 महीने की हो जाए तो वह 6 से लेकर 15 हजार तक बिकती है। अलग-अलग वैरायटी के गोट के अनुसार उनकी कीमत रहती है। श्वेता के अनुसार एक गोट पर लगभग 5 हजार तक की कमाई की जा सकती है। श्वेता आखिर में कहती हैं कि अगर कोई अपने जॉब के साथ गोट फार्मिंग करना चाहता है तो यह भी मुमकिन है। आप दो गोट के साथ शुरुआत कर सकते हैं और जब आपको मुनाफा होने लगे तो आप जॉब छोड़ कर फुल टाइम फार्मिंग कर सकते हैं। – By goat farming, you can do more profit in the less capital.