बीते कई महीनों से कुछ ऐसी समाजिक संस्थाएं (Social Organisation) सक्रिय हैं जो सोशल वर्क के बैनर तले कई असमाजिक और गैरकानूनी कामों को अंजाम दे रही हैं। ताज्जुब की बात यह है अपने आसपास होते हुए भी हम इनको सही से परख नहीं पाते। दरअसल, हाल ही में दिल्ली के दो चाइल्ड केयर होम (Child care home) पर आतंकियों से जुड़ी संस्था से फंड लेने के आरोप लगे हैं।
रिपोर्ट में सामने आई चौंका देने वाली बात
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की शिकायत पर महरौली थाना पुलिस ने दोनों शेल्टर होम के प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। दरअसल शक तब हुआ जब आयोग की टीम ने चाइल्ड केयर होम का पिछले दिनों दौरा किया था। इसके बाद आयोग के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो के नेतृत्व में रिपोर्ट तैयार की गई जिसमेंं फंड लेने का जिक्र किया गया है।
बच्चों के साथ होता है यहां यौन शोषण
आयोग के चेयरमैन की रिपोर्ट और पुलिस में दी गई शिकायत के अनुसार लड़कों के ‘उम्मीद अमन होम’ में बच्चों के साथ यौन शोषण हो रहा था। यहां वर्ष- 2012, 13 व 2016 में भी यौन शोषण की शिकायत मिल चुकी है। लड़कियों के शेल्टर होम का नाम ‘खुशी रेनबो होम’ है।
आतंकी संगठन कर रहे थे फंडिंग
आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों चाइल्ड केयर होम को चलाने वाले एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज को इस्लामिक रिलीफ वर्ल्डवाइड से 35 लाख रुपये का फंड मिला है। यह संस्था हमास जैसे आतंकी संगठन को भी फंडिंग करती है, जिस कारण यह बांग्लादेश में प्रतिबंधित है।
सीएए-एनआरसी विरोधी धरनों में जबरदस्ती भेजे जाते थे बच्चे
आयोग के अधिकारी ने बताया कि कई कार्यों के लिए इन चाइल्ड होम में सरकार की नजर से छिपाकर पैसे लाए जा रहे थे। बच्चों के साथ दुव्र्यवहार की मिल रहीं शिकायतों के बाद दौरा कर आयोग की टीम ने जांच की। टीम ने पाया कि बच्चों को पोर्टा केबिन में रखा जाता था। सीनियर व जूनियर बच्चों के बाथरूम अलग न होने के कारण सीनियर बच्चे जूनियर बच्चों का यौन शोषण कर रहे थे। यहां के लड़के-लड़कियों को अवैध तरीके से सीएए-एनआरसी (नागरिकता संशोधन कानून-राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) विरोधी धरना-प्रदर्शनों में भीड़ बढ़ाने के लिए जबरदस्ती ले जाया जाता था।