Monday, December 11, 2023

भारत की पहली महिला IAS अधिकारी जिन्होंने सिस्टम से लङा और इतिहास लिखा: प्रेरणादायक व्यक्तित्व

यूपीएससी (UPSC) एग्जाम के बारे में हम सभी जानते हैं। हम ये भी जानते हैं कि ये एग्जाम क्रैक करने के बाद हीं कोई शख़्स आईएएस (IAS) आइपीएस (IPS) या फिर आरएएस (IRS) के पोस्ट पर तैनात होता है। आज भले हीं हमारे देश की महिलाएं हर क्षेत्र में कार्यरत हैं।

आज की हमारी यह कहानी उस महिला की है जिन्होंने सिस्टम से लड़ा और देश की पहली आईएएस अधिकारी बनी। उन्होंने इतिहास के पन्नों पर आईएएस अफसर बनकर महिलाओं का बर्चस्व कायम किया और अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा।

महिलाओं को नहीं था नागरिक सेवा में हिस्सा लेने का हक

आजादी के उपरांत हमारे देश की महिलाओं को यह अनुमति नहीं थी कि वे आईईएस (IAS) और आईपीएस (IPS) के साथ किसी भी प्रकार के नागरिक सेवा में भागीदारी दें। हालांकि हमारे देश में प्रतिभाशाली महिलाओं की कमी भले हीं कोई नहीं थी परंतु उन्हें इससे वंचित रखना था, जो कि हमारे देश के व्यवस्था की बहुत बड़ी कमी थी। परंतु आजादी के मात्र 1 वर्ष के उपरांत ही यह घोषणा कर दी गई कि महिलाएं भी नागरिक सेवा की पात्र होंगी। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

First Indian Woman IAS Officer create History got Padmabhushan

उस वक़्त थी पितृसत्ता हावी

यह उस दौर की बात है जब हमारे देश में महिलाओं को बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था क्योंकि उस वक्त चारों ओर पितृसत्ता हावी थी। उस वक्त कोई भी नहीं चाहता था कि किसी महिला को आईएएस ऑफिसर (IAS) के रूप में देखा जाए। परंतु इस दौर में केरल की अन्ना जॉर्ज (Anna George) या अन्ना राजमा मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) नामक नॉर्मल सी लड़की ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए जी जान लगा दी। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

First Indian Woman IAS Officer create History got Padmabhushan

इंटरव्यू के दौरान किया गया हतोत्साहित

जब वर्ष 1951 में यूपीएससी परीक्षा का रिजल्ट पारित हुआ उस वक्त सफल कैंडिडेट्स की श्रेणी में एक महिला का नाम शामिल था। वह नाम अन्ना जॉर्ज (Anna George) या अन्ना राजमा मल्होत्रा (Anna Rajam Malhotra) का था जिन्होंने इतिहास के पन्नों में स्वयं का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा था। परंतु उनकी चुनौती यहीं समाप्त नहीं हुई। यूपीएससी द्वारा संचालित 4 आईएएस ऑफिसर की मौजूदगी में उन्हें इंटरव्यू के दौरान हतोत्साहित किया गया। उन्हें बताया गया कि वह केंद्रीय सेवाओं एवं विदेश सेवाओं को चुने, परंतु उन्होंने मद्रास कैडर को चयनित किया। उसी वर्ष प्रथम प्रयास में उनकी नियुक्ति आईएएस ऑफिसर के पोस्ट पर हुई। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

अपनी घुड़सवारी और शूटिंग प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने स्वयं को किसी भी पुरुष से कम नहीं समझा। उन्होंने बेहद कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए एक बेहतर आईएएस ऑफिसर (IAS) बनकर लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी कार्य को कर सकती हैं। अगर आप उनकी माने तो लोग यह कहा करते थे कि उनका कोई भी फैसला सही नहीं है और उनकी सारी मेहनत बेकार होगी। परंतु उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ और उन्होंने हर कठिनाइयों का सामना सफलतापूर्वक किया। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

First Indian Woman IAS Officer create History got Padmabhushan

किया है 7 मुख्यमंत्री के साथ कार्य

उन्होंने अपने जीवन में ऐसे बहुत से महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं जिससे उनकी काफी सराहना होती है। उन्होंने वर्ष 1982 में एशियाड परियोजना में राजीव गांधी की मदद की थी। उस वक़्त उनके पैर में चोट थे फिर भी उन्होंने खाद्य उत्पादन पैटर्न का स्टडी करने के लिए 8 स्टेट की यात्रा पर इंदिरा गांधी का साथ दिया। अपने कार्यकाल में उन्होंने 7 अलग-अलग सीएम के साथ नायाब तरीके से कार्य किया है। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

First Indian Woman IAS Officer create History got Padmabhushan

मिला है पद्मभूषण सम्मान

उन्होंने वर्ष 1979 में भारत द्वारा प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित भी किया गया है। उन्हें पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया है। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है परंतु आज वह उस हर महिला के लिए उदाहरण है जो अपने सपने को साकार करने के लिए सारी बाधाओं को तोड़ती हुई आगे बढ़ती हैं। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra

जो कार्य हमारे देश की महिला आईएएसपी अधिक अन्ना जॉर्ज ने की है वह बेहद प्रेरणादायक है। उन्हें लोग हमेशा उदाहरण के तौर पर अन्य बेटियों के समक्ष रखते हैं ताकि वो भी उनकी तरह काबिल बन सकें। – India’s First lady IAS Officer Anna Rajam Malhotra