Tuesday, December 12, 2023

ऑफलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चों को दे रही हैं मुफ्त शिक्षा, कोयंबटूर की पहली महिला ग्रेजुएट ‘संध्या’ की शानदार पहल

कोरोना (Corona) के वजह से लगे लॉकडाउन (lockdown) का असर ना केवल रोज़गार पर पड़ा है, बल्कि पढ़ाई के क्षेत्र में भी इसका बहुत बुरा असर देखने को मिला है। ऐसे में दुनियाभर के स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई की शुरूआत हुई लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई से उन बच्चों की मुसीबत और बढ़ गई, जिनके पास गैजेट की कमी है या ऑनलाइन क्लासेस के लिए इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा नहीं है। – first women graduate

संध्या चिन्नमपेथी आदिवासी गांव की पहली ग्रेजुएट लड़की है

ऐसी हालत में संध्या (Sandhya) उन लोगों के मदद के लिए आगे आई, जिनकी जिंदगी लॉकडाउन के वजह से रुक गई थी। संध्या कोयंबटूर (Coimbatore) के चिन्नमपेथी आदिवासी गांव की पहली महिला हैं, जिन्होंने ग्रेजुएशन किया है। वह यहां के जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रही हैं। संध्या बताती हैं कि वह इन बच्चों को सभी विषय पढ़ाती हैं। लॉकडाउन के बीच वह तमाम मुश्किलों के बावजूद बच्चों को शिक्षित करने में जुटी हुई है। – first women graduate

First women graduate Sandhya from Coimbatore is giving free education to children

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मुफ्त में पढ़ाती हैं गरीब बच्चों को

संध्या बताती हैं कि इस गांव में कुछ ऐसे भी परिवार है, जिनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि वे अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज पाते। चिन्नमपेथी गांव के ज्यादातर बच्चे गरीबी के वजह से प्राइमरी या मिडिल स्कूल की पढ़ाई के बाद स्कूल जाना छोड़ देते हैं। संध्या (Sandhya) इन सभी बच्चों को मुफ्त में पढ़ाती हैं। पढ़ाई के अलावा संध्या बच्चों को लोक नृत्य और संगीत भी सिखाती हैं। – first women graduate

The Logically संध्या द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों के लिए उनकी प्रसंशा करता है।