किसी ने बहुत खुबसूरत बात कही है, “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत”। यदि इन्सान के अंदर कुछ कर गुजरने का दृढ़ निश्चय हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है फिर चाहे उस राह में कितनी भी बाधाएं क्यों न आएं। व्यक्ति का हौसला ही उसे चुनौतियों से लड़ते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचने की हिम्मत देता है।
उपर्युक्त कथन को एक बार फिर से पांच सहेलियों ने सत्य साबित कर दिखाया है। ये पांचों सहेलियां अपने चट्टान जैसे हौसले के साथ सभी के तानों को सुनते हुए आगे बढ़ती गईं और आखिरकार खुद का स्टार्टअप शुरु करके ही दम लिया। इसी कड़ी में चलिए जानते हैं इन सहेलियों के प्रेरणादायक सफर के बारें में-
पांच सहेलियों ने मिलकर शुरु किया कुल्हड़ मैगी स्टॉल (Kulhad Maggi Stall)
हम बात कर रहे हैं पांच ग्रेजुएट सहेलियों की, जो खुद के पैरों पर खड़ा होने के लिए एक स्टार्टअप की शुरुआत की हैं। इन दोस्तों ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के उत्तरी कैम्पस में पुरानी लॉ फैकल्टी के पास मैगी का स्टॉल (Kulhad Maggi Stall in DU) चलाती हैं जिसका नाम ODS है। उनके इस स्टार्टअप की खासियत यह है कि वह ग्राहकों को कुल्हड़ में मैगी परोसती हैं जो बेहद स्वादिष्ट होता है बता दें कि, सीमा, प्राची सिंह और शिवानी स्टॉल सम्भालती हैं और अन्य दो दूसरा काम करती हैं।
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सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक चलाती हैं स्टॉल
पांचों दोस्तों ने अपने काम की शुरूआत सबसे पहले साल 2021 में इंद्रलोक में की थी लेकिन वह महज 5 महीने तक ही वहां टिक पाई। दरअसल, इसके पीछे की वजह यह है वहां शराब की कई दुकानें थीं जिस वजह से इन दोस्तों के लिए वहां मैगी का स्टॉल लगाकर बिजनेस करने में कठिनाई हो रही थी। ऐसे में उन्होंने अपना स्टॉल वहां से हटाकर दिल्ली यूनिवर्सिटी में लगाना शुरु किया। वह सुबह 10 बजे से लेकर शाम के 7 बजे तक स्टॉल चलाती हैं।
कैसे आया मैगी बेचने का ख्याल?
दरअसल, ये पांचों सहेलियां कॉलेज की फ्रेंड हैं और सभी की उम्र लगभग 20-21 वर्ष है। उन्होंने कॉलेज के दिनों में ही खुद का कुछ अलग करने का सोचा था लेकिन आर्थिक स्थित दयनीय थी। ऐसे में उन्होंने नौकरी करने का फैसला किया लेकिन जॉब में भी उनका अच्छा अनुभव नहीं रहा। यही वह समय था जब वह खुद का कुछ कर सकती थीं और तभी पांचों ने मिलकर खुद का बिजनेस शुरु करने का फैसला किया।
बिजनेस में कुछ अलग करने के विचार से उन्हें कुल्हड़ में मैगी बेचने का आइडिया आया और इस तरह कुल्हड़ मैगी स्टॉल (Kulhad Maggi Stall) का सफर शुरु हुआ। पांचों दोस्तों ने कुल्हड़ मैगी स्टॉल का नाम ODS रखा, जिसका अर्थ होता है ओम-ध्रुव-स्टार अर्थात ओम का मतलब युनिवर्सल साउंड, ध्रुव का मतलब पोल स्टार, और स्टार का अर्थ उनके ग्राहक। इस तरह उन्होंने बड़े ही युनिक नाम के साथ अपने बिजनेस की शुरूआत किया।
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आसान नहीं था सफर
इन पांचों दोस्तों के लिए इस बिजनेस को शुरु करने का सफर आसान नहीं था। दरअसल, उन्होंने जब मैगी स्टॉल लगाना शुरु किया तो उन्हें लोगों के ताने सुनने पड़े। यहां तक कि कुछ ने यह भी कहा कि क्या तुम्हारे मां-बाप नहीं है जो ठेला पर मैगी बेच रही हो। इसके अलावा कुछ लोगों ने यह भी कहा कि ग्रेजुएट होने के बाद भी मैगी बेच रही हो। इतना ही नहीं उनके इस काम में उनके घरवालों ने भी साथ नहीं दिया। उनका कहना था कि यदि 6 माह तक कुछ नहीं हुआ तो इस काम को बन्द करना पड़ेगा।
लोगों के ताने और घरवाले का सपोर्ट न मिलना इन दोस्तों को कमजोर नहीं किया तो उनके स्टॉल को तोड़ने का भी काम किया गया। दरअसल, पांचों सहेलियां जहां स्टॉल लगाती थीं वहां पहले से मौजूद मैगी स्टॉल इस बात की स्वीकार नहीं करना चाहते थे कि इनका भी स्टॉल लगे। इतनी सारी चुनौतियों का सामना करने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और आगे बढ़ती गईं। पहले उन्हें जमीन पर स्टॉल लगाना पड़ता था लेकिन अब वह प्रोपर अपना स्टॉल लगाती हैं।
कुल्हड़ में परोसती हैं मैगी
ये सहेकियां अपने ODS नामक मैगी स्टॉल पर कुल्हड़ में मैगी परोसती है, जो लोगों को काफी पसंद आता है। इसके अलावा उनके स्टॉल पर राजमा-चावल भी परोसा जाता है। कुल्हड़ में मैगी परोसने के बारें में वह बताती हैं कि, यह ईको-फ्रेंडली है और इससे पर्यावरण को नुक्सान नहीं पहुंचता है साथ ही इससे रोजगार भी सृजित होता है। इसलिए वह लोगों के बीच कुल्हड़ वाइब लाना चाहती हैं।
उम्मीद करते हैं इन पांचों सहेलियों की यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी। ऐसे ही अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए The Logically के साथ जुड़े रहें।