Tuesday, December 12, 2023

अंग्रेजों के जमाने की आटा चक्की: पानी से चलती है और इसे 168 साल पहले बनवाया गया था, आज भी काम करता है

बिजली से चलने वाली आटा (Flour) चक्की को तो हर किसी ने देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी पानी से चलने वाली आटा चक्की को देखा है या उसके बारे में जानते हैं। अगर नहीं, तो आइए आज हम आपको पानी से चलने वाली अद्भुत आटा चक्की के बारे में बताएंगे।

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में आज भी अंग्रेजों के जमाने की चक्की मौजूद है और इसकी खासियत यह है कि, यह बिजली से नहीं बल्कि पानी से चलती है। यहां के रहने वालें लोगों का मानना है कि इस चक्की से पीसे आटे को खाने से पथरी, गैस जैसी अन्य समस्या उत्पन्न नहीं होती है।

वैसे आज के दौर में लोग पैकेट वाली चीजों को खाना पसंद करते हैं। अब किचन के अधिकतर समान बाजार से पैकेट वाली हीं खरीद कर आती है। लेकिन एक समय हमलोग अपने खेतों में उपजाए गए गेहूं को धोकर और धूप में सुखाकर आटे की चक्की में पीसने को देते थे और उससे पीसे हुए आटे को हम खाते थे। लेकिन इस गांव में आज भी लोग चक्की से पीसे हुए हीं आटे को खाते हैं और इस गांव की कई पीढ़ियां इसी चक्की से पीसे हुए आटे को खाती हुई आ रही है।

Flour mill of english time which runs on water

पूरे गांव के लोग इसी चक्की से पीसे हुए आटे को खाते हैं।

यह चक्की मुजफ्फरनगर के भोपा क्षेत्र में है और यहां के लोगों का कहना है कि, इस चक्की को अंग्रेजों ने 168 साल पहले 1850 में बनवाई थी। उस जमाने से यह चक्की लगातार चली आ रही है और पूरा गांव इसी चक्की से पीसा हुआ आटे का सेवन करता है। चूकि गांव के लोगों का मानना है कि इस चक्की से पीसे आटे को खाने से पथरी, गैस जैसी अन्य समस्या उत्पन्न नहीं होती है।

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इस गांव की कई पीढ़ियों ने खाया इस चक्की से पीसा आटा

इस चक्की को भारत का सबसे पुराना चक्की माना जाता है और इसको पनचक्की के नाम से जाना जाता है। इस चक्की से पीसा हुआ आटा एकदम ठंडा होता है। अब-तक इस गांव की कई पीढ़ियों ने इस चक्की से पीसे हुए आटे को खा लिया है।

वीडियों देखें:-

नहर के पानी से चलती है, यह चक्की

यह चक्की नहर के पानी से चलती है और इसके द्वारा पीसे हुए आटे में गेहूं के सभी गुण बने रहते हैं। साथ हीं यह कई बीमारियों को उत्पन्न होने से बचाती है। साथ हीं आपको बता दें कि, इस चक्की में तौलने के लिए कोई तराजू नहीं है और ग्राहक को खुद हीं अपना आटा पिसना पड़ता है।

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