Wednesday, December 13, 2023

किसान आंदोलन में पहुंचा यह सख्स, किसानों का फ्री में बाल-दाढ़ी बना रहा है

किसान आंदोलन अपनी कितनी चरम सीमा पर है, यह तो सबको दिख रहा है। लगातार ठंडी बढ़ती जा रही है लेकिन किसानों का हौसला कम नहीं हो रहा है। कोई इनकी मदद करने के लिए रोटी की मशीनें लगवा देता है, तो कोई वॉशिंग मशीन का इंतजाम कर देता है, वहीं कुछ लोग आगे बढ़कर इनकी दवाइयों का बंदोबस्त कर देते हैं, तो कोई कपड़े बटवा देता है, इसके साथ ही कई जरूरी चीजों को भी आवश्यकता अनुसार इनके पास बांटा जा रहा है।

लेकिन आज हम जिस शख्स के बारे में बात करने जा रहे हैं उनका जो योगदान है वह कुछ हट कर है। हम बात कर रहे हैं कुरुक्षेत्र के लव सिंह ठाकुर के बारे में।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चलाते हैं पार्लर

लव सिंह का हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक पार्लर चलता है। लेकिन किसानों की मदद करने के लिए उन्होंने अपना पार्लर सिंधु बॉर्डर पर ला खड़ा किया है। यहां जरूरतमंद आते हैं और वह बिना पैसे लिए उनके बालों को, या दाढ़ी को काटने का काम कर रहे हैं। कुछ लोग यहां हजामत के लिए आते हैं, तो कुछ अपने सिर के मालिश के लिए, तो वहीं कुछ लोग अपने बालों को रंगवाने के लिए। मानवता के इस मिसाल ने एक रुपए की भी मांग नहीं की।

Free saloon service at farmers protest

पार्लर जैसा माहौल देने के लिए ट्रक का किया इस्तेमाल-

दरअसल शीशे लगवाने के लिए उन्होंने ट्रक का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही यहां तीन आरामदायक कुर्शियां भी लगाई गई हैं, जहां लोग आराम से आकर बैठते हैं और मदद लेते हैं। यहां दिन भर लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, और यह युवक बिना किसी लोभ लालच के लोगों की मदद कर रहा है।

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पत्नी और खुद मिलकर चलाते हैं पार्लर-

जब पार्लर के बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि पार्लर को वह और उनकी पत्नी मिलकर चलाते हैं। जब उन्हें पता चला कि किसान आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और लोग यहां से हिल भी नहीं रहे तो, उन्हें लगा कि उनका योगदान यहां पर करना जरूरी है। इनकी पूरी टीम यहां पहुंच गई और लोगों की मदद करने लगी। दिन भर में कम से कम डेढ़ सौ – से 200 लोग यहां आते हैं और, अपने बाल आदि कटवाते हैं।

देश विदेशों में घूमते रहते हैं-

लव सिंह देश-विदेश घूमते रहते हैं। इनका हर वर्ष कहीं ना कहीं जाने का प्लान होता ही है। इस बार भी उनकी पत्नी का जन्मदिन था, और इनका विदेश जाने का प्लान था लेकिन समय की मांग को देखते हुए इन्होंने किसानों के लिए खड़ा होना ज्यादा जरूरी समझा।

The Logically इनके निस्वार्थ सहयोग को सलाम करता है और उम्मीद करता है कि लोग इस कहानी से यह जानेंगे कि दूसरों की मदद करना कितना आसान है और हमें हर स्थिति के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।