Wednesday, December 13, 2023

लाखों रुपये/क्विंटल बिकने वाली लाल चंदन की खेती कैसे करें? यह खेती आपको बना सकती है मालामाल: तरीका जानें

प्रकृति ने हमें बहुत सारे बहुमूल्य उपहार दिया है, जिसमे से एक लाल चंदन भी है। लाल चंदन (Red Sandalwood) हमारे लिए बहुत हीं लाभकारी है और इसके बहुत सारे फायदे हैं। क्या आप जानते हैं, लाल चंदन का उपयोग भगवान के पूजा से लेकर उनके मूर्तियां बनाने में भी होती है। इसके अलावें इसका उपयोग शर्बत बनाने से लेकर इत्र निर्माण तथा अन्य कई चींजों में किया जाता है। इसलिए दिन-प्रतिदिन इसकी डिमांड मार्केट में बढ़ रही है, जिस वजह से इसको बेचने पर अच्छे भाव मिल रहे हैं। ऐसे में अगर इसकी खेती की जाए तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।

कई नामों से जाना जाता है यह पेड़

वैसे तो लाल चंदन (Red Sandalwood) को जंगली पेड़ माना जाता है, जो एक छोटा पेड़ होता है और यह 5-8 मीटर ऊंचाई तक बढ़ता है। अगर इस पेड़ की रंग की बात की जाए तो यह गहरे लाल रंग का होता है और इसको अल्मुग, सौंडरवुड, रेड सैंडर्स, रेड सैंडर्सवुड, रेड सॉन्डर्स, रक्त चंदन, लाल चंदन, रागत चंदन, रुखतो चंदन आदि नामों से पहचाना जाता हैं। लाल चंदन के पेड़ का वैज्ञानिक नाम पटरोकार्पस सैंटालिनस है।

कहां पाया जाता है यह पेड़?

लाल चंदन (Red Sandalwood) का पेड़ भारत के पूर्वी घाट के दक्षिणी भागों में पाया जा सकता है तथा इस पेड़ को ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती है। इसके अलावें इस पेड़ की प्रजाति का विकास बेहद हीं धीमी गति से होता है और सही मोटाई हासिल करने में कुछ दशक लग जाते हैं।

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक टन लाल चंदन को लकड़ी की कीमत 20 से 40 लाख रुपए

वैसे माना जाता है कि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक टन लाल चंदन (Red Sandalwood) की लकड़ी की कीमत 20 से 40 लाख रुपए के बीच है। विशेष रूप से इसकी लकड़ी की मांग चीन और जापान जैसे देशों में काफी है। साथ हीं अपने देश में भी इसकी मांग बहुत ज्यादा है। बढ़ती मांग को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अगर कोई किसान इसकी खेती करें तो वह काफी मुनाफा कमा सकता है। लाल चंदन का प्रत्येक पेड़ 500 किलोग्राम 10 साल की उपज देता है।

लाल चंदन की खेती के लिए जलवायु

बता दें कि, चंदन की खेती रेतीले और बर्फीले इलाकों में नहीं हो सकती है। इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमद मिट्टी तथा शुष्क गर्म जलवायु की जरूरत होती है। उस मिट्टी का पीएच मान 4.5 से 6.5 होना चाहिए। अगर भारत में इसकी खेती के लिए महीनों की बात करें तो सबसे उचित मई से जून का महीना होता है।

Full farming process red sandalwood

सरकारी या प्राइवेट नर्सरी से 120 रुपए से 150 रुपए तक में मिल सकता है लाल चंदन का पौधा

अगर आप लाल चंदन की खेती करना चाहते हैं तो इसका पौधा आपको सरकारी या प्राइवेट नर्सरी से 120 रुपए से 150 रुपए तक में मिल सकता है। बता दें कि, लाल चंदन के पौधे के साथ एक होस्ट का पौधा भी लगाना होता है।

ऐसा माना जाता है कि होस्ट की जड़े, लाल चंदन की जड़ों जैसी होती है इसलिए इसका पौधा इसके साथ लगाना चाहिए ताकि लाल चंदन के पौधे का विकास तेजी से हो। होस्ट पौधे की कीमत की बात करें तो इसकी कीमत करीब 50 से 60 रुपए होती है। लाल चंदन के पौधे को लगाते समय इस बात का ध्यान रखे कि होस्ट के पौधे को चंदन के पौधे से 4 से 5 फुट की दूरी पर हीं लगाए।

भूमि की बार-बार होती है जुताई

लाल चंदन को लगाने से पहले हीं एक से तीन बार ट्रैक्टर से जुताई करें और फिर कल्टीवेटर से खेत की जुताई कर खेत की मिट्टी को भुरभुरा बना लें तथा मिट्टी को समान करने के लिए पाटा लगाएं। इसके बाद खेत में 45 सेमी x 45 सेमी x 45 सेमी आकार के साथ 4 मीटर & 4 मीटर की दूरी पर गड्ढे खोदकर लाल चंदन के पौधे दो 10 x10 फीट की दूरी में लगाया जा सकता है।

बता दें कि, यदि आप लाल चंदन में पेड़ को लगा रहे हैं तो इसको कभी भी लगाया जा सकता है लेकिन यदि आप पौधा लगा रहे हैं तो दो से तीन वर्ष का पौधा लगाना ही बेहतर होता है।

कैसा उर्वरक का करें उपयोग?

अगर हम लाल चंदन (Red Sandalwood) के उर्वरक की बात करें तो 2-3 टोकरी गोबर की सड़ी हुई खाद, 2 किलो नीम की खली, 1 किलो सिंगल सुपर फास्फेट को बरसात के शुरुआती दिनों में मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर गड्ढा भर देना चाहिए।

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कब करे सिंचाई?

हमे लाल चंदन (Red Sandalwood) के खेत की सिंचाई पौधों की रोपाई के तुरंत बाद करनी चाहिए। इसके बाद मौसम की स्थिति के आधार पर 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की जानी चाहिए। बरसात के मौसम खत्म होने के बाद थाला बनाकर सिंचाई करनी चाहिए।

वैसे लाल चंदन के पौधों को हफ्ते में 2 से 3 लीटर पानी की जरूरत होती है। हमें सिंचाई के दौरान इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि चंदन के पौधों के पास जल का भराव न हो क्योंकि चंदन के पेड़ को पानी के लगने से ही बीमारी होती है।

खरपतवार को साफ करते रहें

वैसे हम जानते हैं कि, सभी फसलों के आस-पास खरपतवार उग जाते है। ठीक वैसे हीं लाल चंदन में पौधें के पास भी खरपतवार उग जाते हैं और वे पौधों के विकास को रोक देती है। इसलिए हमें समय-समय पर खरपतवार को खेत से साफ करना चाहिए और उसे कहीं दूरी पर फेक देना चाहिए।

इसके अलावा लाल चंदन (Red Sandalwood) के पास इसकी पत्ती खाने वाली इल्ली का भी प्रकोप रहता है और यह अप्रैल से मई तक फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए हमें साप्ताहिक अंतराल पर दो बार 2 प्रतिशत मोनोक्रोटोफॉस का छिडक़ाव करना चाहिए ताकि यह नियंत्रण में रहे।

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