कहते है कि शौक बड़ी चीज़ होती है और आग इस शौक़ के साथ आपका पेश जुड़ जाए तब तो सोने पर सुहागा हैं। पेशे से एक परिवक़्ते स्कूल में टीचर संगीता श्रीवास्तव (Sangeeta srivastava) ने अपने शौक़ को बहुत खूबसूरती से अपने पेशे में ढाला हैं उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद ज़िले के इंदिरापुरम की रहने वाली संगीता श्रीवास्तव (Sangeeta srivastav)को बचपन से ही बागबानी का शौक़ था पर काम के व्यवस्ता के कारण वह इस शौक को समय नही दे पायी। जब ज़िम्मेदारिया थोड़ी कम हुई तब इन्होने अपने बागबानी के शौक के लिए समय निकाला और घर के छत पर ही बागबानी लगा दी।
10 पौधों से शुरुआत की, आज हैं 100 से भी ज़्यादा पौधे
संगीता बताती है कि इन्होंने 6 साल पहले बागबानी की शुरुआत की थी। शुरुआत में 10 पौधे लगाए थे पर आज इनके घर की छत पर 100 से भी ज़्यादा पौधे नज़र आएंगे। इनमें कुछ सजावट तो कुछ औषधीय गुण वाले पौधे है। एलोवेरा, नीम, तुलसी, गिलोय जैसे पौधे आपको इनके टेरेस गार्डन में मिलेंगे।
छत पर जैविक खेती भी करती हैं
संगीता अपनी घर की छत पर बागबानी के अलावा जैविक खेती भी करती हैं। इनकी छत पर आपको आम, कीवी, भिंडी, लौकी, बैगन, पालक आदि भी देखने को मिल जाएंगे। छत पर की गई इस खेती से संगीता की बाज़ार पर निर्भरता कम हो गयी हैं और साथ ही बाजार के केमिकल रहित फल-सब्ज़ियों से भी बच गयी।
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बागबानी के लिए बेकार पड़े सामानों का प्रयोग
संगीता के टेरेस गार्डनिंग की खासियत यह हैं कि वह इसमे बेकार पड़े समान का उपयोग करती हैं। वह पौधे लगाने के लिए पुराने डिब्बे, बर्तन, पुराने कपड़े, बाल्टी से लेकर आटे और चावल के बैग तक का इस्तेमाल करती हैं। पौधों की सिंचाई के लिए आर ओ के बेकार पानी को उपयोग में लाती हैं। खाद के लिए भी किचन वेस्ट का ही प्रयोग करती हैं। साथ ही वह अपने स्कूल के बच्चों को भी बागबानी के लिए वेस्ट मटेरियल का प्रयोग करने की सलाह देती हैं।
बागबानी के माध्यम से हिंदी व्याकरण और विज्ञान पढ़ाती हैं
संगीता पेशे एक अध्यापक हैं। इनका एक यूट्यूब चैनल भी हैं। जहाँ यह बच्चों को बागबानी सिखाती हैं और पौधों के माध्यम से हिंदी व्याकरण और विज्ञान पढ़ाती हैं। इन्होंने यूट्यूब चैनल की शरुआत 4 साल पहले की थी और हर रविवार को अपने चैनल पर वीडियो डालती हैं।
बागबानी के लिए कुछ सुझाव:-
संगीता सफल बागबानी के लिए कुछ सुझाव भी देती हैं।
- मिट्टी और खाद की मात्रा सही अनुपात में रखे।
- बागबानी की शरुआत आसानी से लगने वाले पौधों से करे।
- रोज़ 1-2 घंटे बागबानी में दे।
- नियमित रूप से पौधों की कटाई-छटाई करते रहे।
लोगो से अपील
संगीता लोगो से अपील करती है कि आज के तनाव भरे जीवन मे बागबानी करे । इससे तनाव मुक्त रहने मे मदद मिलती हैं।