Wednesday, December 13, 2023

गरीबी में गली-गली गोबर उठाता करते थे, एक अद्भुत आईडिया से महज 8 महीने में 8 करोड़ की कम्पनी खड़ी कर ली

लक्ष्य को पाने के लिए हमेशा अपने सपने के राह पर अडिग रहना पड़ता है। चाहे परिस्थितियां जैसी भी हो लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आत्मविश्वास के साथ ही हमेशा तत्पर भी रहना चाहिए। हर इंसान का अपना अलग-अलग लक्ष्य होता है। किसी का सपना होता है, सफल इंसान बनना तो किसी का अपने माता-पिता की सेवा करना, इत्यादि। दृढ़ संकल्प के साथ हर असम्भव लगने वाले सपने को संभव किया जा सकता है। आज की यह कहानी एक ऐसे ही सफल इंसान की है, जिन्होंने अपने लक्ष्य को पाने के लिए गोबर उठाने के बाद परिश्रम कर 8 करोड़ का कारोबार कुछ ही महीनों में खड़ा किया है। आइये पढ़ते हैं ब्यूटी स्टार्टअप की स्थापना करने वाले गौरव राणा के बारे में।

गौरव राणा

गौरव राणा (Gaurav Rana) का जन्म हरियाणा (Haryana) के अति पिछड़े वर्ग के परिवार में हुआ। इनके घर की आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण जैसे-तैसे कर घर का खर्चा चल रहा था। गौरव स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने गांव से बाहर स्कूल में जाया करते थे क्योंकि उनके गांव के स्कूल में पढ़ाई नहीं होती थी। स्कूली शिक्षा पूरी कर आगे की पढ़ाई के लिए शहर गये। शहर की पढ़ाई के लिए गौरव के पास पैसे नहीं थे। इनके दादा एक किराने की दुकान चलाया करते थे जिससे इनकी जरूरतें पूरी होती थी। इस बुरे वक़्त में एक और दुःख सामने आया। इनके पिता बीमार हुए जिससे घर की स्थिति और खराब हो गई।

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साल 2011 में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की

गौरव आर्थिक स्थिति से संघर्ष करते हुए आगे बढ़े और अपने काबिलियत के बल-बूते पर आगरा (Aagra) के “एजुकेशनल इंस्टीट्यूट”(Educational Institute) में अपना नामांकन करायें। इनकी पढ़ाई में रुचि देख गांव के गांव के कुछ समझदार व्यक्तियों के साथ रिश्तेदारों ने भी इनकी मदद की, जरूरत पड़ने पर पैसे भी दिए। इन्होंने पढ़ाई में खूब मेहनत की और 2011 में ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल कर नौकरी ढूंढने लगे। काफी मशक्कत के बाद इन्हें इंदौर में नौकरी मिली।

दादाजी का हुआ निधन

अभी स्थिति संभालने वाली ही थी कि दुर्भाग्यवश इनके दादा जी का निधन हो गया और घर की सारी जिम्मेवारी गौरव के ऊपर आ गई। घर की स्थिति संभालने के साथ-साथ उन्होंने एक स्टार्टअप कंपनी की शुरूआत की। लेकिन उन्हें इस कंपनी में असफलता हाथ लगी। इस असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और एक बार फिर आगे बढें।

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2015 में ब्यूटी सर्विस की स्थापना की

कहते हैं ना परिश्रम करते रहो सफलता जरूर मिलेगी, गौरव ने भी हार नहीं मानी और 2015 में एक ब्यूटी सर्विस की स्थापना की। इसे स्टार्टअप का नाम उन्होंने कैलेप्सो दिया। साथ ही उन्होंने अपनी ब्यूटी सर्विस को मोबाइल एप और वेबसाइट के जरिए लोगों तक इसे पहुंचाने का कार्य शुरू किया। इस कार्य में गौरव को सफलता हासिल हुई और उन्होंने अपनी कंपनी स्थापित कर ली।

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2019 में रेलवे ने भी किया टाई-अप

यह ब्यूटी प्रोडक्ट महिलाओं को बहुत पसंद आया। एक बार डिमांड करने पर घर बैठे ब्यूटी सर्विस आपके पास पहुंच जाये यह किसे पसंद नहीं आयेगा। इनकी सफलता देख रूम्स ने कैलेस्पो से मिलकर कर ब्यूटी प्रोडक्ट को अलग-अलग शहरों के होटलों में भेजने लगी। गौरव को इससे बहुत ही मुनाफा हुआ। देखते ही देखते साल 2019 में से भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने कैलेस्पो से टाइ-अप कर रेल में मसाज की व्यवस्था प्रारंभ की।

Gaurav Rana जो बचपन में पढ़ाई और खाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाई। गलियों में गोबर उठायें। आज अपने मेहनत के जरिये करोड़ों का कारोबार स्थापित किये। साथ ही इस कंपनी में वह लोगों को रोजगार भी दे रहें हैं। गौरव ने अपनी सफलता के बल पर जो कार्य किया इसके लिए The Logically. Graurav की प्रशंसा करते हुए उन्हें नमन करता है।