आजकल स्टार्टअप का क्षेत्र काफी व्यापक बनता जा रहा है या यूं कहें कि बिजनेस फील्ड लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित कर रहा है। यही कारण है कि अधिक संख्या में युवा नौकरी करने के बजाय खुद का Startup शुरु करने पर अधिक जोर दे रहें हैं। साथ ही वे नई और अलग सोच के साथ स्टार्टअप की दुनिया में कदम रख रहें हैं और अच्छी कमाई के साथ सफलता की बुलंदियों को भी छू रहे हैं। इसके अलावा वे स्टार्टअप के फील्ड में भी कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) में भी भूमिका निभाई जा सके।
इसी क्रम में नई सोच के साथ स्टार्टअप शुरु करने की लिस्ट में एक नाम जुड़ता है गौतम मलिक (Gautam Malik) का, जिन्होंने विदेश की अच्छी-खासी नौकरी छोड़ पुराने सीटबेल्ट को रिसाइकिल करने का व्यवसाय शुरु किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई। तो आइए जानते हैं उनके बारें में विस्तार से-
गौतम मलिक का परिचय
हरियाणा (Haryana) के रहनेवाले गौतम मलिक (Gautam Malik) की पालन-पोषण राजधानी दिल्ली में हुई है। उन्होंने 12 वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्किटेक्चर का कोर्स करने के लिए पूणे के एक संस्थान में दाखिला लिया। वहां पढ़ाई पूरी करने के बाद वे दिल्ली वापस आ गए और एक वर्ष तक नौकरी की। लेकिन आगे पढ़ने की इच्छा से वे अमेरिका चले गए और वहीं से मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की।
एक तरफ जहां युवाओं की चाहत होती है कि वे विदेश में शिक्षा पूरी करके वहीं सेटल हो जाएं लेकिन ऐसा सबसे नसीब में नहीं होता है। लेकिन गौतम किस्मत के धनी थे, मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद वहां उन्हें डिजाईनिंग सेक्टर में नौकरी भी मिल गई। उन्होंने 10 वर्षों तक उस नौकरी में अपनी सेवाएं दी। लेकिन वे खुद का कुछ करना चाहते थे, ऐसे में उन्होंने अपना बिजनेस शुरु करने की सोच के साथ नौकरी छोड़ने का फैसला किया।
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कैसे आया बिजनेस का आइडिया
आजकल फैशन काफी ट्रेंड पर रहता है, लोगों में खासकर महिलाओं में फैशन का एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता है। मैचींग का पर्स, बैग आदि कैरी करना लोगों की पसंद बन गई है। गौतम ने डिजाईनिंग सेक्टर में काम करने के दौरान लोगों के इस फैशन ट्रेंड को समझा। साथ ही उन्होंने देखा कि लोगों में फैशन की एक अलग ही दुनिया है। ऐसे में उन्होंने इसके बारें में विस्तारपूर्वक जानने के लिए जानकारियां लेनी शुरु कर दी। उसी दौरान वे वैसी कंपनियों के बारें में भी जानकारी हासिल करने लगे जो बैग बनाती हैं।
काफी जांच-पड़ताल करने के बाद उन्हें स्विटजरलैण्ड की एक कम्पनी के बारे में जानकारी हासिल हुई, जो तिरपाल को Up cycle करके बैग बनाने का काम करती है। इस कम्पनी और उसके द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट के बारें में जानकर उन्हें अच्छा लगा और सोचा कि ऐसे स्टार्टअप (Startup) को भारत में शुरु करना चाहिए। व्यवसाय शुरु करने के विचार से इस बारें में उन्होंने और अधिक जानकारी इकट्ठा करना जारी रखा।
बिजनेस शुरु करने से पहले रखा इन बातों का विशेष ध्यान
वर्ष 2011 में भारत वापस आने के बाद गौतम ने वेस्ट मटेरियल (Waste material) पर रिसर्च करना शुरु किया। हालांकि, भारत में वेस्ट मटेरियल को अपसाइक्लींग करने के बारें में पहल किया जा रहा है, लेकिन इसके प्रति लोगों में अभी भी जागरुकता कम है। वहीं कोई भी बिजनेस शुरु करने से पहले उसकी मार्केट और लोगों के मन में उस बिजनेस के बारें में क्या ख्याल है?, इन सब बातों को जानना जरुरी होता है। इससे व्यवसाय में नुक्सान होने का डर कम रहता है। गौतम ने भी बिजनेस शुरु करने से पहले इन सभी बातों का अच्छे से ख्याल रखा और इसके लिए उन्होंने सर्वे शुरु किया। हालांकि, इन सब के साथ उन्होंने नौकरी भी की, ताकि आर्थिक दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
शुरु किया खुद का स्टार्टअप
गौतम को लोगों का अच्छा रिस्पोंस मिला, परिणामस्वरुप उन्होंने गुरुग्राम में 10 लाख रुपये का निवेश करके बिजनेस शुरु किया। चूंकि उन्हें मन मुताबिक क्वालिटी नहीं मिला। तभी उन्हें दिल्ली के मायानगरी के बारे में जानकारी मिली, जो इंडस्ट्रियल वेस्ट के काफी मशहूर है। उन्होंने वहां से सीट बेल्ट लेकर उससे बैग बनाने का काम शुरु किया।
“जैगरी बैग्स” (Jaggery Bags) नामक स्टार्टअप के जरिए बनाते हैं टिकाऊ और खुबसूरत उत्पाद
उनके बनाए गए प्रोडक्ट को लोगों का काफी प्यार मिला, जिसके बाद उन्होंने “जैगरी बैग्स” (Jaggery Bags) नाम से बिजनेस शुरु किया। बता दें कि, इस स्टार्टअप के माध्यम से वह सिर्फ बैग ही नहीं बल्कि अन्य कई प्रोडक्ट भी बना रहे हैं, जैसे लैपटॉप बैग, हैंड बैग्स आदि। वे पुरानी बेल्ट सीट और कार्गो बेल्ट को अपसाइकिल करके खुबसूरत और टिकाऊ बैग्स बनाते हैं, जो लोगों को काफी पसंद आता है और उनका भरपूर प्यार मिलता है। बता दें कि, अच्छी क्वालिटी का उत्पाद बनाया जा सके इसके लिए वे अलग-अलग देशों से रॉ मटेरियल मंगाते हैं।
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अलग पहचान के लिए शामिल किया “कान्था कशीदाकारी”
हालांकि, किसी भी बिजनेस को लोगों का प्यार तब मिलता है जब उसका प्रोडक्ट अच्छी क्वालिटी के साथ-साथ बेहतरीन डिजाइनिंग भी हो। गौतम भी ग्राहकों को अपने उत्पाद की ओर आकर्षित करने के लिए अच्छी गुणवत्ता के साथ उसकी डिजाईनिंग पर भी काफी ध्यान देते हैं। उन्होंने इंडियन मार्केट में अपनी एक अलग पहचान बनाने और उत्पाद को एक अलग बेहतरीन लूक देने के लिए “कान्था” कशीदाकारी डिजाइन को सम्मिलित किया है।
मार्केटिंग के लिए लेते हैं सोशल मीडिया का सहारा
बता दें कि, गौतम ने जैगरी बैग्स नामक सस्टनेबल स्टार्टअप (Sustainable Startup Jaggery Bags) के माध्यम से अभी तक 900 मीटर से अधिक कार्गो बेल्ट और 3960 से अधिक कार सीट बेल्ट को रिसाइकिल करके प्रोडक्ट बना चुके हैं। दिल्ली NCR में वे स्टॉल लगाकर भी अपनी कम्पनी द्वारा बनाए गए उत्पाद की मार्केटिंग करते हैं। हालांकि, मार्केटिंग के लिए वे सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करते हैं क्योंकि वर्तमान में सोशल मीडिया मार्केटिंग का बेहतर विकल्प बन चुका है।
सालाना 80 लाख रुपये का है टर्नओवर
वर्तमान में गौतम को अपने बिजनेस से सालाना 80 लाख का टर्नओवर होता है। आज के समय में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, ऐसे में उन्होंने कई लोगों को भी रोजगार से भी जोड़ा है। यदि गौतम मलिक की तरह ही सूझ-बुझ और बिजनेस आइडिया का इस्तेमाल किया जाएं तो पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाए बिना अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।
यदि आपको गौतम मलिक की कम्पनी जैगरी बैग्स के बारें और आधिक जानने की इच्छा है तो आप उन्हें यहां पर ईमेल कर सकते हैं। वहीं यदि आप उनके प्रोडक्ट को खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए उनकी इस वेबसाइट पर जा सकते हैं।