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नौकरी नहीं मिली तो शुरू की खेती, आज उन्नत खेती से लिख दी सफलता की कहानी: गया प्रसाद मीना

Gaya Prasad Meena is earning lakhs from organic farming

अगर हमारे अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इस लाइन के उदाहरण हैं राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले गया प्रसाद मीना जिनका सपना था कि मैं पढ़ लिखकर टीचर बनूं। परंतु जब उनका सपना साकार नहीं हुआ तब उन्होंने खेती प्रारंभ की और इस खेती से आज वह एक ऐसे सफल व्यक्ति बने हुए हैं जिनसे लोग प्रेरणा लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आज वह अपनी खेती से लाखों रुपए कमा रहे हैं।

गया प्रसाद मीना की कहानी

अपनी प्रारंभिक शिक्षा संपन्न करने के बाद उन्होंने कमिस्ट्री से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और आगे बीऐड किया परंतु जब उन्हें नौकरी नहीं मिली जब उन्होंने खेती करने का निश्चय किया और इस खेती से उन्होंने नए-नए प्रयोग करके लोगों को यह बताया कि अगर कोई मन में ठान ले कि किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करें तो उसे कोई नहीं रोक सकता। वह हल्दी एवं जैविक गन्ने की खेती करते हैं और लोगों को जैविक खेती के गुड़ बताते हैं। वह अदरक, अरबी तथा रतालू आदि से लाखों रुपए कमा चुके हैं। वह गन्ने से जैविक गुड़ का निर्माण करते हैं जिसका मार्केट में खूब डिमांड है। -Organic Farming

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मिलेंगे कई फ्लेवर के गुड़

उनके खेत में आपको गन्ने की लगभग 5 किस्में मिलेंगे। वह अपने गुड़ में इलायची ड्राई फ्रूट तथा काली मिर्च आदि का फ्लेवर मिलाकर बेहतर क्वालिटी के गुण का निर्माण करते हैं जिस कारण उनका गुड़ लोगों को बेहद पसंद आता है। गन्ने की बुआई के बाद जब खेतों की सफाई करनी होती है तो इसके लिए वह भिंडी के तने एवं दूध का उपयोग करते हैं। -Organic Farming

करते हैं उर्वरक का स्वयं निर्माण

वह भी अपने पूर्वजों की तरह परंपरागत खेती किया करते थे परंतु जब उन्हें जैविक खेती के विषय में जानकारी मिली तो थोड़े हिस्से में जैविक हल्दी की बुआई की और उससे उन्हें अच्छी आमदनी मिली। अपनी हल्दी की फसल से लगभग 30 क्विंटल का उत्पादन कर लेते हैं जिससे वे लाखों रुपए कमा लेते हैं। अपनी फसलों के लिए वह उर्वरक गोमूत्र, नीम के पत्ते तथा अन्य चीजों को मिलाकर बनाते हैं और यह उर्वरक जैविक होता है। इस हल्दी की बुआई वैसे तो अप्रैल में होती है एवं इसकी कटाई जनवरी में। उनके उत्पाद जैविक होने के कारण खेतों से ही बिक जाते हैं। -Organic Farming

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