आजकल खेती का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिसके पास जमीन नहीं है वह भी खेती कर उसमें लाभ अर्जित कर रहे हैं। आज खेती के विभिन्न प्रकार के तकनीक आ चुके हैं जिसे अपनाकर किसान लाखों रुपए कमा रहें हैं और इससे अन्य लोगों को जोड़ भी रहे हैं। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे शख़्स की है जो बिन मिट्टी के सब्जियों को उगाकर उनसे लाभ अर्जित कर रहें हैं।
खेती के लिए मिट्टी की जरूरत नहीं
अब आप ये सोंच रहें होंगे कि बिना खेती के सब्जियों को कैसे उगाया जा सकता है?? लेकिन आपने जो ऊपर पढ़ा वो बिल्कुल सत्य है इस खेती में आपको मिट्टी की थोड़ी सी आवश्यकता नहीं होती। दरअसल यह खेती हाइड्रोपोनिक पद्धत्ति को अपनाकर की जाती है जिसमें पौधों को पोषक तत्त्व मिट्टी में नहीं बल्कि पानी में दिए जाते हैं। -Hydroponics farming
मात्र 20 हजार रूपए से शुरू किया कार्य
वह शख्स विक्रम चंदेल (Vikaram Chandel) हैं जो घुमारवीं उपमंडल (Ghumaravi Subdivision) के मझासु (Majhasu) गांव से नाता रखते हैं। उन्होंने मात्र 20000 रुपए की लगात के साथ अपने खेतों में बिना मिट्टी की सब्जियां उगाईं। दअरसल वह अपने सब्जियों को उगाने के लिए है हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) तकनीक की मदद लेते हैं। आज वह अन्य किसानों को इस खेती के गुड़ सिखाकर उन्हें जोड़ रहें हैं। -Hydroponics farming
यह भी पढ़ें :- जानिए एक साधारण किसान ने कैसे बदल डाली अपनी किस्मत, आज लाखों कमा रहे
उगातें हैं विभिन्न प्रकार की सब्जियां
उन्होंने अपने खेत में पुदीना, साग, मटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, खीरा, टमाटर, धनिया, पिपरामिंट, पालक एवं बैंगन आदि को उगाया है। वह अपने सब्जियों के उत्पादन के लिए हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) तकनीक का उपयोग करते हैं जिसने पानी में ही पौधों को प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व दिए जाते हैं। -Hydroponics farming
विदेशों में सुनकर आया खेती का विचार
जब वह एक कंपनी के काम से अफ्रीका एवं दुबई गए थे तब उन्होंने वहां बिना मिट्टी के खेती के बारे में सुनने को मिला था। अब उन्होंने इसके बारे में सारी जानकारी एकत्रित की और इसका प्रयोग अपने देश आकर किया। वह बताते हैं कि अगर हम हाइड्रोपोनिक (Hydroponic) तकनीक का उपयोग कर रहे हैं तो इसमें आपको उच्च किस्म के बीज का उपयोग करना होगा। -Hydroponics farming
कम पङती है मेहनत
विक्रम (Vikram) यह कहते हैं कि अगर कृषि विभाग की तरफ से मदद मिले तो हम बहुत से किसानों को हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic Method) का ट्रेनिंग देकर उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं। वह अपने गांवों एवं बाजारों में जाकर हाइड्रोपोनिक तकनीक (Hydroponic Method) को अपनाकर खेती करने के बारे में लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। वह बताते हैं कि अगर किसान इस पद्धति को अपनाकर खेती कर रहे हैं तो वह अधिक परिश्रम से बचेंगे। क्योंकि इसमें किसानों को निराई गुड़ाई एवं खरपतवार जैसे परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। -Hydroponics farming
सकारात्मक कहानियों को Youtube पर देखने के लिए हमारे चैनल को यहाँ सब्सक्राइब करें।