हम अक्सर उल्का वर्षा के बारे में सुनते आये हैं लेकिन हाल ही में हुई एक घटना ने लोगों को हैरान कर दिया है।
दरअसल दक्षिणी चीन में आग का एक विशाल गोला आकाश में नजर आया और देखते ही देखते बहुत तेजी से जमीन पर गिर गया।
आग के इस विशाल गोले के आकाश से गिरने से स्थानीय लोग दहशत में आ गए। हालांकि तत्काल यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि आसमान से आग के गोले के गिरने की वजह क्या थी?
जोर से धमाके की आवाज हुई थी
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी की ओर आगे बढ़ते हुए चमकती हुई विशाल आग का गोला कई वीडियो में कैद हो गया। यह घटना चीन के किंघई प्रांत में घटी है।
डेली मेल द्वारा कई क्लिप के अनुसार, आग का गोला उत्तर-पश्चिमी चीन के नांगकियान काउंटी में गिरती है। घटना 23 दिसंबर (बुधवार) सुबह करीब 7 बजे की बताई जाती है। डेली मेल ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया कि उन्होंने जोर से धमाके की आवाज सुनी थी।
आग का गोला एक बोल्ट की तरह दिख रहा था
डेली मेल ने एक स्थानीय के हवाले से बताया कि वह अपने बच्चे को स्कूल ले जाते समय आग के गोले को गिरते हुए देखा। चीनी विज्ञान वेबसाइट गुओक्र के मुख्य लेखक यू जून ने बीजिंग न्यूज को बताया कि आग का गोला एक बोल्ट की तरह दिख रहा था। आग के इस विशाल गोले के गिरने से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा कि उसने इस घटना को दर्ज किया था। अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से कहा कि सुबह 7.25 बजे नंगकियान काउंटी और येसु काउंटी के बीच की सीमा के पास एक संदिग्ध आग का गोला पाया गया।
A giant fireball has been spotted flashing across the sky and crashing into a county in southern #China.
— Mete Sohtaoğlu (@metesohtaoglu) December 23, 2020
Footage taken by stunned locals shows an unidentified object exploding into a blazing sphere as it plunges at a fast speed towards the earth.
? pic.twitter.com/DmAQDhkZ7G
This is a REALLY BIG one!
— Con Stoitsis (@vivstoitsis) December 23, 2020
Giant fireball seen over China. Video below https://t.co/3mqe2ouzId pic.twitter.com/5DzhXsCDAG
50,000 से अधिक उल्कापिंड पाए गए हैं
वहीं नासा की एक रिपोर्ट बताती है कि दिसंबर 2019 तक पृथ्वी पर 50,000 से अधिक उल्कापिंड पाए गए हैं।
एक क्षुद्रग्रह और उल्का के बीच अंतर: एक क्षुद्रग्रह चट्टान का एक बड़ा हिस्सा होता है जो टकरावों या प्रारंभिक सौर प्रणाली से बना होता है जबकि एक उल्का वह होता है जिसे खगोलविद उस समय वातावरण में प्रकाश की एक चमक कहते हैं। इस मलबे को ही उल्कापिंड के रूप में जाना जाता है।
अधिकांश इतने छोटे होते हैं कि वे वायुमंडल में वाष्पशील होते हैं। उल्का, उल्कापिंड आम तौर पर क्षुद्रग्रह और धूमकेतु से निकलते हैं।