हमारे देश में किसानों की अहम भूमिका है। हमारे देश को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है। किसानों को बहुत से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कभी मौसम का प्रहार तो कभी आर्थिक तंगी ये सबसे जूझते हैं किसान। परंतु इन सब मुश्किलों के बाद भी उन्हें उनकी सही कीमत नहीं मिलती।
गोदावरी वैली की हुई शुरुआत
साल 2016 में महाराष्ट्र (Maharastra) के हिंगोली जिले के कलमनुरी में ‘गोदावरी वैली फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड’ के द्वारा शुरुआत की गई। इस कंपनी को आज ‘गोदा फार्म्स’ के नाम से भी जाना जाता है। उनका यही उद्देश्य हैं कि वह किसानों को उनके फसल का सही दम दिला पाएं और किसानों की फसल लगाने से लेकर हार्वेस्टिंग तक की प्रक्रिया में हर संभव मदद कर पाएं।
सूर्याजी शिंदे (Suryaji Shinde)
सूर्याजी शिंदे कलमनुरी (Kalmanuri) के रहने वाले हैं। उन्होंने गोदा फार्मस की शुरूआत की। सूर्याजी ने सिर्फ़ दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की उसके बाद उन्होंने साल 2007 तक खेती की और फिर ‘कृषि केंद्र’ के नाम से उन्होंने उर्वरकों के वितरण का काम किया। सूर्याजी बताते हैं कि उन्होंने कपास की फसल में भी हाथ आजमाया। वह अन्य किसानों से कपास खरीदते और फिर उसे बेचते थे। इसी दौरान उनकी अलग-अलग लोगों से मुलाकात हुई और वह सह्याद्री फार्म्स के संपर्क में आए।
संगठन की हुई शुरूआत
सूर्याजी उन बैठकों में भी जाने लगे जिसे किसानों के लिए सह्याद्री फार्म्स द्वारा आयोजित किया जाता था। उसके बाद सूर्याजी किसानों की ट्रेनिंग के लिए सह्याद्री फार्म्स से एक्सपर्ट्स को बुलाने लगे। उसके कुछ दिन बाद वह बहुत सोंच-समझ कर यह फैसला किए कि क्यों ना हिंगोली और आस-पास के किसानों के फायदे के लिए कलमनुरी में हीं कोई संगठन शुरू किया जाए, जिससे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़े और उन्हे उनके उत्पाद का सही कीमत भी मिल पाएगा।
अमोल धवन (Amol Dhawan)
अमोल धवन (Amol Dhawan) जो की गोदा फार्म्स के वर्किंग मॉडल के सीनियर मैनेजर हैं। वह कहते हैं कि कंपनी के शुरू होने के एक साल के भीतर हीं हल्दी, तुअर दाल, सोयाबीन और चना की फसल पर काम करने लगा। पहले उनका सिर्फ सरकार से ही कॉन्ट्रैक्ट था, परंतु अब निजी संगठनों के साथ भी उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है।
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गोदा फार्म्स की नींव रखी गई
अमोल बताते हैं कि उनका मकसद सिर्फ अपना हीं लाभ नहीं हैं। वह चाहते हैं कि किसानों का उत्थान भी हो। सूर्याजी पहले सह्याद्री फार्म्स के साथ मिलकर किसानों को सिर्फ ट्रेनिंग हीं दिलवा पाते थे। परंतु उन्हें ऐसा लगता था कि सिर्फ ट्रेनिंग से किसानों की जरूरत पूरी नहीं की जा सकती। फसल के सीजन के दौरान उन्हें किसी भी मदद की जरूरत पड़ सकती थी इसलिए उन्होंने गोदा फार्म्स की नींव रखी। अब गोदा फार्म्स, किसानों से फसल खरीदता है तथा उत्पादों की मार्केटिंग करता है। गोदा फार्म्स अब हर क्षेत्र में काम कर रहा है और साथ हीं किसानों की रोजमर्रा की समस्याओं को हल करने पर भी ध्यान दे रहा है। अमोल बताते हैं कि बाजार में अपनी जगह बनाने के साथ-साथ वे लोग किसानों में जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं।
गोदा फार्म्स के द्वारा दिया जाता हैं ट्रेनिंग प्रोग्राम
गोदा फार्म्स के द्वारा महाराष्ट्र के किसानों के साथ-साथ पूरे देश के किसानों को ट्रेनिंग सेशन के लिए बुलाया जाता है। वहाँ किसानों को बदलते मौसम और जमीन के स्तर के हिसाब से बीज लगाने से लेकर हार्वेस्टिंग तक की ट्रेनिंग देने के लिए कृषि संस्थानों से एक्सपर्ट्स, एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स और देश के मशहूर जैविक किसान आते हैं। गोदा फार्म्स में किसानों को खेती की नई प्रक्रिया को भी बताया जाता है। किसानों को यह ट्रेनिंग खेतों में हीं दी जाती हैं, जिससे उन्हें यह प्रक्रिया अच्छे से समझ आ सके।
गोदा फार्म्स बढ़ा रही हैं किसानों का आत्मविश्वास
गोदा फार्म्स चाहती हैं कि उनसे जितना भी किसान जुड़े हैं उन्हे कम से कम 30,000 रुपये प्रति माह कमाई हो। ताकि उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो और उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके। सिर्फ इतना हीं नहीं वो चाहते हैं कि किसानों का आत्म-विश्वास भी बढ़े। गोदा फार्म्स का एक प्रोजेक्ट आदिवासी किसानों और उनके परिवार के कल्याण के लिए भी चल रहा है।
गोदा फार्म्स द्वारा बताया जाता है सही कीमत
गोदा फार्म्स कोशिश करता है कि वह हर रोज किसानों को अलग-अलग फसल का क्रय-विक्रय मूल्य एसएमएस द्वारा बताए। किसानों को सबसे ज्यादा दिक्कत तब होता हैं जब उन्हें अपने उत्पादन का सही कीमत नहीं मिल पाता। अगर वो हर रोज बाजार जाकर फसल का मूल्य पता करें और फिर उस हिसाब से बाजार में फसल लेकर जाएं तो उसमें उनका बहुत नुकसान हो जाएगा। वह जिस दिन ट्रांसपोर्टेशन का इंतेजार कर पाते हैं, उसी दिन रुकते हैं वरना वो बाजार नहीं जा पाते। अमोल 12,000 किसानों का डाटा रखते हैं और उन्हे एसएमएस के जरिए बाजार के मूल्यों की जानकारी देते हैं, ताकि वे तय कर सकें कि उन्हें किस दिन बाजार जाना है। वह उन्हें गोदा फार्म्स की मूल्यों की जानकारी भी देते हैं, जिससे वह सही कीमत पर अपनी फसल बेच सकें।
गोदा फार्म्स करती है बहुत सी मदद
गोदा फार्म्स से जो किसान अपनी फसल बेचता है। उन्हें गोदा फार्म्स के द्वारा स्टोरेज और ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा भी दी जाती है। सिर्फ इतना हीं नहीं जो किसान उनसे जुड़े हैं उन्हे पूरे सीजन में किसी भी तरह की समस्या हो तो वे कभी भी सूर्याजी या फिर किसी और व्यक्ति से बेहिचक मदद मांग सकता है। उन्हें कृषि से जुड़ी हर चीज गोदा फार्म्स उन्हें बहुत हीं कम लागत पर उपलब्ध करवाता हैं। उनकी तुलना में बाकी डीलर बहुत हीं हाई रेट लेते हैं।
इंटिग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट और इंटिग्रेटेड क्रॉप मैनेजमेंट
अमित बताते हैं कि बाकी डीलर की तुलना में गोदा फार्म्स अधिक जानकारी देता है। वह इंटिग्रेटेड बस समझाते हैं और गोदा फार्म्स में उसकी पूरी ट्रेनिंग दिया जाता है, जिससे वो पहले से हीं इसके लिए तैयार होते हैं। वह जानते हैं किन-किन तरीकों से वे फसलों पर पेस्ट अटैक होने से रोक सकते हैं। अब मार्केटिंग के लिए गोदा फार्म्स उत्तर और दक्षिण भारत की ओर जा रहा है। उनका उद्देश्य है कि भविष्य में सीधे ग्राहकों से जुड़कर उन तक उत्पाद पहुंचाएं।
सूर्याजी द्वारा दिया जाता है किसानों को समय पर उनका पैसा
सूर्याजी बताते हैं कि अन्य डीलर किसानों से उनका फसल ले लेते हैं परंतु वह उनका पैसा उन्हें नहीं देते। जब वो बाजार में उस फसल को बेचते हैं तब वो उसके हिसाब से किसानों को पैसा देते हैं। उससे बिल्कुल विपरीत गोदा फार्म्स जब फसल का वजन करता है तब हीं उनका पैसा उन्हें दे देते हैं। इससे किसानों को यह लाभ होता है कि उन्हेंअपनी अगली फसल के लिए तैयारी करने के लिए कहीं और से कर्ज लेने की जरूरत नहीं होती।
गोदा फार्म्स कराती हैं बीज उपलब्ध
गोदा फार्म्स ने अलग-अलग किस्म के बीज उपलब्ध करवाने की शुरुआत की। अभी वो सबसे ज्यादा ध्यान सोयाबीन के बीज पर दे रहे हैं। ताकि किसान सिर्फ एक हीं तरह के फसल न उगाते रहें। भविष्य में वे चना, प्याज और अन्य फसलों के बीज उगाने पर भी ध्यान देंगे।
गोदा फार्म्स दिलाना चाहते हैं महिलाओ को सम्मान
गोदा फार्म्स महिलाओं को सम्मान दिलाने पर भी काम कर रहा है। वह एक पहल कर रहा है जिसमें महिला किसानों को कृषि क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा योगदान देने का मौका मिले सके। गोदा फार्म्स द्वारा समाज में एक बदलाव लाया जा सकता है।
जैविक खेती के लिए कर रहे हैं जागरूक
गोदा फार्म्स के साथ कुल 6,000 से भी ज्यादा किसान जुड़े हैं। पिछले वर्ष उन्होंने 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया था और इस बार उनका लक्ष्य 150 करोड़ रुपए तक का कारोबार करना है। वह देश के हर किसान को जागरूक करना चाहते हैं, जिससे कोई उन्हें ठग ना सकें। गोदा फार्म्स अब किसानों को जैविक खेती के बारे में भी जानकारी देता है। इस विषय पर बहुत से लोग उनसे जुड़े भी हैं। वह चाहते हैं की हर किसान इसके बारे में जान सकें। अगर आप ‘गोदा फार्म्स’ से जुड़ना चाहते हैं तो उनके वेबसाइट देखें तथा उनके फेसबुक पेज पर जाएं।
The logically सूर्याजी शिंदे के इस कार्य के लिए उन्हें सलाम करता है और उमीद करता है कि वह इसी तरह कृषिकों को आगे बढ़ने का मौका दें।