अगर कोई इंसान दृढ़निश्चयी हो तो वह किसी भी स्थिति में सफलता प्राप्त कर सकता है। आज रामबाबू को हर कोई जानता है कि उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है। परंतु इस सफलता के पीछे एक संघर्ष भरी कहानी है। उन्होंने आजीविका के लिए कभी मनरेगा में मजदूरी की लेकिन आगे जाकर करोड़ो के बीच अलग पहचान बनाई।
गोल्ड मेडलिस्ट रामबाबू
23 वर्षीय रामबाबू उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। अपने परिश्रम के बदौलत उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड तोड़ा है। उन्होंने 35 किलोमीटर की पुरुष रेस वॉक यानी पैदल यात्रा में सफलता हासिल की है। उन्होंने मात्र 2 घंटे 36 मिनट तथा 34 सेकेंड में इस चुनौती को पूरा किया है। इस सफलता को हासिल करने के बाद भी गोल्ड मेडल दिया गया है। -Gold Medlist Rambabu
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किया मजदूरी
रामबाबू के पिता का नाम छोटेलाल है जो लोगों के खेतों में मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार की आजीविका चलाया करते हैं। जब वर्ष 2020 में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लगा उस दौरान इन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने मनरेगा में काम किया और तालाब खोदे, कहीं वेटर का कार्य किया तो कहीं कुरियर कंपनी में, ताकि वह अपने परिवार के भरण-पोषण में मदद कर सकें। -Gold Medlist Rambabu
Ram Baboo walks into the Record Books 🙌
— National Games Gujarat (@Nat_Games_Guj) October 4, 2022
He sets a new National Record in the 35KM Race Walk event at the #36thNationalGames#NationalGames #RaceWalk #NationalRecord #NationalGamesGujarat #NationalGames2022#UnityThroughSports #JudegaIndiaJitegaIndia #UttarPradesh #Athletics pic.twitter.com/BhaKfwz3bU
कड़ी मेहनत से मिली सफलता
कोरोना के दौरान उन्होंने ट्रेनिंग छोड़ दी थी परंतु नेशनल रिकॉर्ड हासिल करने के बाद वह पुणे चले गए और वहां ट्रेनिंग प्रारंभ कर दी। वहां जाकर उन्होंने कड़ी मेहनत की जिसके फलस्वरूप आज वह मेंस रेस लॉक सफलता हासिल करने में सक्षम हुए हैं। इसके लिए उन्होंने बेंगलुरु से ट्रेनिंग लिया और जी-तोड़ मेहनत की। उनके पिता अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए मजदूरी किया करते। उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर ना होने की वजह से उन्हें कभी अच्छी डाइट नहीं मिल पाई। गांव में रहने की वजह से उन्हें पानी के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती और लंबी यात्रा तय कर पीने का पानी घर लाना पड़ता है। -Gold Medlist Rambabu
करेंगे ओलंपिक में प्रतिनिधित्व
वह बताते हैं कि विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए मेरे मन में हमेशा यह उम्मीद रही है कि देश के लिए बेहतर परफॉर्मेंस करूंगा। आज वह अपने इस उम्मीद को सफलता में बदल चुके हैं और नेशनल रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। आगे वह देश का ओलंपिक में प्रतिनिधित्व भी करेंगे। अपने इस सपने को पूरा करने में भी वह सक्षम होंगे। –Gold Medlist Rambabu