एक किसान होने के साथ-साथ आपको स्वयं के अंदर जागरूकता लाने की भी आवश्यकता है। ये जागरूकता जुड़ी होगी नई पद्धति के आविष्कार के बारे में जानकारी लेने की और कब किस खेती में लाभ मिल रहा है जानने के लिए इच्छुक होने की। आजकल किसानों को सरकार की तरफ से कई प्रकार की खेती के लिए सब्सिडी भी मिल रहा है। उनमें से एक है आंवला की खेती जो आज किसानों की भाग्य बदल रहा है।
अगर आप भी खेती में भाग्य बदलना चाहते हैं तो आंवले की खेती कर सकते हैं। इसका मात्र नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर भी खूब डिमांड है क्योंकि इसके अनेकों फायदे हैं। आइए जानते हैं इसके विषय में विस्तार से…
आंवला का अधिक उपयोग
आंवला के उपयोग से कई प्रकार के जड़ी-बूटी का निर्माण किया जाता है जिस कारण इसका डिमांड भी खूब बढ़ रहा है। ऐसी बहुत सी कंपनियां हैं जो किसानों को इसकी खेती के लिए रोजगार भी मुहैया करा रहे हैं। बिहार सरकार के तहत यहां किसानों को खेती के लिए लगभग 50% सब्सिडी मिल रहा है ताकि वह सब्सिडी की मदद से आंवले की खेती कर अधिक से अधिक लाभ कमा सकें। सब्सिडी के दौरान आपको प्रति हेक्टेयर में 60 हज़ार रुपए मिलेंगे। -Gooseberry farming
कर सकते हैं ऑनलाइन आवेदन
अगर आप बिहार के किसान है तो आप इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह आवेदन कृषि विभाग उद्यान निदेशालय वेबसाइट पर जाकर होगा। आप उद्यान विभाग के ऑफिस में सहायक निदेशक से कांटेक्ट करके इस सब्सिडी का लाभ हासिल करेंगे और अपने खेती की शुरुआत करेंगे। शुरूआत में आपको थोड़ी कठिनाई हो सकती है लेकिन आगे आपको इस खेती से काफी फायदा भी मिलेगा। -Gooseberry farming
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1 पेड़ से होगा 1 क्विंटल उत्पादन
अगर आप इसकी बुआई करते हैं तो इसके मात्र 3 से 4 साल के अंतराल में आपको फल मिलने लगेगा। एक पेड़ से 1 क्विंटल तक फल मिलना आसान होगा। अगर आप इसकी देखभाल करते हैं तो यह 60 वर्षों तक आपको फल देगा। इस प्रकार आंवले की खेती से बहुतायत मात्रा में कमाई की जा सकती है।
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ऐसी होनी चाहिए मिट्टी
अगर आप इसकी बुआई करते हैं तो इसके लिए दोमट मिट्टी सही मानी जाती है। हालांकि इसकी खेती तेजाबी, नमकीन एवं चुने वाले मिट्टी में भी की जाती है। बस इतना ध्यान रहे कि यहां जल निकासी की व्यवस्था हो। बुआई के पहले दो से तीन बार अपने खेत की गुड़ाई करें और जैविक उर्वरक को मिला दें। उन्नत किस्म के बीज का चयन करके आप इसकी बुआई सितंबर से अक्टूबर महीने में कर सकते हैं। बुआई के लिए लगभग 1 फीट गहरे गड्ढे बनाने होंगे और पौधे के बीच की दूरी 4 मीटर की रखनी होगी।
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आंवले के फायदे
आगे बहुत से औषधीय गुण समाहित होते हैं जिस कारण इसका अनेकों बीमारी में लाभ के तौर पर उपयोग किया जाता है। इसके फल से ही नहीं बल्कि इसकी पत्तियों एवं छाल से भी औषधि का निर्माण होता है जो चरक नामक बीमारी में सहायता करता है। इसके अतिरिक्त इसका उपयोग जुकाम को ठीक करने, पीलिया रोग तथा बुखार, हाई ब्लड प्रेशर, खून को साफ करने, जॉन्डिस हाइपर एसिडिटी, एलिमिया, मधुमेह गठिया रोग आदि बीमारियों में लाभ पंहुचाता है अगर आप इसे खाते हैं तो आप आंखों की रोशनी भी बढ़ेगी। -Gooseberry farming
अन्य किसानों को करें जागरुक
जब लोग इसके लाभ के विषय में नहीं जानते थे तब लोगों आंवले की खेती नहीं किया करते थे परंतु आज इसकी खेती का डिमांड काफी बढ़ता जा रहा है और लोग इसे जोर-शोर से खेती के तौर पर प्रारंभ कर पैसे भी कमा रहे हैं। किसान चाहे तो आंवले की खेती से एक सफल व्यवसाई बनकर अन्य लोगों को इससे जोड़ भी सकते हैं। -Gooseberry farming