भारत में कई तरह की फसलें उगाई जाती हैं। अब किसान नई तकनीकों को अपनाकर विदेशी फलों की भी खेती कर रहे हैं। ऐसे ही फलों में से एक हैं कीवी (Kiwi)। अब कीवी इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि बच्चा-बच्चा तक इसका स्वाद जान चुका है। जानकारों के अनुसार एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर कीवी में विटामिन सी, विटामिन ई, फाइबर, पोटेशियम, कॉपर और सोडियम जैसे गुण पाये जाते हैं, जो हमारे शरीर के इम्यूनिटी को मजबूत करता हैं। कीवी के फायदे को देखते हुए इन दिनों उसकी डिमांड मार्केट में बढ़ता जा रहा है। – Farmers can earn lakhs in low cost by cultivating Kiwi.
भारत के कई राज्यों में हो रहा है कीवी की खेती
यह तो हम सब जानते हैं कि बाजार के महंगे फलों में से एक है कीवी, उसके बावजूद भी इसका डिमांड हमेशा बना रहता है। एक समय ऐसा था जब शायद ही कोई कीवी फल के बारे में जानता था, परंतु अब वह समय आ चुका है कि हर घर में कीवी का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। लोग कीवी के फायदे को समझ गए है इसलिए ऊंचे दामों पर भी इसे खरीदने से कतराते नहीं हैं। कीवी की खेती करके भारत के कई किसान कम लागत में लाखों की कमाई कर रहे हैं। अब हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नागालैंड, केरल, उत्तरप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, सिक्किम, अरूणाचलप्रदेश और मेघालय जैसे राज्यों में कीवी की खेती कर रहें हैं।
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कीवी की खेतो से हो रहा है किसानो को अच्छा लाभ
एक समय था जब सेब किसानों को अधिक लाभ देता था, लेकिन आज के समय में किसान सेब की खेती से ज्यादा कीवी उगा कर पैसा कमा रहे हैं। दुनियाभर में कीवी की कई किस्में पाई जाती हैं, लेकिन भारत की जलवायु के अनुसार यहां हेवर्ड, एबॉट, एलीसन, मोंटी, टुमयूरी और बू्रनो आदि किस्में ही उपज पाती हैं। जानकारों के अनुसार कीवी की खेती सर्दियों के मौसम में की जाती है। जनवरी का मौसम पौधों की रोपाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। कीवी का पौधा लगाने के लिए अच्छी जल निकासी वाली, गहरी, उपजाऊ, बलुई रेतीली दोमट मिट्टी काफी अच्छी होता है।
इस तरह करे कीवी की खेतों की तैयारी
कीवी का पौधा उगाने के लिए किसानों के पास कई विकल्प हैं। वह बडिंग विधि, ग्राफ्टिंग विधि या लेयरिंग विधि की मदद से पौधों की रोपाई का काम कर सकते हैं। उससे पहले गड्ढों में बालू, सड़ी खाद, मिट्टी, लकड़ी का बुरादा और कोयले का चूरा आदि 2:2:1:1 के अनुमान में डालें। सारे प्रबंध करने के बाद पौधा लगाने से उसे ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती। गर्मियों में कीवी के पौधों पर हर 10 से 15 दिन के बीच ड्रिप सिंचाई के जरिए पानी देना चहिए। सितंबर और अक्टूबर के बीच कीवी का फल तैयार होता है। हालंकि उस समय भी हल्की सिंचाई जरूर करें। – Farmers can earn lakhs in low cost by cultivating Kiwi.
कीवी का पौधा 4 से 5 साल में तैयार हो जाता है
ज्यादातर किसानों का कहना होता है कि गर्मियों के मौसम में कीवी के पौधे का जड़ गलन, कालर रॉट, क्राउन रॉट आदि की परेशानियां होती हैं। हालंकि ऐसी परेशानियां पौधे के जड़ों में पानी भरने के कारण होता हैं। इस तरह के परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए जल निकासी की व्यवस्था करें और प्रभावित स्थानों पर जैविक कीटनाशक और जीवाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करें। नया पौधा रोपाई के 4 से 5 साल बाद फल देने लायक होता है, लेकिन इसकी व्यावसायिक खेती करने पर 6 से 7 सालों में फल मिलना शुरु हो जाता है।
कीवी की खेती से कम जमीन में अच्छी कमाई
अपने उत्पादन का सही कीमत पाने के लिए सबसे पहले बड़े फलों की तुड़ाई की जाती है और सही पैकेजिंग करके बाजार तक पहुंचाना जरुरी होता है। किसानों के लिए यह जरुरी है कि इस फल को कठोर अवस्था में ही तोड़ लें, ताकि बाजार पहुंचने तक यह फल नरम या खराब ना हों। वर्तमान में बाजार में कीवी के फलों को 20 रुपये प्रति फल से लेकर 35 रुपये प्रति नग के भाव पर बेचा जाता है। कम खेत वाले किसान भी कीवी की खेती करके अच्छी कमाई कर सकते हैं। रिर्पोट के अनुसार 2 एकड़ जमीन पर कीवी उगाकर किसान हर साल लाखों की कमाई कर सकते हैं। – Farmers can earn lakhs in low cost by cultivating Kiwi.