औरत अगर चाहे तो किसी भी काम को पूरा कर अपने हुनर से सबको अचंभित कर सकती है। जरूरत पड़ने पर वह किसी भी सांचे में ढल कोई भी रूप ले सकती है। वह विषम परिस्थितियों को भी आसान कर सकती है। आपको पहले भी औरतों की कृषि क्षेत्र में कार्य, कचरे से उर्वरक बनाना, वन विभाग में कार्य करना, देश की सेवा करना, घर संभालना, अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देना इन सब अनुभवों से रूबरू कराया जा चुका है। आज की इस कहानी के माध्यम से हम आपको Lady Constable Guddan के बारे में बताएंगे कि वह किस तरह गरीब बच्चों को अपनी ड्यूटी से समय बचाकर बच्चों को शिक्षित कर रहीं हैं। आइये पढ़ते है इस अदम्य साहसी महिला की कहानी।
भाग दौड़ भरी जिंदगी से निकाला वक्त
कुछ लोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस कदर व्यस्त रहते हैं जैसे लगता है दुनिया के सबसे कामकाजी व्यक्ति वहीं हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस भाग-दौड़ की जिंदगी से समय निकाल कर जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। ऐसी ही है गुड्डन जो अपने भाग-दौड़ वाले दिन-रात में से समय निकाल उन बच्चों को शिक्षा प्रदान करने में लगी है जिन बच्चों का कोई घर नहीं है। वे गरीब बच्चे पढ़ाई के नाम पर “क” भी नहीं जानते हैं। इन गरीब बच्चों के लिए लेडी कॉन्स्टेबल विद्या की देवी हैं जो इन्हें शिक्षित कर रही हैं।
हो रही है सराहना
बुलंदशहर (Bulandshahr) जो UP में स्थित है। वहां की महिला पुलिस अपनी ड्यूटी पूरी कर फुटपाथ पर रहने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने में लगी है। जो बच्चे कचरा चुन अपना जीवन बसर कर रहें हैं, उनके बीच गुड्डन शिक्षा के महत्व का ज्योत जला रही हैं। इनके इस कार्य की सराहना हर व्यक्ति कर रहा है।
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मुलप्रान्त है मधुरा
गुड्डन चौधरी मधुरा (Mathura) की निवासी है। वर्तमान में यह बुलन्दशहर के देहाती इलाके में पुलिस कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं। इन्हें बच्चों से बेहद लगाव है। इसलिए यह बेसहाय बच्चों की जरूरतों को पूरा कर रही हैं। यह पिछले कई वर्षों इस कार्य मे लगी हैं। यहां तक की यह अपने सैलरी का 20% भाग इन बच्चों पर खर्च करती है। किताब, कॉपी, पेंसिल या पढ़ाई की हर चीज़ यह ख़ुद बच्चों को देती हैं। गुड्डन प्रतिदिन इन बच्चों को पढ़ाती है।
बच्चों का कराना चाहती हैं स्कूलों में दाखिला
इन बच्चों का कल बेहतर बनाने के लिए गुड्डन हर मुमकिन प्रयास कर रही है और इनका दाखिला Goverment School में कराना चाहती हैं। इन बच्चों के आधार कार्ड का जिम्मा भी इन्होंने ने खुद उठाया है ताकि यह उनका दाखिला स्कूल में करा सकें।
अन्य पुलिस अधिकारी कर रहे है प्रसंशा
Guddan के इस शिक्षा की ज्योत को प्रकाशित करने की मुहिम से हर पुलिसकर्मी प्रसन्न है। वे सब इनकी खूब प्रशंसा कर रहें हैं। साथ ही वह भी अपने निजी जिंदगी से समय निकालकर इन बच्चों की मदद कर रहे हैं। वे भी इन गरीब बच्चों को पढ़ाने में जुट गयें है।
आगर हर शिक्षित व्यक्ति अपने भाग-दौड़ भरी जीवन से थोड़ा समय निकाल कर जरूरतमंद की मदद करे को कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा। The Logically, Guddan Chaudhary के जज़्बे और शिक्षा के महत्व को समझते हुए हर गरीब बच्चे को शिक्षित करने के लिए वंदन करते हुए उन्हें सलाम करता है।