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जिन्हें अपनों ने छोड़ दिया उसे इस आश्रम ने पनाह दे दी, गुरु वृधा आश्रम में 200 से भी अधिक लोग रहते हैं

जो माता-पिता अपने बच्चों का लालन-पालन बड़े ही प्यार से करतें हैं। जरूरत पड़े तो अपने बच्चों के लिए वे जान भी दे सकतें हैं। आखिर वही बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता के प्यार को भूल जाते हैं और उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ देतें हैं। पता नहीं क्यों उनके साथ इतना बुरा सुलूक किया जाता है।

लेकिन ऐसे बहुत से सज्जन व्यक्ति भी हैं जो इनकी मदद अपनो से बढ़कर करतें हैं। यह कहानी एक वृद्ध आश्रम की है। जहां घरों से सताए हुए लोगों की बहुत ही ज्यादा कदर और इज्ज़त की जाती है। इस आश्रम में 20 स्टाफ हैं जो इनकी देखरेख करतें हैं।

गुरु विश्राम वृद्धाश्रम

हम जिस आश्रम की बात कर रहें हैं वह है “गुरु विश्राम वृद्धाश्रम“। यह लाठिरा में स्थित है। इस आश्रम में लगभग 200 की तदाद में व्यक्ति हैं और इनमें से सभी अपना जीवन ख़ुशी से व्यतीत कर रहें हैं। इन बुजुर्गों को सुबह ब्रेकफास्ट के रूप में दूध और पौष्टिक आहार दिया जाता है। वहीं दोपहर, शाम और रात में हरी साग सब्जियां, दाल चावल और मिठाइयां खिलाई जाती है। यह देखने योग्य भवन जहां सभी के स्वास्थ्य से जुड़ी, खुशियों और दुःख-दर्द सबमें ये एक-दूसरे के साथ रहतें हैं। अपने ना सही लेकिन बेगानों में ही इन्हें कभी अपनों की कमी नहीं खलने दी है। दवाइयों के साथ-साथ यहां जो बुजुर्ग चल नहीं सकते, उनके लिए ट्राइसाइकिल भी उपलब्ध है ताकि वे महसूस ना करें कि मेरा देखभाल कोई नहीं करता। अब बताओ यह बात हम कैसे मान लें कि दुनिया में भले इंसान नहीं हैं।

गुरु विश्राम वृद्धाश्रम का पूरा विडियो यहां देखे –

8 वर्षों से चल रहा है

यह सुनकर तो बहुत अच्छा लगा कि ज़रूरतमंदों की देखभाल कोई तो है जो करता है। यह जानने की उत्सुकता तो जरूर है कि यह उत्तम कार्य कौन कर रहा। वह महान और सज्जन पुरुष है “Dr. J. P Bhagat जो कि Delhi के अलीगांव के रहने वालें हैं। JP दिल्ली में भी आश्रम चलातें हैं। शुरुआत में इन्होंने केके झोपड़ी और उसमें 2 पलंग को रखकर यह कार्य शुरू किया था। आज यह 2 मंजिला महल बन चुका है जहां 10 से भी अधिक हॉल हैं। जब यह किशोरावस्था में अपनी नौकरी ढूढ़ने निकले तो इन्हें कुछ ऐसा दिखाई दिया जो बहुत ही बुरा था। इन्होंने एक बुजुर्ग को मरते देखा वो भी सड़क किनारे पेड़ के नीचे जो इन्हें बहुत ही तकलीफ़ दिया। यह देख इन्होंने यह दृढ़ निश्चय किया कि मैं अब ऐसा नहीं होने दुंगा और उस दिन से लग गयें वृद्धों की सेवा में। शुरू में इन्होंने अपने निवास स्थान दिल्ली में ही आश्रम का निर्माण किया और फिर लाठिरा।

40 बीघा में है आश्रम

इस आश्रम की देखभाल मैनेजर Farukh Chaudhary और नावेद खान करतें हैं। यहां 20 स्टाफ हैं जो लोगों को संभालने का कार्य करतें हैं। यहां गो शाला है, जहां 12 गायें हैं। इनके दूध से ही वृद्धों के सुबह का नाश्ता तैयार होता है। SBI फाउंडेशन भी इसे संभालती है। यहां बुजुर्गों की सेवा के लिए चिकित्सा केंद्र भी खुलने वाले थे लेकिन वह फिलहाल रुक गया है। मैनेजरों ने बताया कि वह इन लोगों की सेवा से अधिक खुश है।


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वृद्ध की सेवा और उनकी मदद के लिए The Logically J.P और गुरु विश्राम वृद्धाश्रम के सभी व्यक्तियों को शत-शत नमन करता है। साथ ही अपने युवाओं से यह नम्र निवेदन करता है कि वह अपने माता-पिता की देखभाल करें।

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