Home Inspiration

सालों से अधूरी ख्वाईश को बेटे ने किया पूरा, मेहनत के दम पर बना JEE Main टॉपर

Gyanesh Hemendra Shinde Clear JEE Mains exam with 100 percentile

माता-पिता हमेशा चाहते हैं कि जिस सपने वो पूरा न कर सके उसे उनके बच्चे पूरा करें और इसके लिए वे हर सम्भव कोशिश करते हैं। ऐसे में जब बच्चे माता-पिता के सपने को साकार करते हैं तो वह पैरंट्स के लिए सबसे बड़ी सुखों में एक होता है। कुछ ऐसा ही किया है ज्ञानेन्द्र हेमेंद्र शिन्दे ने। उन्होंने मां द्वारा देखे गए सपने को पूरा करके उन्हें जीवन की सबसे बड़ी खुशिगां दी है।

100 परसेंटाइल के साथ पास की JEE Mains की परीक्षा

महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) के रहनेवाले ज्ञानेश हेमेंद्र शिन्दे (Gyanesh Hemendra Shinde) हाल ही में जारी हुए JEE Mains की परीक्षा में 100 परसेंटाइल के साथ सफलता हासिल की है। JEE की तैयारी के बारें में उन्होंने मीडिया को बताया कि, वे अपनी तैयारी को लेकर काफी कॉन्फिडेंट रहते थे और क्लास में जो भी पढ़ाई होती थी उसे ध्यानपूर्वक सुनते थे।

रोजाना 6 घन्टे करते हैं पढ़ाई

क्लासरूम से वापस आकर वह फिर उसका रिवीजन और सेल्फ स्टडी करते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्लासरूम में पढ़ाई करने के बाद ज्ञानेश हेमेंद्र शिन्दे प्रतिदिन 6 घन्टे पढ़ते हैं। वहीं रिलेक्स होने के लिए उन्हें गाने सुनना, कीबोर्ड बजाना और फैमिली के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।

यह भी पढ़ें:- IITian ने लाखों की नौकरी छोड़ शुरु किया बच्चों को Maths पढ़ाना, पैसे कमाना नहीं है जीवन का ऊद्देश्य: श्रवण सर

IIT मुंबई के CS ब्रांच से करना चाहते हैं B.Tech

ज्ञानेश (Gyanesh Hemendra Shinde) ने बताया कि, उनकी बड़ी बहन जो MBBS की पढ़ाई कर रही हैं, उन्होंने ही JEE की तैयारी करने के लिए मोटिवेट किया। JEE मेन्स की परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद अब वह अपना पूरा ध्यान JEE एडवांस्ड परीक्षा पर है और इसमें जुटे हुए भी हैं। बता दें कि, ज्ञानेश का इच्छा है कि वह IIT मुम्बई के CS ब्रांच से बीटेक की पढ़ाई करें।

मां का सपना किया पूरा

आजतक से बातचीत के दौरान ज्ञानेश की मां माधवी शिन्दे ने बताया कि, उनका भी सपना था कि वे कोटा जाकर तैयारी करे। लेकिन पारिवारिक समस्याओं के वजह से उनका यह सपना साकार नहीं हो सका जिसका उन्हें काफी अफसोस था। ऐसे में उन्होंने सोच लिया था कि जिस सपने को वह पूरा नहीं कर सकी उसे उनके बच्चे पूरा करेंगे। अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने ज्ञानेश को कोटा भेजा और परिणामस्वरुप उन्होंने अपनी मां से सपने को पूरा किया।

Exit mobile version