एक कृषि प्रधान देश होने के कारण हमारे देश के अधिकतर लोगों के आजीविका का स्रोत खेती ही है। हालांकि बदलते जेनरेशन के कारण हर जगह बदलाव देखने को मिला है। पहले किसान खेती तो करते थे लेकिन वो खेती परम्परागत होती थी जिससे किसानों को अच्छा लाभ नहीं मिलता था। ऐसे में उन्होंने खेती के तरीकों को बदला और नए विचारों तथा नए तकनीक के साथ खेती की जिसमें अच्छा लाभ मिला।
आज हम आपको एक ऐसे किसान से मिलाएंगे जो परम्परागत खेती को छोड़ बागवानी फसलों के तरफ अग्रसर हुए और आज वह इससे 7 लाख रुपए कमाकर अन्य किसानों को इस खेती की तरफ जागरूक कर रहे हैं।
छोड़ी परम्परागत खेती
वह किसान हैं शुभम (Shubham) जो हरियाणा (Hariyana) से ताल्लुक रखते हैं। वह पहले परम्परागत खेती कर उसके गेंहू तथा धान की बुआई करते जिससे उन्हें लाभ नहीं मिलता। ऐसे में उनके मन में ये ख़्याल आया कि क्यों ना बगीचा लगाया जाए तब उन्होंने अमरूद तथा आडू की बुआई 2 एकड़ भूमि में की। उनका ये कार्य सफल हुआ तब उन्होंने इसकी बुआई 7 एकड़ भूमि में की।
#बागवानी में कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसका उदाहरण भुना के युवा प्रगतिशील किसान श्री शुभम ने दिया है। जिन्होंने फलों के बाग लगाकर सालाना लाखों की आमदनी हासिल कर एक प्रगतिशील किसान की मिसाल दी है। #agriculture #horticulture #Haryana #SuccessStory #FarmersIncome pic.twitter.com/ks88xHxU8m
— Dept. of Agriculture & Farmers Welfare, Haryana (@Agriculturehry) May 9, 2022
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हुआ 7 लाख का मुनाफा
जब वह परम्परागत खेती करते तो वह खेती का भूजल स्तर कम होता ऐसे में उन्हें खेती में हानि ही होती जिससे वह थोड़े उदास होते। परंतु आज वही अपनी खेती से 7 लाख रुपए लाभ कमा रहे हैं जिससे उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। साथ ही उनके क्षेत्र के किसान उनकी तरह खेती कर लाभ कमाना चाहते हैं।
बने सफल किसान
उन्होंने अपने बागानी में सफेदा किस्म के अमरूद की बुआई की है जो मात्र 10 माह में ही उत्पादन के लिए रेडी हो जाते हैं। साथ ही इनमे कीड़े ना लगने से ये ज्यादा दिनों तक रखे रहते हैं और इनका मार्केट में भी खूब डिमांड रहता है। जानकारी के मुताबिक वह अमरूद से 3 तथा आडू से 4 लाख रूपए कमाने में सफल हैं।