फूल का उपयोग शुभ और अशुभ दोनों कार्यों में होता है। इनकी एक अलग ही महता होती है। आजकल किसान फूलों की खेती से भी अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। हरियाणा (Haryana) के पलवल (Palval) ज़िला के किसान ज़्यादातर फूल की खेती को अपना रहे हैं, और वह फूलों में गुलाब की खेती करते हैं। (Rose Cultivation)
वहां के एक किसान मानक चंद (Manak Chand) ने यह जानकारी दिया कि मात्र एक एकड़ ज़मीन में उन्हें इस गुलाब की खेती से बहुत मुनाफा हो रहा है। वहीं ज़िला बागवानी अधिकारी, जिनका नाम डॉक्टर अब्दुल रज्जाक (Abdul Rajjak) ने जानकारी दिया कि हमारे ज़िले के लगभग 70 हेक्टेयर ज़मीन में गुलाब की खेती (Rose Cultivation) करने का लक्ष्य निर्धारण हुआ है।
हमेशा रहती है बाजारों में डिमांड
मानक चंद ने यह जानकारी दिया कि उन्हें अपनी खेती से बहुत लाभ मिल रहा है। उन्होंने मात्र 1 एकड़ ज़मीन में गुलाब के पौधे लगाए हैं, जिनसे 4 माह के उपरांत फूल आने लगते हैं। वह सुबह में फूलों को तोड़ मार्केट में ले जाते हैं और वह बहुत जल्दी बिक जाते हैं। बाजारों में गुलाब के फूलों की अधिक डिमांड होती है, जिस कारण उन्हें अपने खेती से मुनाफा ही मुनाफा है। (Rose Cultivation)
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ट्रेडिशनल खेती को छोड़ अपनाया रोज कल्टीवेशन
अब वहां पर इर्द-गिर्द के सभी किसान अपनी ट्रेडिशनल खेती को छोड़ गुलाब की खेती को अपनाए हुए हैं। जब किसानों को गुलाबी खेती से लाभ मिलने लगा, तब वह अधिक ज़मीन में अपनी खेती को करने लगे। (Rose Cultivation)
देशी और अंग्रेजी गुलाब
वहां के बगानी अधिकारी डॉक्टर अब्दुल रज्जाक ने यह जानकारी दिया कि यहां पर सभी किसान गुलाब की खेती करें। इसके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है, और इसका हमें अच्छा परिणाम भी देखने को मिल रहा है। यहां पर किसान दो तरह के गुलाब के पौधे लगा रहे हैं, एक अंग्रेजी और दूसरा देशी गुलाब। अंग्रेजी गुलाब छड़ी के साथ ही बेचा जाता है। वही देशी गुलाब में सुगंध अधिक होती है एवं इससे अर्क भी निकाले जाते हैं। (Rose Cultivation)