Home Social Heroes

नेकी की पहल: अपनी सैलरी से हर महीने 30 जरूरतमंद लोगों की मदद करता है यह पुलिस कांस्टेबल

कहते हैं, दूसरों की मदद करने से कोई गरीब नहीं होता। हमसे जितना हो सके उतना ही हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए। यह बात कहना जितना आसान हैं, उतना ही मुश्किल हैं ऐसा करना। परंतु आज हम आपको एक ऐसे पुलिस कांस्टेबल की कहानी बताएँगे जिन्होंने ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने को अपने जिंदगी का मकसद बना लिया है। इस पुलिस कांस्टेबल का नाम है, कृष्णामूर्ति।

Krishnamurti help needy people

आइए जानते हैं इंसानियत पर भरोसा दिलाने वाले पुलिस कांस्टेबल कृष्णामूर्ति (Krishnamurti) की कहानी

कृष्णामूर्ति पार्वतीपुरम (Parvatipuram)शहर के पुलिस स्टेशन से जुड़े हेड कांस्टेबल हैं। इनके पास जो भी शिकायत दर्ज कराने आता है, वह उन ग़रीबों और बुजुर्गों की मदद करते हैं। कृष्णा कोट्टुगुमडा (Kottugumda) गांव के रहने वाले हैं। वह ना सिर्फ़ अपने गाँव की बल्कि आस-पास के गाँव के लोगों की भी मदद करते हैं। कृष्णा हर महीने ज़रूरतमंदों को राशन व कपड़े देते हैं तथा सर्दियों के मौसम में बुजुर्गों को कंबल भी बांटते हैं।

यह भी पढ़ें :- हर महीने गरीब तबके के अनेकों बच्चों की फीस भरते हैं, इस दिवंगत पत्नी का सपना पूरा कर रहे हैं

कृष्णा को मिली है उनके परिवार से प्रेरणा

कृष्णा पिछले 3 साल से हर महीने 30 गरीब को खोजते हैं और फिर उनकी मदद के लिए अपनी सैलरी से हर महीने 10,000 रुपये ख़र्च करते हैं। कृष्णा ने एक इंटरव्यू में कहा कि बचपन में अपने माता-पिता और दादा-दादी को गांव में गरीबों की मदद करते देखता था, उनसे ही मुझेल प्रेरणा मिली।

हर महीने करते हैं 10,000 रुपये की मदद

कृष्णा ने बताया कि पुलिस में शामिल होने के बाद उन्होंने लोगों की मदद करनी शुरू की। वह हर महीने 30 गरीब लोगों का चयन करते हैं और उन्हें कपड़े और अन्य जरूरी सामान देते हैं। वह यह कार्य हर महीने 5 या 6 तारीख को करते हैं। कृष्णा ने पिछले दो महीनों में 60 कंबल बांटे हैं। कृष्णा बताते हैं कि उनकी सैलरी 45,000 रुपये हैं जिसमें से लोगों की मदद के लिए उनके पास केवल 10,000 रुपये ही बचता है।

The Logically कृष्णामूर्ति (Krishnamurti) के कार्यों की तारीफ करता है और उमीद करता हैं कि उनके इस कहानी से अन्य लोगों को भी सीख मिलेगी।

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

1 COMMENT

Comments are closed.

Exit mobile version