Sunday, December 10, 2023

हेलमेट मैन की कहानी, जिन्होंने लोगों की ज़िंदगी बचाने के लिए अपना घर तक बेच दिया, 48000 लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं

दोस्ती के नाम पर आपने कई किस्से सुने-पढ़े होंगे लेकिन दोस्त के नाम अपनी ज़िंदगी समर्पित करने वाले बहुत कम होते हैं आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलवा रहे हैं जिनके दोस्ती के क़सीदे अब भारत समेत अन्य देशों में भी पढ़े जाते हैं।

हम बात कर रहे हैं राघवेंद्र कुमार की जिन्हें लोग हेलमेट मैन के नाम से भी जानते हैं अब ये नाम कैसे पड़ा इसकी तरह इसके पीछे की कहानी भी बहुत दिलचस्प है।

दरअसल, 2014 में बिहार के कैमूर जिले में रहने वाले राघवेंद्र कुमार ने अपने जिगरी दोस्‍त को बाइक हादसे में खो दिया था। इस घटना का असर राघवेंद्र पर इतना ज़्यादा पड़ा कि उन्होंने नौकरी के साथ ही लोगों को हेलमेट दे कर उनकी जान बचाने का प्रण ले लिया।

 Raghvendra Kumar distribute helmet

अब तक 48000 हजार लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं

The Logically से बात करते हुए राघवेंद्र बताते हैं कि जिंदगी बहुत ही अनमोल है। लेकिन कई बार लोग दुपहिया वाहन पर बिना हेलमेट सफर करने लगते हैं। जिसके कारण वह अपनी जिंदगी के साथ ही परिवार वालों का भविष्य भी संकट में डाल देते हैं। 

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राघवेंद्र आगे बताते हुए कहते हैं, “अभी तक मैंने 48000 हजार लोगों को तथा 22 राज्यों में हेलमेट बांट दिया है। पहले लोग हेलमेट लेने के बाद इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश नहीं करते थे लेकिन जब मैंने बताया तो लोग हेलमेट के साथ ही अपनी ज़िंदगी को भी सीरियसली लेने लगे।”

एक आंकड़े के अनुसार 2018 में 43,600 लोगों की मौत हेलमेट ना लगाने की वजह से हुई। वहीं साल 2017 में यह संख्या 35,975 थी। मतलब, अगर लोग बाइक चलाते वक्त हेलमेट पहनें, तो हर साल हजारों लोगों की जान बच सकती है।

 Raghvendra Kumar distribute helmet

किताबों के बदले फ्री हेलमेट

लोगों को हेलमेट के प्रति जागरूक करने के लिए तथा गरीब बच्चों को किताब उपलब्ध कराने के लिए राघवेंद्र अब किताब के बदले हेलमेट फ्री में देते हैं।

राघवेंद्र बताते हैं कि जब उन्होंने एक बच्चे को अपने दोस्त की किताबें फ्री में दे दी और वो अपने क्लास में फर्स्ट आया तब उसकी माता जी ने कॉल कर खूब दुआएं दीं तब लगा कि उन बच्चों तक किताब पहुंचाया जाना चाहिए जो इसके अभाव में अपनी पढ़ाई तक छोड़ देते हैं।

तभी से राघवेंद्र लोगों से किताब की अपील करने लगे और इसके बदले में फ्री हेलमेट देने लगें। अब उन्होंने अपने गांव बगाढ़ी में भी एक फ्री बुक लाइब्रेरी खोल दी है जहां बच्चे भी अपने पुराने सत्र के किताब डोनेट करते हैं और नए सत्र के किताब फ्री में लेकर जाते हैं।

Raghvendra Kumar distribute helmet
राघवेंद्र कुमार

लोगों की जान बचाने के लिए अपना घर भी बेच दिया है

राघवेंद्र The Logically से बात करते हुए आगे बताते हैं कि उनका ग्रेटर नोएडा में एक घर था जब मैंने नौकरी छोड़ दी तब धीरे-धीरे फाइनेंशियली दिक्कत आने लगी तब भी हौसला कम नहीं हुआ। मैंने अपना घर बेच दिया ताकि जो काम मैंने शुरू किया था उसमें रुकावट ना आये।

“इस काम में मेरी पत्नी ने भी साथ दिया उन्होंने अपने जेवर इस काम के लिए बेच दिए। उन्होंने जेवर देते वक्त कहा ये नेक काम नहीं रुकना चाहिए।” राघवेंद्र इमोशनल होते हुए बताते हैं।

 Raghvendra Kumar Helmet man of India
मुहिम के दौरान राघवेंद्र

5 लाख का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस भी करवाते हैं

इसके साथ ही वह जरूरतमंद व्यक्ति का 5 लाख का एक्सिडेंटल इंश्योरेंस भी करवाते हैं। जिसके एवज में वह मात्र एक हजार रुपये लेते हैं, बदले में लोगों को रसीद देते हैं।

राघवेंद्र कहते हैं कि एक बार हेलमेट के अभाव में एक व्यक्ति की जान चली गयी जिसके कारण उनके परिवार वालों को काफी दिक्कत हो रही थी। तब मैंने सोचा कि क्यों न हेलमेट देने के साथ ही उनका बीमा करवा दिया जाए ताकि अगर किसी कारण एक्सीडेंट में उनकी जान चली जाए तो उनके परिवार के पास एक बैकअप रहे।

 Raghvendra Kumar Helmet man of India

समाज के लिए प्रेरणा हैं राघवेंद्र

राघवेंद्र खुश होते हुए कहते हैं कि अब गांव के साथ ही पूरे देश में लोग हेलमेट मैन के नाम से जानते हैं तो बहुत अच्छा लगता है। लोग भी मुझे कॉल कर के दुआएं देते हैं तो काफी प्रोत्साहन मिलता है।