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हेरोइन का इतिहास! सैकडों साल पहले खांसी के लिए बनी थी हेरोइन, आज सबसे खतरनाक नशा कैसे बन गई

History of heroine drug and it's present form

‘नशा’ एक ऐसी लत है जिसके चक्कर में पड़कर समाज गुमराह हो जाता है। (Avoid drugs) नशे की वजह से लोग अपनी कई अहम जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर पाते बल्कि ये घरों में यह घरेलू हिंसा का भी एक प्रमुख कारण बनाता है।

नशे की लत हर साल न जाने कितने घरों से उनके बेटों को छीन लेती है, लेकिन इसके बावजूद मुनाफा कमाने के लिए कुछ लोग बैन होने के बावजूद इसे बेचने से बाज नहीं आते। ऐसा ही एक नशा है ‘हिरोइन’ इस नशीले पदार्थ की मांग इतनी ज्यादा है कि इसकी कीमत सोने से भी ऊपर है। पर क्या आपको पता है कि ‘हीरोइन’ को खांसी दूर करने की दवा में उपयोग में आता है।

खांसी दूर करने की दवा (Avoid drugs)

वर्तमान में हीरोइन जैसे नशीले पदार्थ (narcotics) पर पूरी तरह पाबंदी है पर कभी इसका इस्तेमाल खांसी दूर करने की दवा में किया जाता था।
1800 के दशक के आख़िर के दौर में हेरोइन को प्रयोगशाला (Laboratory) में तैयार किया गया। उसके कुछ सालों बाद ही इसका इस्तेमाल खांसी-ख़राश के लिए बनने वाली दवाओं में किया जाने लगा।

हीरोइन बनाने की शुरुआत (Avoid drugs)

हीरोइन बनाने की शुरुआत एक अंग्रेज रसायनशास्त्री सीआरए राइट ने किया। उन्होंने इसे लंदन के सेंट मैरी हॉस्पिटल स्कूल ऑफ़ मेडिसिन (St. Mary’s Hospital School of Medicine) में मॉर्फिन से कृत्रिम विधि से तैयार किया। वैसे हिरोइन अफीम का एक अति परिशोधित रूप है। इसे डाईएसिटिलमोरफीन भी कहा जाता है। यह ओपियाड ग्रुप आफ ड्रग्स का सर्वाधिक नशीला तथा एडिक्टिव अर्थात आदी कर देने वाला एक खतरनाक नशा है।

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जानलेवा नशा है हीरोइन (Avoid drugs)

ऐसा कहा जाता है कि इस ड्रग की लगातार तीन या चार खुराक लेने से ही व्यक्ति इसका आदि हो जाता है और फिर इससे पीछा छुड़ाना नामुमकिन सा हो जाता है। यह एक जानलेवा नशा (deadly drug) है इसलिए यह विश्व भर में प्रतिबंधित है। स्मैक, ब्राउन शुगर, मौरफीन आदि इसी ग्रुप के नशीले पदार्थ हैं। इसमें मौरफीन का प्रयोग दर्द प्रशामक दवा के रूप में किया जाता है।

ओपियम पॉपी से बनती है हेरोइन (Avoid drugs)

हेरोइन ओपियम पॉपी नामक पौधे के फूल से प्राप्त लेटेक्स से बनती हैं। एक फूल से 30 ग्राम लेटेक्स मिलता है। इसको सुखाकर ओपियम बनाया जाता है। ओपियम में 12 फीसद अल्कालॉयड मॉर्फीन होता है। इसे कुछ रसायनों में मिलाकर स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए दर्द निवारक दवा और हेरोइन बनाई जाती है। अफगानिस्तान में विश्व की 90 फीसद हेरोइन उत्पादित होती है। वहां इसका उत्पादन सालाना हजारों टन है। वहां से इसे ईरान, पाकिस्तान समेत अन्य पड़ोसी देशों के रास्ते तस्करी के जरिये दुनियाभर में पहुंचाया जाता है।

इसके सेवन से बचें (Avoid drugs)

इस तरह आप देख सकते हैं कि कभी दवा के रूप में इस्तेमाल होने वाली इस हीरोइन की पाबंदी अब लगभग जगहों पर है। आप भी ऐसी चीजों से दूरियां बना के रखें। यह एक ऐसी जानलेवा चीज है जो किसी के जीवन को बर्बाद कर सकती है। इसलिए इन जैसे नशीले पदार्थो से खुद को भी बचाएं एवं दुसरो को भी इससे बचने की सलाह दें। यही कारण है कि इसपे प्रतिबंध सरकार द्वारा लगाया जा चुका है।

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Shubham वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय (Patna University) में स्नात्तकोत्तर के छात्र हैं। पढ़ाई के साथ-साथ शुभम अपनी लेखनी के माध्यम से दुनिया में बदलाव लाने की ख्वाहिश रखते हैं। इसके अलावे शुभम कॉलेज के गैर-शैक्षणिक क्रियाकलापों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

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