हम भारतीय लोग जुगाड़ करने में माहिर हैं। यूं कहा जाय तो हम भारतीय जुगाड़ू बहुत होते हैं। हमारे देश में हर किसी के पास किसी कठिन काम का एक सरल उपाय जरूर होता है। उदाहरण के तौर पर कहें तो हमारा टूथपेस्ट खत्म हो जाता है उसके बाद भी उसमे से किसी न किसी जुगाड़ से थोड़ा टूथपेस्ट निकाल हीं लेते हैं और तब तक के लिए काम चला लेते हैं। एक और जुगाड़ होता है नाड़े को पेन में फंसा कर उसे पैजामे में डालना हो, कुल मिलाकर कहा जाय तो हमारे पास हर समस्या का जुगाड़ू निवारण सदैव मौजूद रहता है। इसी जुगाड़ के दम पर हम कई चीजों को बर्बाद होने से बचाने की कोशिश भी करते रहते हैं। तो ये जुगाड़ की बात करने का मुख्य मकसद है कि क्या हरेक जुगाड़ हमारे लिए फायदेमंद हीं होता है? क्या कुछ जुगाड़ें हमारे लिए खतरे भी होते हैं? इसी मुद्दे पर आज की बात….
इस बीच गर्मियां आ गई हैं जिसके वजह से फ्रिज के ठंडे पानी का डिमांड भी बढ़ने लगी है। ऐसे में अक्सर कई लोग अपने फ्रिज में पानी की फैंसी बोतलों के साथ कोल्ड ड्रिंक की खाली बोतलों में पानी भरा हुआ भी देखेंगे। एक तरीके से सोचा जाए तो ये प्लास्टिक की बोतलों का सही इस्तेमाल माना जाएगा लेकिन इसके पीछे का सच जानने के बाद शायद आप ऐसा जुगाड़ लगाने से परहेज करेंगे।
अक्सर हम कोल्डड्रिंक के बॉटल में भी पानी भर के फ्रीज में डाल देते हैं और लगभग इसका इस्तेमाल रोज किया करते हैं। दरअसल, कोल्ड ड्रिंक या मिनरल वॉटर की बोतल में कई दिन तक पानी भरकर रखना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। जब इन बोतलों में लंबे समय तक पानी भर कर इनका इस्तेमाल किया जाता है तो इनमें fluoride और arsenic जैसे तत्व बनने लगते हैं। जिसके बाद ये तत्व शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होते हैं। वैज्ञानिकों द्वारा इन्हें शरीर के लिए स्लो पॉइजन माना गया है। जो किसी भी तरह से इस्तेमाल न करने का संकेत देता है।
कई शोधकर्ता की मानें तो प्लास्टिक की बोतल में रखे पानी से इंसान के इम्यून सिस्टम पर भी काफी बुरा असर पड़ता है। जिसके बाद माना जाता है कि इससे पैदा होने वाले कैमिकल शरीर पर गहरा असर डालते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि प्लास्टिक में मौजूद फैथलेट्स जैसे केमिकल लिवर कैंसर का खतरा पैदा कर सकते हैं।
दरअसल, ज्यादा समय तक इन प्लास्टिक की बोतलों में पानी रखने से बीपीए का पैदा होता है। बीपीए एक ऐसा केमिकल है जो शरीर में मोटापा, डायबिटीज आदि बीमारियों का कारण बनता है। इन सबके अलावा जब बोतल में रखा पानी सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से या किसी अन्य वजह से गर्म होता है तब इसमें टोक्सिन बनने लगते हैं और यही कैंसर का कारण भी बन सकते हैं।
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जी हां तो निश्चित तौर पर हमे कोल्डड्रिंक के बॉटल को ज्यादा देर तक पानी रखने से बचना चाहिए साथ हीं इसे फ्रीज में भी रखकर ठंड नही करना चाहिए। क्योंकि जैसे मैंने आपको पहले बताया ये आगे शरीर के लिए घातक भी साबित हो सकता है। इसलिए सतर्क रहें और इसका इस्तेमाल करने से बचें।