किसान पहले के समय में केवल पारंपरिक खेती ही करते थे, जिससे उन्हें इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि अच्छी तरह उनका गुजारा हो सके। ऐसे किसान अब सब्जियों की खेती करके कम समय में अच्छी कमाई कर रहे हैं। खेती करने के लिए तो कई सब्जियां हैं, परंतु चुकंदर उनमें से खास हैं। इससे हमारे शरीर को कई तरह के लाभ होते हैं, जिससे मार्केट में इसकी डिमांड हमेशा बना रहती है। बता दें कि चुकंदर खून बनाने में मदद करता है। अक्सर डॉक्टर खून की कमी, एनीमिया, कैंसर, हृदय रोग, पित्ताशय विकारों, बवासीर, जैसी समस्या से पीड़ित लोगो को चुकंदर उपयोग करने की सलाह देते हैं। – By cultivating beet root, farmers can increase their earnings.
चुकंदर की खेती कर किसान बढ़ा सकते हैं अपनी आमदनी
रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के किसान चुकुंदर की खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उनके अनुसार इसे बेचना बहुत ही आसान है। दरअसल उनकी यह फसल खेत में ही अच्छी कीमत पर बिक जाती है। चुकंदर की खेती किसानों के लिए आमदनी का अच्छा जरिया बन चुका है। आज हम आपको चुंकदर की खेती से जुड़ी जानकारी देंगे, जिसका लाभ उठाकर किसान अपने आय को कई गुना ज्यादा बढ़ा सकते हैं। इसके साथ ही हम चुकंदर की खेती कर रहे किसानों से भी उनका राय लेंगे।
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चुकंदर की खेती करने से मिट्टी की गुणवता बढ़ती है
चुकंदर जितना फायदेमंद हमारे शरीर के लिए है उतना ही यह मिट्टी के लिए भी है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार इसकी खेती बंजर जमीन पर भी की जा सकती है और ऐसी जमीन चुकंदर की खेती करने से कुछ समय में उपजाऊ बन जाएगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऊसर भूमि में चुकंदर का उत्पादन होने से भूमि की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। दरअसल चुकंदर से कुछ ऐसे तत्व निकलते हैं, जिससे बंजर जमीन भी उपजाऊ बन जाती है। चुकंदर का सेवन लोग स्लाद, हलवा तथा ज्यूस के रुप में करते हैं।
चुकंदर का सेवन करने से बहुत तेजी से खून की कमी पूरी होती है और उसके पत्तों को पशु चारे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह उनके लिए भी पौष्टिक होता है। उत्तरप्रदेश के हरदाई जिले के किसान चुकंदर की खेती बड़ी मात्रा में कर रहे हैं। बता दें कि इस समय बाजार में चुकंदर 60 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। हरदाई जिले के एक किसान बताते हैं कि उनके क्षेत्र में मिट्टी भुरभुरी बलुई है, जिसमें वह काफी समय से चुकंदर की खेती कर रहे हैं। फसल तैयार होने पर व्यापारी खुद आकर फसल खरीद कर ले जाता है। अब उनके चुकंदर बरेली, लखनऊ, कानपुर, आगरा और दिल्ली तक जा रहा है। वैज्ञानिक विधि के अनुसार चुकंदर की खेती करने से उत्पादन भी बेहतर मिलता है।
चुकंदर की खेती से जुड़ी कुछ खास बातें
चुकंदर की खेती की खास बात यह है कि इसके लिए कोई खास मौसम नहीं है। इसकी खेती सालों भर की जा सकती है। हालांकि अच्छा उत्पादन के लिए ठंड के मौसम में इसकी बुआई करना बेहतर होता है। चुकंदर की खेती के लिए दोमट या बलुई मिट्टी अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा ऊसर और बंजर जमीन पर भी इसकी खेती की जा सकती है, लेकिन मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना जरूरी है। चुकंदर की खेती से पहले खेत की गहराई से जुताई करनी चाहिए। इसके बाद उसमें खरपतवार नियंत्रण कर के खेत में गोबर की खाद डालें। – By cultivation beet root, farmers can increase their earnings.
चुकंदर की खेती करने का सही तकनीक
चुकंदर की खेती के लिए जब जमीन पूरी तरह तैयार हो जाए, तो उसमे क्यारी बना लें क्योंकि मेड़ पर चुकंदर की बुआई करने से फसल काफी अच्छी होती है। चुकंदर के बीजों को 2 सेंटीमीटर की गहराई में 10 सेंटीमीटर की दूरी पर बोएं। चुकंदर की बुआई के बाद इस बात का खास ध्यान रखें कि मिट्टी में हमेशा नमी बनी रहे क्योंकि नमी वाले क्षेत्रों में उगाई गई चुकंदर की फसल में शक्कर ज्यादा मात्रा में होती है। चुकंदर के खेती को बारिश से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। 20 डिग्री के तापमान में चुकंदर की फसल अच्छी होती हैं। जानकारों के अनुसार एक हेक्टेयर जमीन में 14 से 15 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। – By cultivating beet root, farmers can increase their earnings.