Monday, December 11, 2023

टमाटर की उन्नत खेती कर कमाएं लाखों रूपए, जानें तरीके और विभिन्न किस्में जिससे होगा खूब मुनाफा

सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने सब्जियों की बात करें तो टमाटर (Tomato) का नाम सबसे पहले आता है। इसका उपयोग लोग दाल, सब्जी, चटनी और सलाद सभी में करते हैं। आप चाहे तो किसी भी मौसम में इसकी खेती कर सकते हैं परन्तु अगर आप सर्दियों में इसकी बुआई करते हैं तो आपको विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।

टमाटर में प्रचुर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम फॉस्फोरस आदि पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिस कारण लोग इसका सेवन भी खूब करते हैं। अगर आप एक कृषक हैं और खेती करते हैं तो आप टमाटर की खेती करें। इस खेती से आप लाखों रुपए कमा सकते हैं। टमाटर की खेती से जुड़े इस लेख द्वारा आपको ये विस्तृत जानकारी दी जाएगी कि आप किस तरह फसल के मिट्टी तैयार करें इसकी बुआई करें और हार्वेस्टिंग करें। -Tomato Cultivation

ऐसी होनी चाहिए मिट्टी

टमाटर की खेती ऐसी मिट्टी में करें जिसमें जल निकासी है। आप चाहें तो दोमट मिट्टी में इसकी खेती कर सकते हैं। ध्यान रखना है कि मिट्टी का पीएच मान 6-7 के बीच हो। अगर आप सही भूमि का चयन नहीं करते हैं तो आप के खेतों में लगे हुए फसल नष्ट हो जाएंगे और आपको हानि पहुचेंगी। इसलिए अगर आप खेती करना चाहते हैं तो मिट्टी का विशेष ध्यान रखें। -Tomato Cultivation

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ऐसे करें खेत की जुताई और बुआई

अगर आप चाहते हैं कि आपका फसल का अच्छा उत्पादन हो तो इसके लिए आप पहले मिट्टी की जुताई कर अवशेषों को बाहर निकाल दें और इसे थोड़े दिन ऐसे ही छोड़ दें। इसी मिट्टी में गोबर मिलाएं और फिर जुताई करें। जब आपकी मिट्टी अच्छी तरह भुरभुरी हो जाए तो आप मेड का निर्माण करें और फिर इसमें फसलों की बुआई करें। फिर आप इसकी सिंचाई भी कर दें ताकि नमी बनी रहे। -Tomato Cultivation

Know its different varieties for tomato cultivation

टमाटर की किस्म

• स्वर्ण नवीन

• पूसा शीतल

• स्वर्ण लालिमा

• पंजाब छुहारा

• काशी अमन

• दिव्या

• स्वर्ण समृद्धि

• काशी अभिमान

• स्वर्ण सम्पदा

चलिए अब इन किस्मों के विषय में विस्तार से जानते हैं….

स्वर्ण नवीन

अगर आप अपने खेतों में के स्वर्ण नवीन पौधे लगाए हैं तो यह लगभग 2 माह में आपको फल देने लगेगा। इसका कलर लाल होता है और यह गोलाकार शेप का होता है। आप इस प्रकार के पौधे की बुआई सर्दी या बारिश जैसे मौसम में बेहद आसानी से कर सकते हैं। इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

पूसा शीतल

पूसा शीतल टमाटर की खेती पर्वतीय क्षेत्रों में की जाती है। इसका रंग लाल एवं आकार चपटा होता है। अगर आप ठंडे क्षेत्र में है तो इसकी ऊपज आपके लिए लाभदायक होगी। यह एक हेक्टेयर में लगभग सारे 350 क्विंटल उत्पादन देगा।

स्वर्ण लालिमा

स्वर्ण लालिमा टमाटर के किस्म मुरझा रोग के लिए लाभदायक होती है यह एक हेक्टेयर में 700 क्विंटल फल का उत्पादन करती है। इसे आप सर्दियों के मौसम में लगा सकते हैं इसका आकार गोल एवं रंग लाल होता है।

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पंजाब छुहारा

अगर आप इस किस्म की बुआई करते हैं तो यह 90 दिनों में आपको फल देने लगेगा। यह ज्यादातर लुधियाना में उगाया जाता है। इसके लिए गर्मियों का सीजन उचित माना जाता है। इसका आकार छोटा होता है।

काशी अमन

अगर आप इसकी बुआई करते हैं तो आपको लगभग 3 माह तक का वेट करना पड़ेगा तभी आपको फल देगा। यह प्रति हेक्टेयर में 500 से 600 क्विंटल फल का उत्पादन करता है। यह पर्ण कुंचन रोग के लिए फायदेमंद होता है

दिव्या

अगर आप इसकी बुआई करते हैं तो यह 2 माह के बाद तैयार हो जाएगा। यह प्रति हेक्टेयर में लगभग 400 टन फल का उत्पादन करता है। ये ज्यादा दिनों तक रखने के बावजूद भी इसके फल खराब नहीं है आंख से बीमारियों के लिए लाभदायक होता है।

स्वर्ण समृद्धि

इसकी बुआई आप ठंड और बरसात के मौसम में कर सकते हैं। इसका रंग लाल होता है और इसके फल 2 माह में तैयार होते हैं। वही इनके प्रति हेक्टेयर का उत्पादन 600 क्विंटल तक होता है।

काशी अभियान

अगर आप इसकी बुआई करते हैं तो आप इससे प्रति हेक्टेयर में 800 क्विंटल तक फल प्राप्त कर सकते हैं। यह विशेष रूप से विषाणु रोग के लिए लाभदायक होते हैं वहीं इसका फसल लगभग 80 दिनों में तैयार हो जाता है।

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भारत की अधिक उत्पादन वाली टमाटर

अगर हम अपने देश की बात करें तो हमारे देश में जिस टमाटर का उत्पादन ज्यादा मात्रा में किया जाता है वह और अर्का रक्षक है। यह हमारे देश में प्रसिद्ध है। इसके खेती से आप बंपर उत्पादन कर सकते हैं। ये कई रोगों के निवारण के लिए उपयोग किया जाता है। मार्केट में भी इसका खूब डिमांड रहता है। इसके अलावा टमाटर की बहुत सी प्रजातियों को अलग-अलग जगह पर मौसम के अनुकूल उत्पादित किया जाता है। -Tomato Cultivation

रखें कुछ बातों का ध्यान

फसल की बुआई के बाद आपको यह ध्यान रखना है कि समय-समय पर पौधों की सिंचाई होती रहे इसमें उर्वरक का छिड़काव किया जा होता है। साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि पौधे में किस प्रकार के कीट लगे हुए हैं ताकि आप उनकी तो को नष्ट करने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल कर सकें। टमाटर में लगने वाले रोगों के नाम है…, फल छेदक कीट, हरा तेला कीट, वायरस ग्रसित कीट, आदि। इन सभी के निवारण के लिए आपको विभिन्न प्रकार के कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ता है। आप खेतों में खरपतवार नाशक का भी चयन करें तो ये सही रहता है। –Tomato Cultivation