जहां एक ओर हम सब पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमतों से परेशान हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्लास्टिक के कचरों से हमारे पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है, जिसका जीवों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव भी पड़ रहा है।
इन दोनों कड़ी से जुड़ी बहुत ही अच्छी खबर हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिससे प्लास्टिक की समस्या का निवारण भी होगा एवं पेट्रोल भी बनेगा। आज की हमारी इस कहानी में आप पढ़ेंगे की किस तरह बिहार (Bihar) के युवाओं द्वारा प्लास्टिक के कचरे से डीजल-पेट्रोल का निर्माण किया जा रहा है।
प्लास्टिक कचरे से डीजल बनाया जा रहा
जिन प्लास्टिक के कचरे को हम बेकार बताकर फेंक देते हैं, उन्हीं प्लास्टिक के कचरे से बिहार (Bihar) के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के युवाओं की एक टीम ने पेट्रोल और डीजल का निर्माण किया है। उनके इस पहल से हमारे पर्यावरण का संरक्षण भी होगा एवं पेट्रोलियम उत्पाद सस्ते मिलेंगे।
8 युवाओं की टीम कर रही है ये कार्य
मुजफ्फरपुर के खरौना गांव में इसका एक प्लांट प्रारंभ हुआ। इस प्लांट पर 8 युवाओं की टीम ने प्लास्टिक कचरे से बायो डीजल-पेट्रोल के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। इस युवाओं की टीम की अगुवाई भारतीय सांख्यिकी संस्थान के स्टूडेंट आशुतोष मंगलम कर रहे हैं। इस टीम में अमन, मोहम्मद हसन, शिवानी एवं सुमित आदि मौजूद है। वर्ष 2019 में उनकी टीम ने इस टेक्नोलॉजी का ट्रायल किया था, जिसमें उन्हें सफलता हाथ लगी थी और वर्ष 2020 में इसका भी पेटेंट हुआ है।
मिला है 25 लाख रुपए का लोन
प्लास्टिक कचरे से ईंधन के निर्माण की इस प्रोसेस का पेटेंट ग्रेविटी एग्रो एन्ड एनर्जी के नाम पर है। वहीं इसके प्लांट के लिए भूमि टीम के नेता मंगलवार ने दी है जो उनकी पैतृक भूमि है। इसके लिए उनकी टीम को जिला उद्योग केंद की सहायता से लभगभ 25 लाख रुपए का लोन बैंक से मिला है। इस प्लांट में जो मशीनें लगी है वह पहले प्लास्टिक के कचरे को इथेन में परिवर्तित करेंगी। फिर यह आइसो ऑक्टेन में बदलेगा और पेट्रो-केमिकल निकलेगा।
नगर निगम करा रही है कचरे की व्यवस्था
इस प्लांट के लिए कचरा की व्यवस्था नगर निगम द्वारा हो रहा है। परिमल कुमार सिन्हा जो कि जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक है उन्होंने बताया कि इस फैक्ट्री को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत खोला गया है।
अब हमें इंतज़ार इस बात है कि युवाओं की टीम द्वारा किए गए, इस पहल को बड़ी सफलता हांथ कब लगती है और पेट्रोल-डीजल की कीमत कब कम होती है??