भारत के अधिकतर ग्रामीण लोग खेती के साथ पशुपालन को ही अपने आमदनी का जरिया बनाते हैं। इससे उनके घर की रोजी रोटी तो चलती ही है। हालांकि ज्यादातर लोग पशुपालन बहुत ही छोटे स्तर पर करते हैं, लेकिन अगर इसी पशुपालन को एक बिजनेस के तौर पर किया जाए तो इससे काफी लाभ हो सकता है। इस दिशा में काम करने वाले ग्रामीणों के लिए सरकार भी बढ़-चढ़कर मदद कर रही है। सरकारी योजनाओं की मदद से एक आम ग्रामीण भी पशुपालन का बिजनेस आसानी से शुरू कर सकते हैं। – The government is giving the common villagers a chance to start their own business of animal husbandry.
ग्रामीणों की मदद के लिए सरकार चला रही है यह योजना
उत्तर प्रदेश के पशुपालन विभाग के उप निदेशक (नियोजन) डॉ वीके सिंह (Dr Vicky Singh) पशुपालन अवसंरचना विकास फंड (एएचआईडीएफ) के बारे में बताते हैं की गार्मिनो के मदद के लिए पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है। वीके सिंह बताते हैं छोटे स्तर पर तो कई लोग डेयरी चलाते हैं, लेकिन अब सरकार इस योजना के तहत ग्रामीणों को डेयरी के रूप में अपना बिजनस शुरू करने का मौका दे रही है, जिससे अन्य लोगों को भी रोजगार मिल पाएगा।
15000 करोड़ रुपए से शुरू हुई पशुपालन अवसंरचना योजना
सरकार द्वारा शुरू की गई एनिमल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंड फंड (एएचआईडीएफ) यानी पशुपालन अवसंरचना विकास फंड हैं। हर कोई यह जानता है कि जब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा तो आगे अपने आप ही विकास होगा और अब सरकार भी इस बात को गंभीरता से लेते हुए इस पर काम कर रही है। भारत सरकार इस योजना के लिए पूरे देश में 15000 करोड़ रुपए के फंड का प्रावधान का एलान कर चुकी हैं। इस योजना से जुड़ने के लिए ग्रामीण ऑनलाइन आवेदन करके पूरी प्रक्रिया को समझ सकते हैं।
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योजना से जुड़ने का प्रॉसेस
योजना की पूरी जानकारी लेने के बाद ग्रामीण को जिस बैंक से लोन लेना है उससे बात कर ले और जब बैंक से परमिशन मिल जाए तो वह अपना आवेदन ऑनलाइन समेट कर सकते हैं। इस आवेदन का एप्रूव करने के लिए सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें भारत और प्रदेश दोनों सरकार की तरफ से सदस्य होते हैं। इस आवेदन के लिए आपके पास अपनी जमीन होनी चाहिए या फिर लीज पर भी ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए कम से कम 30 साल का लीज होना चाहिए। सभी डॉक्यूमेंट ऑनलाइन सबमिट करने के बाद आपको कमेटी की तरफ से इस योजना से जुड़ने का अप्रूवल मिल जाता है। – The government is giving the common villagers a chance to start their own business of animal husbandry.
डेयरी के अंतर्गत आप इस तरह के यूनिट बना सकते हैं
- दूध पाउडर निर्माण इकाई
- आइसक्रीम बनाने की इकाई
टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ अल्ट्रा उच्च तापमान (यूएचटी) दूध प्रसंस्करण इकाई
- फ्लेवर्ड मिल्क मैन्युफैक्चरिंग यूनिट
- मट्ठा पाउडर निर्माण इकाई
- विभिन्न प्रकार के मांस प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना
- पनीर निर्माण इकाई
- कोई भी अन्य दूध उत्पाद और मूल्य संवर्धन विनिर्माण इकाई
इस योजना की पूरी जानकारी
बता दें कि इस योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति को निवेश के रूप में कम से कम 10 प्रतिशत पैसे का योगदान खुद करना होता है जबकि बाकी बचे 90 प्रतिशत राशि अनुसूचित बैंकों द्वारा ऋण के रुप में उपलब्ध कराई जाती है। इसके बदले 3 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। योजना के साथ बनाए गए कानून के अनुसार मूल ऋण राशि को लौटाने के लिए 2 साल का समय दिया जाएगा और उसके बाद 6 वर्ष के पुनर्भुगतान करने का समय मिलेगा। एमएसएमई द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर स्वीकृत परियोजनाओं को क्रेडिट गारंटी फंड की तरफ से क्रेडिट गारंटी दी जाएगी।
आम ग्रामीण भी कर सकते हैं अपना बिजनेस शुरू
जानकारों के अनुसार गारंटी उधारकर्ता की क्रेडिट सुविधा का 25 प्रतिशत तक होगी। इसके लिए सबसे पहले उद्यमी पोर्टल https://ahidf.udyamimitra.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। उसके बाद आप आसानी से अपनी प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। उसके बाद पशुपालन विभाग की ओर से आपके आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बैंक/ऋणदाता विभाग से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद ऋण स्वीकृत किया जाएगा, जिसके जरिए आम ग्रामीण भी अपना पशुपालन का बिजनेस शुरू कर सकता है। – The government is giving the common villagers a chance to start their own business of animal husbandry.