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वर्षों से प्रदूषित नदी को इस IAS अधिकारी ने मात्र 2 महीने में साफ़ करवा दिया, बन गईं प्रेरणा का मिशाल

कहते है जान है तो जहान है। वैसे ही जल है तो जीवन है। ईश्वर ने हमें एक से बढ़कर एक ख़ूबसूरत चीज़ें दी। प्रकृति की इन खूबसूरत चीज़ों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। हम प्रकृति को दिन प्रतिदिन इस कदर दूषित करते जा रहे है कि इसकी भरपाई करना असम्भव होते जा रहा है। वहीं कुछ लोग पर्यावरण और जल संरक्षण के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। आज की हमारी कहानी एक महिला IAS ऑफिसर अभिलाषा शर्मा की है जो जल संरक्षण के लिए नायाब कदम उठाई है।

बिहार (Bihar) के सीतामढ़ी (Sitamarhi) ज़िले की लखनदेई नदी (Lakhandei River Cleanup) जो नेपाल (Nepal) से निकालकर बिहार तक आती है और कटरा (Karta) की बागमती नदी (Bagmati River) में जाकर मिलती है। लखनदेई नदी (Lakhandei River) या लक्ष्मण गंगा नदी (Laxman Ganga Rivee) सीतामढ़ी के बीहड़ इलाकों में नदी के किनारे बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए पानी का मुख्य साधन है। जिस नदी का पानी हमारे जल आपूर्ति का साधन है उसे भी दूषित करने में हम कोई कसर नहीं छोड़ते। वैसे ही पिछले कई सालों में वेस्ट डिस्पोजल और अवैध कब्जे के कारण वहां गाद जैसी बड़ी समस्या बन गई है। स्थिर पानी और प्रदूषण इस नदी को बुरी तरह से प्रदूषित कर चुका है, जिससे वह पानी किसी काम के लायक नहीं बचा। नदी की हालत बहुत बुरी बन चुकी थी।

सरकारी कर्मचारियों का भी नदी की तरफ कोई ध्यान नहीं गया, कोई अबतक इस पर ठोस कदम नहीं उठाया लेकिन एक महिला IAS अधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा (Abhilasha Kumari Sharma) ने अपनी कुर्सी संभालने के साथ लोगों के लिए जल से जुड़ी समस्यायों पर भी ध्यान केंद्रित किया। IAS अभिलाषा शर्मा ने 82 वर्षों से प्रदूषित लखनदेई नदी को साफ करवाई। अभिलाषा के कारण यह नदी पुनः जीवित हो गई और इसमें साफ़ पानी बहने लगा।


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द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार लखनदेई नदी दो महीने के सफल प्रोजेक्ट के बाद एक बार पुनः साफ़ हो चुकी है। 82 साल के लम्बे इंतेज़ार के बाद इस नदी को पुनर्जीवित देखा जा रहा है, इस बदले तस्वीर का पूरा श्रेय ऑफिसर अभिलाषा कुमारी शर्मा (Abhilasha Kumari Sharma) को जाता है। इस नदी को साफ़ करने में नेपाल और भारत सरकार का हर योजना विफल हो रहे थे। आगे सीतामढ़ी के निवासियों ने ख़ुद नदी की सफाई का बीड़ा उठाया जिसमें अभिलाषा ने अहम भूमिका निभाई। लखनदेई नदी (Lakhandei River) के साफ़ हो जाने से इलाके में रहने वाले लोगों की सिंचाई के लिए होने वाली समस्या समाप्त हो गई। साथ ही अब गर्मी में पानी की बूंद के लिए तरसना भी नहीं पड़ता है।

अभिलाषा शर्मा 2014 बैच की आईएएस अधिकारी है। सीतामढ़ी में उनकी नियुक्ति 2019 में हुई। वहां अभिलाषा ने घर -घर जाकर लोगों से बात करना शुरू की, बहुत कम समय में ही लोग जागरूक हुए और उनके निरीक्षण में यह कार्य आरंभ हुआ। फिलहाल यह नदी पितंबरपुर से दुलारपुर घाट तक पुनर्जीवित हो चुकीं है।

The Logically आईएएस अभिलाषा शर्मा द्वारा निभाए गए दोहरी ज़िम्मेदारी के लिए धन्यवाद देता है और गांव वाले के साथ इस महिला अधिकारी के इच्छा शक्ति को नमन करता है। साथ ही अपने पाठकों से जल संरक्षण और प्रकृति को नुक़सान नहीं पहुंचाने की अपील करता है।

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