यूपीएससी को देश का सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है क्योंकि यूपीएससी में सफलता हासिल करना सभी के वश की बात नहीं है। इसमें सफलता वही हासिल करता है जो अपने आप को पूरी तरह से यूपीएससी को दे दिया हो और पूरे मन से इसकी कोशिश मे लगा हो। यदि बात हुई यूपीएससी में पहली बार में सफलता हासिल करने की तो ऐसे बहुत कम विद्यार्थी हैं जो पहली बार में ही सफलता प्राप्त कर पाते हैं।
आज की कहानी एक ऐसी ही लड़की एकता सिंह की है जिसने आईआईटी करने के बाद पहले हीं प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल करके परचम लहरा दिया है। उस होनहार लड़की ने वर्ष 2016 में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 101 वीं रैंक हासिल कर के सर गर्व से ऊंचा कर दिया। वह वर्ष 2017 बैच की IAS हैं।
एकता सिंह को हम कह सकते है कि वह गिने-चुने प्रतियोगियों में से है जिन्होंने पहले ही प्रयास में अपने लक्ष्य को पा लिया। उन्हें अपना सालों का समय यूपीएससी की तैयारी में नहीं देना पड़ा। पहली बार में ही सफलता हासिल करने के लिए जाहिर सी बात है बेहतर प्लानिंग, सही स्ट्रेटजी और इरादे मजबूत रखने होते हैं। आईए जानते हैं एकता सिंह (Ekta Singh) से उनकी कामयाबी के पीछे छुपे सफलता के मंत्र को।
एकता सिंह एक आईएएस (IAS) बनने से पहले एक इंजीनियर थीं। उन्होंने IIT BHU से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल किया है। वह आरंभ से हीं पढ़ाई-लिखाई में होशियार थीं। सभी कक्षा में उनके अच्छे अंक आते थे। एकता सिंह ने वर्ष 2015 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म कर तुरंत बाद हीं सिविल सर्विस की तैयारी आरंभ कर दी थी। इसकी तैयारी के लिए उन्होंने एक कोचिंग को भी ज्वाइन किया था। उनका कहना है कि यदि आप कोचिंग ज्वाइन नहीं कर सकते हैं तो बाजार में भी कुछ कोचिंग के नोट्स मिलते हैं उन्हें खरीद के पढ़ सकते हैं।
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यूपीएससी (UPSC) पहले चरण प्री की परीक्षा के लिए करंट अफेयर्स बेहद महत्वपूर्ण है। एकता का मानना है कि प्री की परीक्षा में मुख्य रूप से करंट अफेयर्स से प्रश्न आते हैं। इसलिए इसकी तैयारी अच्छे तरीके से करनी चाहिए। वह आगे कहती हैं कि करंट अफेयर की तैयारी के लिए अखबार पढ़ना बेहद आवश्यक है हालांकि अखबार आप कोई भी अपनी पसंद से चुन सकते हैं। लेकिन पूरी तैयारी के दौरान अखबार पढ़ना बेहद आवश्यक है। इसी तैयारी के दौरान अखबार का कुछ हिस्सा छूट जाता है तो मासिक मैगजीन लेकर तैयारी करनी चाहिए।
एकता ने बताया कि एक समय उनके दिमाग में आया कि कम समय होने की वजह से एनसीईआरटी किताब में ना पढ़कर कुछ स्टैंडर्ड किताबें पढ़ी जाए। परंतु इस बारे में जब उन्होंने अपने सीनियर से बात किया तो उन्होंने सख्त मना कर दिया। कुछ वक्त के बाद एकता को भी समझ में आ गया कि एनसीईआरटी (NCERT) की किताबों को पढ़ना बेहद आवश्यक है, विशेषत: ज्योग्राफी विषय की। यहां से बेसिक्स क्लियर करने के बाद हीं आगे की तैयारी करनी चाहिए।
कई बार ऐसा होता है कि पुस्तकें होने के बाद भी कुछ टॉपिक नहीं मिलते हैं या उनका डिटेल नहीं मिलता है। ऐसे में उस टॉपिक के बारे में अधिक जानकारी के लिए इंटरनेट की सहायता लिया जा सकता है। जो विषय पुस्तक बनाए मिलती है उसको नेट पर तलाश सकते हैं जिससे इन्टरनेट से हीं उसके बारे में पूरे विस्तारपूर्वक समझा जा सकता है।
टेस्ट पेपर को सॉल्व करना भी बहुत आवश्यक है। टेस्ट पेपर सॉल्व करने से फायदा यह होता है कि कैंडिडेट्स को अपनी कमियों के बारे में पता चलता है तथा उन्हें समय रहते सुधार कर पाते हैं। प्री की परीक्षा में सीसैट के पेपर को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि प्री की परीक्षा में सिसैट के परीक्षा में एकता को अधिक ध्यान नहीं देनी पड़ी थी क्यूंकि वह इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड से है।
यहां देखें एकता सिंह द्वारा दिल्ली नॉलेज ट्रैक को दिया गया इंटरव्यू
IAS एकता सिंह का सुझाव।
एकता सिंह यूपीएससी की परीक्षा के सभी चरण के लिए क्वेश्न को महत्वपूर्ण मानती हैं। वे सभी स्टेज पर सहयता ली थी। हालांकि वह कैंडिडेटस के पर्सनल च्वाईस को भी मानती हैं। इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और सही गाइडेंस की आवश्यकता होती है। पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र को देखकर परीक्षा की तैयारी करें। इससे पता चलता है कि परीक्षा में किस प्रकार से प्रश्न आते हैं। समय रहते हुए अपनी कमियों को दूर करना चाहिए तथा जहां जरुरत दिखे वहां सुधार करना चाहिए। अपने सीनियर से आंसर को चेक करवाना चाहिए तथा खुद भी उसका एनालाइज करना चाहिए। UPSC की तैयारी करने के दौरान पूरी तरह से दिमाग को ठंडा रखें और किसी भी बातों का स्ट्रेस नहीं ले। क्योंकि तनाव तैयारी पर उल्टा असर डालता है। सही दिशा में यदि सही मोटिवेशन के साथ आगे बढ़ा जाए तो एक-न-एक दिन कामयाबी जरूर कदम चूमेगी।
The Logically एकता सिंह हो उनकी सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ देता है।