यूपीएससी की परीक्षा में यह मायने नहीं रखता कि आपको सफलता प्राप्त करने में कितने साल का समय लग रहा है। यहां बस सफलता सफलता मायने रखती है। हर सफल कैंडिडेट की अपनी एक कहानी होती है, उनकी अपनी एक रणनीति होती है, जिसे फॉलो कर वह सफल हो पाते हैं। आज की हमारी कहानी एक ऐसे ही यूपीएससी कैंडिडेट की है जिन्हें पहले, दूसरे या तीसरे प्रयास में नहीं बल्कि पांचवें प्रयास में सफलता प्राप्त हुई। परंतु उन्हें इस बात का कोई अफसोस नहीं हैं कि उन्हें सफलता प्राप्त करने में सालों का समय लग गया बल्कि उन्हें उन सालों के गलतियों से बहुत कुछ सीखने को मिला।
गौहर हसन मुख्यत (Gauhar Hassan Mukhyat)
गौहर बिहार (Bihar)के निवासी हैं। उनकी शुरूआती पढाई बिहार से ही हुई है। दसवीं कक्षा तक की पढाई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह दिल्ली चले गए। वहाँ उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से कंप्यूटर में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद गौहर ने नौकरी के साथ ही जामिया में ही ईवनिंग क्लासेस में बीई में दाखिला ले लिया और ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने लगे। ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष में उन्होंने सीएसई करने का फैसला किया और तैयारी में जुट गए। परंतु नौकरी की वजह से टाइम मैनेजमेंट न हो पाने के कारण गौहर ने जॉब छोड़ दी और पूरी तरह से तैयारी में जुट गए।
137वीं रैंक के साथ हुए यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुए
गौहर को यूपीएससी की परीक्षा में बार-बार असफलता मिली पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और प्रयास में लगे रहे। गौहर को पहले प्रयास में प्री में भी सफलता नहीं मिल पाई। उसके बाद के चार अटेम्प्ट्स में वह प्री परीक्षा में पास कर गए। अगले दो प्रयास में गौहर मेन्स में पास नहीं कर पाए। चौथे प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सूची में नाम नहीं आया। अपने पांचवें प्रयास में गौहर 137वीं रैंक के साथ सेलेक्ट हुए और आईपीएस पद के लिए नियुक्त हुए। गौहर की यह जर्नी काफी लंबी रही और वह बताते हैं कि इस दौरान उन्होंने बहुत कुछ सीखा।
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यूपीएससी की परीक्षा के लिए रिवीजन है बहुत जरूरी
गौहर हर कैंडीडेट्स को यही सलाह देते हैं कि ज्यादा किताबें इकट्ठा ना करें। जिन किताबों से आप पढ़ चुके हैं उसका ही रिवीजन बार-बार करें और उस विषय को रट ले। गौहर कहते हैं कि आखिर किसी विषय पर ज्यादा जानकारी प्राप्त कर कोई लाभ नहीं होगा, उतना ही जानकारी प्राप्त करें जिससे आप अच्छे अंक प्राप्त कर सकें। न्यूज़पेपर पर खास ध्यान दे, इसे रोजाना पढ़ें और समय रहते ही किताब तथा न्यूज़पेपर के जरूरी नोट्स बना लें ताकि परीक्षा के समय रिवीजन करने में कोई परेशानी ना आए। गौहर अपनी तैयारी के लिए सभी स्टैंडर्ड्स बुक का ही चुनाओ किए थे।
गौहर मॉक टेस्ट और आंसर राइटिंग को बताते हैं जरूरी
गौहर कहते हैं कि प्री परीक्षा के लिए जितना जरूरी मॉक टेस्ट देना हैं उतना ही मेन्स की तैयारी के लिए आंसर राइटिंग हैं। प्री परीक्षा के पहले खूब टेस्ट दें और अपनी गलतियों को समझे और उसे दूर करने का प्रयास करे। उसके बाद आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस शुरू करें। यह आपको परीक्षा में अच्छे अंक दिला सकता है। आप इस प्रकार से अपने आंसर को लिखें ताकि वह सबसे अलग हो और एग्जामिनर को अच्छे अंक देने पर मजबूर कर दें। अंत में गौहर कहते हैं कि सही सोर्सेस के साथ, कड़ी मेहनत और प्रॉपर स्ट्रेटजी के साथ यूपीएससी की परीक्षा में अवश्य सफलता प्राप्त किया जा सकता है।
The Logically गौहर हसन मुख्यत के हौसले की तारीफ करता है और उन्हें उनके कामयाबी के लिए बधाई देता है।