हर इंसान खुद को सफलता के शिखर पर देखना चाहता है। इसके लिए लक्ष्य निर्धारित कर सटीक व कठिन परिश्रम के साथ निरन्तरता भी चाहिए होती है। इसी संदर्भ में अगर बात की जाए देश की सबसे कठिन परीक्षा UPSC की तो उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत के साथ एक खास तरह की रणनीति बनानी पड़ती है जिसे फॉलो कर सफलता प्राप्त करना आसान हो जाता है।
आज बात एक ऐसी लड़की की जो शुरू से हीं अपनी सफलता हेतु आश्वस्त थीं क्यूंकि उनके पास था सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प, सही रणनीति, सफलता प्राप्त ना कर लेने तक ना रूकने का जज्बा और कठिन परिश्रम। आईए जानते हैं इनके बारे में कि उन्होंने किस तरह सफलता हासिल की…
मणि अग्रवाल (Mani Agarwal)
मणि अग्रवाल आगरा (Agra) की रहने वाली हैं और उन्होंने मैथ्स में बीएससी ऑनर्स किया है। मणि एक इंटरव्यू में बताती हैं कि जब वह कॉलेज के सेकेंड ईयर में थी तब हीं उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा देने का निश्चय कर लिया था और उसी समय से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू भी कर दी थी। उन्होंने उस समय इसकी तैयारी न्यूजपेपर द्वारा शुरू की। वह यूपीएससी के ऑप्शनल में मैथ्स लेने का फैसला कर चुकी थीं, जिसके लिए वह मैथ्स में पोस्टग्रेजुएशन करने का निर्णय ली।
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योजनाबद्ध तरीके से कदम-दर-कदम चले
मणि ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज से बीएससी पूरा करने के बाद आईआईटी बॉम्बे से पीजी किया। यहीं से उन्होंने मैथ्स में एमएससी की डिग्री भी प्राप्त की। मनी कहती हैं कि कोचिंग लेना बुरी बात नहीं हैं अगर आपको जरूरत लगे तो आप कोचिंग अवश्य लें क्योंकि इससे आपको गाइडेंस मिलता है। बिना कोचिंग किए यूपीएससी की तैयारी करने में बहुत ज्यादा रिक्स होता है क्यूंकि सब कुछ आपको खुद से करना पड़ता है। अपने शुरुआती दिनों में मणि हर एक कदम पर पूरा प्लान बनाकर आगे बढ़ाया करती थीं और वह दूसरों को भी यही सलाह देती हैं।
खुद के बनाए स्ट्रेटजी पर रहे कायम
मणि ने सबसे पहले सभी स्टैंडर्ड के बुक्स खरीदे और एनसीईआरटी की किताबें इकट्ठी की। उसके बाद वह बिना किसी की स्ट्रेटजी फॉलो किए हुए अपनी स्ट्रेटजी खुद बनाई और उसी पर चलकर वह दोनों अटेम्प्ट के सारे चरण पास कर गईं। वैसे पहले प्रयास में सभी स्टेजेज क्रॉस करने के बाद भी उनका नाम फाइनल में नहीं आ पाया था। मणि अन्य कैंडिडेट को यह सलाह देती हैं कि प्री से पहले हीं मेन्स की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्यूंकि मेन्स की तैयारी करने से प्री की तैयारी खुद हीं हो जाती है परंतु प्री की तैयारी करने से मेन्स की तैयारी नहीं हो पाती।
मणि कहती हैं समय का रखे पूरा ख्याल
मणि का कहना हैं कि मेन्स की तैयारी के लिए ज्यादा समय नहीं मिलता जबकि उसमें ज्यादा डीप और डिटेल में पढ़ना पड़ता हैं इसलिए प्री के समय में ही पूरा सिलेबस को खत्म कर दे ताकि उस समय रिवाइज का और मॉक टेस्ट का समय मिल सके। प्री के दो महिना पहले से सिर्फ उसकी हीं तैयारी करें। उसके लिए न्यूज पेपर आदि पर अधिक ध्यान देना शुरू कर दें और खूब मॉक दें ताकि प्री की अच्छे से तैयारी हो सके। मणि कहती हैं कि पहले पूरा इंफॉर्मेशन ठीक से कलेक्ट कर लें तब हीं आंसर राइटिंग शुरू करें और मेन्स में सेलेक्ट होने के बाद ही इंटरव्यू की तैयारी शुरू करें।
मणि अग्रवाल का वीडियो यहां देखें
मणि मेन्स को देती हैं ज्यादा महत्व
मणि सबसे ज्यादा महत्व मेन्स को देती हैं उनका मानना हैं की मेन्स में सेलेक्ट होने के बाद ही यूपीएससी की परीक्षा में पास हो सकते हैं। इंटरव्यू से केवल रैंक बढ़ता है। इसलिए मणि हर कैंडिडेट को मेन्स की तैयारी शुरू से हीं जम कर करने की राय देती हैं। वह साल 2016 में 126वीं रैंक के साथ यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास कर चुकी हैं। मणि कहती हैं कि यह उनकी स्ट्रेटजी है जिससे उन्हें सफलता मिली परंतु यह जरूरी नहीं कि हर कोई यही फॉलो करे। हर किसी को अपने हिसाब से अपनी स्ट्रेटजी बनानी चाहिए और उसे फॉलो करना चाहिए। कड़ी मेहनत करने से यूपीएससी सीएसई परीक्षा में सफलता अवश्य मिलता है।
The Logically मणि अग्रवाल की स्ट्रेटजी की तारीफ करता है और उन्हें उनकी कामयाबी के लिए बधाईयां देता है।