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पिता दूध बेचते हैं लेकिन बेटे ने 11वीं में ही UPSC का लक्ष्य बना लिया, बन गया IAS

कामयाबी के शिखर को छूने की चाह सभी की होती है। लेकिन कामयाबी के ऊंचाई तक वही पहुंचता है जिसने अपने आप को किसी भी कठिनाइयों के आगे झुकने नहीं दिया हो बल्कि अपने सामने आनेवाले हर चुनौतियों का डट कर सामना किया हो।

हम सभी जानतें हैं कि यूपीएससी परीक्षा में चयन के लिये कठिन मेहनत और लगन की ज़रूरत होती है। कोई 4 से 5 बार प्रयास करता है तब सफल होता हैं तो कोई पहले प्रयास में ही सफल हो जाता हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कई प्रयासों के बाद भी सफ़ल नहीं हो पाते।

आज हम आपको बताने जा रहें हैं सभी कहानियों से अलग एक नयी कहानी, एक ऐसे छात्र (मुकंद कुमार) के बारें में जिसने 22 वर्ष के उम्र में पहले प्रयास में ही UPSC में टॉपर रैंक हासिल कर एक बार फिर बिहार राज्य का नाम सुनहरे अक्षरों में लिख दिया है।

मुकंद कुमार (Mukund Kumar) बिहार (Bihar) के मधुबनी (Madhubani) जिले के बाबुबरही प्रखंड के बरुआर गांव के रहने वाले हैं। इनके पिता जी का नाम मनोज ठाकुर है और यह बूथ सुधा डेयरी का बूथ चलाते है। मुकंद के माताजी का नाम ममता देवी है और ये हाउस मेकर है। मुकंद की शुरुआती पढ़ाई गांव से हुईं। उसके बाद मुकंद का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय, गुवाहाटी में हो गया। मुकंद के 12वीं तक की पढ़ाई नवोदय स्कूल से ही हुईं। 12वीं में अच्छे नंबर हासिल करने के बाद मुकंद अपने आगे की पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन के लिये दिल्ली (Delhi) चले आयें। दिल्ली के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज से इंग्लिश ऑनर्स से स्नातक की शिक्षा ग्रहण की।

हालांकि मुकंद 12वीं में ही UPSC का लक्ष्य निर्धारित कर चुके थे। इसलिए उन्होंने इसकी तैयारी कॉलेज के दिनों से ही शुरू कर दी थी। इसके लिये मुकुंद अपने शिक्षकों और सीनियर्स से UPSC की परीक्षा में जानकारी भी लेने लगे और तैयारियां शुरु कर दिये थे। मुकंद ने अपनी मेहनत और लगन से कामयाबी के ऊंचाइयों को छुआ है। मुकंद साल 2019 में पहली बार UPSC की परीक्षा दिये जिसका रिजल्ट इस साल अगस्त में आया। इस परीक्षा के परिणाम में मुकंद ने 54वीं रैंक हासिल किया और अपने मां-बाप के साथ-साथ बिहार का नाम भी रोशन किया।

मुकंद की पढ़ाई-लिखाई में उनके माता-पिता ने किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं की। पढ़ाई के लिये उन्होंनें जमीन तक बेच दिया। मुकंद की मां अपने आंसुओ को पोछते हुए कहती है कि कभी सोचा नहीं था जिंदगी में इतनी खुशियां आयेंगी। बेटे ने आज सफल होकर जीवन सफल बना दिया।


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UPSC की परीक्षा की तैयारी के बारें में मुकंद का कहना है कि यूपीएससी की परिक्षा में सफल होने के लिये उसके पीछे एक उद्देश्य होना चाहिए। जब कोई अपने उद्देश्य को सोच कर तैयारी करता हैं तो उस पद की अहमियत को अच्छे से समझता है। उन्होंने दूसरी बात बताई कि इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए सिलेबस समझना बहुत ही आवश्यक है। तैयारी करने और परीक्षा देने से पुर्व विद्यार्थी को उस परीक्षा के सिलेबस के बारे में सबकुछ पता होना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि बहुत से छात्र 4 से 5 बार परीक्षा दे चुके होते हैं लेकिन उन्हें सिलेबस के बारें में पूरी तरह से जानकारी ही हासिल नहीं होती। किसी भी परीक्षा में शामिल होने से पहले उसके सिलेबस को समझना बहुत जरुरी है।

वीडियो में IAS मुकुंद के संघर्ष की कहानी देखे –

मुकंद का कहना है कि छात्रों को सिलेबस के साथ-साथ पिछ्ले सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र जरुर देखने चाहिए। पिछ्ले परीक्षाओं के प्रश्न पत्र देखने और पढ़ने से कोई भी छात्र यह अनुमान लगा सकता है कि यह परीक्षा उसके लायक है या नहीं। इसके बाद मुकंद छात्रों को एक और सुझाव देते हुए कहते है कि सभी प्रतियोगी छात्रों को प्री, मेन्स में पुछे जाने वाले सामान्य विषय की तैयारी बेहतर ढंग से करनी चाहिए। क्यूंकि यदि प्री और मेन्स की परीक्षा पास नहीं होने पर आगे की परीक्षा में नहीं बैठा जा सकता है। परीक्षा के अन्तिम चरण तक पहुंचने के लिये सभी छात्रों को प्री और मेन्स के लिये तैयार रहना चाहिए।

The Logically मुकंद कुमार को यूपीएससी परीक्षा में सफ़ल होने के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता है।

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