सफ़लता यूं ही नहीं मिलती…अपने मिशन में सफल होने के लिए हमें अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त भाव से समर्पित होना पड़ता है। यूपीएससी 2019 के परीक्षा का परिणाम जैसे ही घोषित हुआ, प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रतिभावान छात्रों के सफलता का परचम पूरे देश में लहर उठा। पहले भी हम सभी कई प्रतिभावान छात्रों की कहानियों से रूबरू हो चुके हैं। आज की भी हमारी कहानी एक ऐसी ही छात्रा की है जो आइपीएस से आईएस बनने तक का सफ़र तय कर चुकी हैं।
IAS निधि बंसल
मध्यप्रदेश की रहने वाली आईएएस (IAS) निधि बंसल (Nidhi Bansal) की कहानी बेहद प्रेरणादायक है। निधि एक ऐसी प्रतिभावान छात्रा है जो काफी मुश्किलों के बाद भी हार नहीं मानी और आईएएस (IAS) बनने का सपना पूरा की। निधि ने दो बार यूपीएससी (UPSC) क्रैक कर पहले आईपीएस (IPS) का पद भार संभाला, फिर पांचवे प्रयास में उनका आईएएस बनने का सपना पूरा हुआ।
IAS निधि बंसल का इंटरव्यू यहां देखे –
निधि बंसल की शिक्षा
निधि बंसल (Nidhi Bansal) कंप्यूटर साइंस (Computer Science) से इंजीनियरिंग (Engineering) की पढ़ाई देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान आईआईटी चेन्नई (IIT Chennai) से की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद उन्हें बैंगलोर में अच्छे पैकेज की नौकरी भी मिली। फिर निधि में समाज में बदलाव लाने की प्रेरणा आईं और आईएएस बनना उनका सपना बना गया। जिसे पूरा करने के लिए निधि ने जी तोर मेहनत की और सफलता की अनूठी कहानी लिख दी।
निधि बंसल पेशे से पहले आईआईटी इंजीनियर रही लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। चार साल पहले निधि यूपीएससी की परीक्षा में 219वीं रैंक प्राप्त की थी और उस समय उनका चयन आईपीएस ऑफिसर के रूप में हुआ। निधि ने अपना पद भार संभाला लेकिन उनका सफ़र यहीं तक नहीं रुका। आगे भी निधि अपने आईएएस बनने का प्रयास जारी रखी और अंततः सफलता प्राप्त कर ली। फिलहाल निधि हैदराबाद में आईएएस की ट्रेनिंग कर रही है।
यह भी पढ़े :- पिता थे बस कंडक्टर, आभाव में जीने के बाद भी बेटी बन गई IPS अधिकारी, कर रही हैं देश सेवा: IPS Shalini
निधि बंसल जब 2016 में दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की तब उन्हें झारखंड में एडीशनल एसपी का पद मिला। फिर 2017 में आईपीएस काडर में हीं उनका चयन हुआ। आगे 2018 में भी निधि ने परीक्षा दिया। तब सफ़लता नहीं मिली लेकिन वह हार नहीं मानी और अंततः पांचवे प्रयास में 23वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को पूरा की।
निधि का कहना है कि दो बार उनका चयन आईपीएस के रूप में हुआ लेकिन उनकी चाह हमेशा से ही कलेक्टर बनने की थी। जिसके लिए वह सफलता प्राप्त करने के बाद आईपीएस का पद संभालते हुए भी अपनी तैयरी जारी रखी और उनकी जी तोर मेहनत रंग लाई। कहते हैं, पूरी लगन और दृढ़ निश्चय के साथ कोई काम करता है तो उसे सफलता प्राप्त करने में कोई भी कमी बाधा नहीं बन सकती है।
निधि बंसल की सफ़लता की कहानी वाकई प्रेरणादायक है। आज के युवा पीढ़ी जो पहले प्रयास में सफ़लता नहीं मिलने के बाद ख़ुद को कमज़ोर समझने लगते हैं, उन्हें ज़रूरत है निधि बंसल से प्रेरणा लेने की। निधि असफल होने के बाद अपनी असफलता स्वीकार कर हर बार सफलता के लिए अपना प्रयास जारी रखी और अपने सपने को हकीकत का रूप दी। The Logically, Nidhi Bansal से देश और समाज में बेहतरी की उम्मीद करता है।