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पहले IIT फिर IPS और अंततः अपने अटूट मेहनत से UPSC में अच्छे रैंक लाकर बनी IAS अधिकारी: सफलता

UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक हैं। लाखों छात्र हर साल इसकी परीक्षा में बैठते हैं और उनमे से कुछ ही चुने जाते हैं। सिर्फ एक बार इस परीक्षा को क्वालीफाई करने के लिए ना जाने कितने साल छात्र इसकी तैयारी मे बिता देते हैं। आज आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाती हूँ जिसने पेशे से इंजीनियर होते हुए एक बार नही बल्कि तीन बार इस कठिन परीक्षा को पास किया हैं।मध्य प्रदेश की निधि बंसल (Nidhi Bansal) दो बार IPS और एक बार IAS के लिए चुनी गई हैं।

पेशे से आईआईटी इंजीनियर और सपना IAS का

मध्य प्रदेश के कैलारस कस्बे के मुरैना की रहने वाली निधि बंसल के पिता गिर्राज बंसल एक व्यापारी हैं। निधि ने अपनी पढ़ाई ग्वालियर से की फिर IIT की तैयारी के लिए कोटा चली गई। इन्होंने IIT मद्रास से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री लेने के बाद एक बड़ी कंपनी में नौकरी भी की। निधि बताती हैं कि जॉब तो अच्छी थी और तनख्वा भी अच्छी थी पर वह इस नौकरी से खुश नही थी । उन्हें कुछ खाली-खाली सा लग रहा था । तब उन्होंने IAS की तैयारी करने की सोची।पहले यूपीएससी के बारे में ज़्यादा जानकारी नही थी तो दोस्तो से पूछा और इस तरह अपने IAS बनने का सफर शुरू किया।

Nidhi bansal IAS

दो बार IPS बनने के बाद चौथे प्रयास में परीक्षा ही पास नही कर पायी

निधि ने 2016 में अपने दूसरे प्रयास मे 219 रैंक के साथ सफलता अर्जित की और इन्हें IPS त्रिपुरा मिला। निधि इस सफलता से खुश थी पर सपना IAS बनने का था तो वह यहाँ रुक कैसे सकती थी। इन्होंने 2017 में फिर से परीक्षा दी और इस बार 226 रैंक के साथ एक बार फिर IPS के लिए चुनी गयी। इस बार इन्हें झारखंड कैडर मिला। निधि किसी भी हाल में अपने IAS के सपने को छोड़ना नही चाहती थी और इसे पूरा करने की ज़िद में उन्होंने एक बार फिर से 2018 में परीक्षा दी। पर इस बार निधि परीक्षा ही पास नही कर पाई। निधि बताती हैं कि इस बात से वह बहुत निराश हुई थी पर उन्होंने हार नही मानी और 2019 में दुगनी ऊर्जा और मेहनत से तैयारी की। इस बार निधि की मेहनत रंग लायी और उन्होंने 23 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की। इस तरह 2019 में अपने पांचवे प्रयास में निधि बंसल की मेहनत रंग लायी और वह IAS बन गयी।

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निधि बंसल की यह कहानी हमे यह सीख देती हैं कि कभी भी अपने सपने के साथ समझौता मत करो। सपने के रास्ते मे आयी खुशियों से खुश ज़रूर हो पर संतुष्ट तब तक मत होना जब तक सपने को पूरा ना कर लो।

मृणालिनी बिहार के छपरा की रहने वाली हैं। अपने पढाई के साथ-साथ मृणालिनी समाजिक मुद्दों से सरोकार रखती हैं और उनके बारे में अनेकों माध्यम से अपने विचार रखने की कोशिश करती हैं। अपने लेखनी के माध्यम से यह युवा लेखिका, समाजिक परिवेश में सकारात्मक भाव लाने की कोशिश करती हैं।

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