प्रेरणा एक ऐसी चीज है जिसकी वजह से हम सभी किसी भी कार्य को करने प्रति जागरुक होते हैं। दूसरे से प्रेरित होकर ही हम अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश जी जान से करते हैं। जीवन में यदि प्रेरणा मिलनी बंद हो जाये तो शायद ही कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य के प्रति वफादार नहीं बन पायेगा।
UPSC का परिणाम अपने साथ अनेकों प्रेरणादायक सफलता की कहानियां लेकर आती है। सभी टॉपर छात्र अपने-अपने सफलता के पीछे छुपी संघर्ष और कठिन मेहनत के बारें बताते हैं। उनसे प्रेरित होकर कई लोग अपने कर्तव्य पथ पर जुनून और जोश के साथ चलने लगते हैं।
आज हम आपको ऐसे ही लड़की के बारें में बताने जा रहें हैं जिसके पिता एक बस ड्राईवर हैं और उसने अपने बेटी कभी शाबशी नहीं दी थी। लेकिन जब बेटी ने IAS बनने की खबर सुनाई तो बेटी पिता ने आखिरकार बोल ही दिया- ‘शाबाश बेटा’। आइये जानते हैं इस बस ड्राईवर की बेटी के बारें में जिसने आखिकार पिता से शाबाशी ले ही ली।
प्रीती हुड्डा (Preeti Hooda) हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहनेवाली है। वह बहुत ही साधारण परिवार से आती है। प्रीती हुड्डा के पिता दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में बस चलाते हैं। प्रीती ने 2017 की यूपीएससी (UPSC) परीक्षा में 288वीं रैंक हासिल किया था। उनके पिता का सपना था कि वह एक आईएएस (IAS) बने। उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU, Delhi) से से हिन्दी में पीएचडी किया था। प्रीती ने बताया कि जब उनका UPSC का परिणाम आया तो अपने पिताजी को कॉल की। उस समय पिताजी बस चला रहे थे। परिणाम सुनने के बाद उनके पिता ने कहा – शाबाश बेटा। प्रीती ने बताया कि उनके पिता उन्हें कभी भी शाबाशी नहीं देते थे।
कई बार लोग हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम का हवाला देकर पीछे पैर हटा लेते हैं। लेकिन कोशिश करने वाले किसी भी भाषा से डरते नहीं हैं बल्कि पूरी ईमानदारी से कोशिश करतें हैं और सफलता हासिल करतें हैं। इसका सीधा उदाहरण है प्रीती हुड्डा। प्रीती हिन्दी माध्यम से परीक्षा दी थी। उनका ऑप्शनल विषय भी हिन्दी था। इतना ही नहीं उन्होंने अपना साक्षात्कार भी हिन्दी भाषा में ही दिया था और हिंदी माध्यम से सफल भी हुईं।
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प्रीती ने अपने यूपीएससी के इंटरव्यू के बारें में बताया कि उनका इंटरव्यू एग्जाम करीब 30 मिनट तक चला थी और उसमें लगभग 30 प्रश्न पुछे गये थे। प्रीती अपने इंटरव्यू राउंड की परीक्षा में 3 प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाई। लेकिन उन्होंने अपना आत्मविश्वास कम नहीं किया। प्रीती उस समय जेएनयू से पीएचडी कर रही थी। उनसे इन्टरव्यू में जेएनयू पर भी प्रशन किया गया था। उनसे पूछा गया था कि, आप जेएनयू से पढ़ रही हैं, इस यूनिवर्सिटी की इतनी निगेटिव इमेज क्यों है। इस प्रश्न के उत्तर में प्रीती ने जवाब दिया कि जेएनयू को सिर्फ निगेटिव इमेज के लिये ही नहीं जाना जाता। इस यूनिवर्सिटी को भारत में उपस्थित सभी यूनिवर्सिटी में फर्स्ट रैंक मिल चुकी है।
प्रीती का कहना है, “मैं एक साधारण परिवार से हूं और संयुक्त परिवार में पली-बढी हूं। हमारे यहां विशेषतः लडकियों के शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता। लडकियों को स्नातक करा दो, फिर उसकी शादी कर दो, ऐसी ही सोच है, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझें उच्च शिक्षा दी और जेएनयू में मेरा एडमिसन कराया।”
प्रीति हुड्डा के इंटरव्यू का वीडियो देखे
प्रीती ने 10वीं की परीक्षा में 77% तथा 12वीं की परीक्षा में 87% अंक प्राप्त किया है। प्रीती को लक्ष्मीबाई कॉलेज दिल्ली से हिंदी विषय से बैचलर ऑफ़ आर्ट में 76% नम्बर मिला।
UPSC की तैयारी करने के विषय पर प्रीती ने बताया कि, लगातार 10 घंटे पढ़ने के बजाय थोड़ा सोचकर दिशा तय कर पढाई करनी चाहिए। पढ़ाई के साथ-साथ इन्जॉय भी करना चाहिए ताकी रिलेक्स महसूस हो। कुछ ऐसा जरुर करना चाहिए जिससे रिलेक्स की अनुभूति हो। बहुत सारी पुस्तकें पढ़ने के बजाय सीमित पुस्तकें पढ़नी चाहिए। लेकिन बार-बार पढ़ना चाहिए।
The Logically प्रीती हुड्डा को उनकी सफलता के लिये शुभकामनाएं देता है।