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फर्श से अर्श तक: बचपन मे अत्यंत गरीबी का सामना करना पड़ा लेकिन अपने अथक प्रयास से बने IAS अधिकारी

जिंदगी के बारे में यह अकाट्य सत्य है कि वह निरन्तर चलते रहने का नाम है। जिंदगी में कब क्या होना है यह किसी को भी नहीं पता। जिंदगी के दो किनारे माने जाते हैं एक दुख और दूसरा सुख। सुख से परिपूर्ण जीवन जीना बेहद आसान होता है लेकिन दुख का छोटा साया भी इंसान को प्रभावित कर देता है। परन्तु कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अनायास उपजे विपरीत हालातों से जूझकर अपने हुनर और प्रयास से सफलता का ऊंचा मुकाम प्राप्त करते हैं। आज की कहानी एक आईएएस ऑफिसर की है जो अपने पिता के अचानक निधन से मर्माहत हुए लेकिन जिन्होंने बिना डिगे संघर्ष के पथ पर चलकर अपने सपनों को उड़ान दिया।

शशांक मिश्रा

शशांक मिश्रा मेरठ के निवासी हैं। इनके पिता डिप्टी कमिश्नर “कृषि विभाग” क्षेत्र में रह चुके हैं। शशांक शुरू से ही पढ़ाई में रुचि रखते थे और जब इन्होंने 12वीं कक्षा संपन्न की और वे आईटीआई करना चाहते थे लेकिन इस दौरान एक दुखद घटना हुई और उनके पिता का इंतकाल हो गया। इस कारण उन्होंने अपने घर की जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दिया। उन्होंने अपने तीन भाई बहनों और अपने परिवार को संभाला।

IAS Sashank mishra

पढ़ाई के लिए नहीं थे फीस

पिता के इंतकाल के बाद उनकी आर्थिक स्थिति बहुत हीं खराब हो गई। ऐसी हालात पैदा हुई कि उनके पास पढ़ाई के लिए फीस जमा करने तक के पैसे नहीं थे। लेकिन वह पढ़ने में तेज थे इसलिए जब इन्होंने 12वीं में अच्छे मार्क्स लाए तो थोड़ी फीस से मदद मिली। फिर उन्होंने आईआईटी में अपना दाखिला कराया और “इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग” के माध्यम से B-tech की पढ़ाई को संपन्न किया।

विदेश की नौकरी का अॉफर ठुकराकर UPSC करने का लिया संकल्प

जब शशांक ने अपनी B-tech कंप्लीट कर ली तो उन्हें अमेरिका की एक कंपनी में नौकरी मिली। शशांक ने वह नौकरी ठुकरा दी। चूंकि वह आईएएस बनना चाहते थे इसलिए विदेश की नौकरी को मना कर दिया और वह वर्ष 2004 में यूपीएससी की तैयारी में जुट गए।

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हासिल की सफलता

उन्हें अपने पैसे को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई करना था इसलिए यह रोज पढ़ाई के लिए दिल्ली जाया करते थे। उनकी मेहनत रंग लाई और यह UPSC की परीक्षा में 5वीं रैंक पाकर वह उन सभी के लिए मिसाल बने जो गरीबी से थक कर कुछ गलत कर बैठते हैं।

शशांक मिश्रा जी की सफलता के लिए The Logically उन्हें बधाई देता है और उनकी काबिलियत की प्रशंसा करता है।

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

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