देश के लिए कुछ करने का जूनून अक्सर लोगों से बहुत कुछ करा देता है। वह उन लोगों की हालात सुधारने के लिए काम करना चाहते हैं जिनको उनकी बहुत जरूरत है। आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताएंगे जिससे आईएएस (IAS) बनने का शौक नहीं था वह सिर्फ अपने पिता और दादा जी का सपना पूरा करने के लिए आईएएस बनीं।
सौम्या अग्रवाल (Somya Agarwal)
सौम्या अग्रवाल आगरा के रहने वाली हैं। सौम्या की शिक्षा लखनऊ ( lakhnow) में पूरी हुई। उनके पिता ज्ञानचंद अग्रवाल रेलवे में सिविल इंजीनियर थे। वह तथा उनके परिवार आलमबाग की रेलवे कालोनी में रहते थे। वह हमेशा साइकिल से हीं स्कूल जाती थीं। सौम्या सेंट मैरी कांवेंट स्कूल से इंटरमीडिएट करने के बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला ले ली परंतु अब भी सौम्या पढाई को गंभीरता से नहीं लेती थी।
सौम्या बनी साफ्टवेयर इंजीनियर
वह दिल्ली में ही रह कर साफ्टवेयर इंजीनियर बन गईंं। उसके बाद साल 2004 में उन्हें पुणे की एक निजी कंपनी में नौकरी मिल गई। कुछ दिन तक वो पुणे में रही। उसके बाद कंपनी ने सौम्या को लंदन भेज दिया। वह अपने इस नौकरी से खुश नहीं थी, उन्हें हमेशा अपने देश की याद आती थी। मां-बाप से इतना दूर रहना उन्हें बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था।
सौम्या ने किया आइएएस बनने का फैसला
दो वर्ष की नौकरी में हीं सौम्या का कीबोर्ड पर ऊंगलियां कतराने लगीं और सौम्या उसकी टपटप से ऊब चुकी थीं। वह यह सारी बात अपने पिता को बताई और उनसे पूछा कि भारत में सबसे अच्छी नौकरी कौन सी हैं? सौम्या के पिता ने आइएएस (IAS) का नाम लिया। उसी समय सौम्या ने आईएएस करने का फैसला किया। साल 2006 में सौम्या नौकरी छोड़ भारत लौट आईं।
सौम्या ने शुरू की आईएएस की तैयारी
लखनऊ में हीं सौम्या ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी शुरू कर दी और तीन महीने के लिए उन्होंने दिल्ली के बाजीराव संस्थान में जरूर कोचिंग की। साल 2008 में उन्होंने पहले प्रयास में ही 24वां रैंक प्राप्त किया। नवनियुक्त आईएएस सौम्या अग्रवाल ने कानपुर मेंं एसडीएम का कार्यभार संभाल रही है।
सौम्या ने पूरी की अपने दादा जी की इच्छा
सौम्या की बड़ी बहन पूजा अग्रवाल ( Puja Agarwal) ने एमटेक करके अपनी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी और उनकी छोटी बहन जया अग्रवाल ने बिजनेस इकोनोमिक्स में पढ़ाई पूरी की और वह भी प्राइवेट नौकरी करने लगीं। सौम्या बताती हैं कि उनके दादाजी पीसी अग्रवाल ( Pisi Agarwal) पीडब्ल्यूडी (PWD)में नौकरी करते थे। वे हमेशा कहते थे कि एक बार यूपीएससी की परीक्षा जरूर देनी चाहिए। सौम्या कहती हैं कि उन्होंने उनकी ख्वाहिश पूरी कर दी।
सौम्या कर रही हैं देश की सेवा
सौम्या को उप जिलाधिकारी के पद पर कानपुर में तैनात किया गया। फिर वह उन्नाव में डीएम रहीं। उसके बाद उनकी तैनाती कानपुर में केस्को में बतौर एमडी हो गईंं और अब वह डीवीवीएनएल की प्रबंध निदेशक (एमडी) हैं।
The logically सौम्या अग्रवाल की देश भक्ति को नमन करता है और उन्हें उनकी कामयाबी के लिए बधाई देता है।