सभी युवाओं की ख्वाहिश होती है कि वह पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बने। बहुत से युवा अधिकारी बनने की अनवरत कोशिश करते रहते हैं। ऐसे में यदि किसी की सराकारी नौकरी किसी दूसरे क्षेत्र में लग गई तो वह उसी में खो जाता है और उसी से संतुष्ट हो जाता है। लेकिन वहीं कुछ युवा ऐसे भी है जो सरकारी नौकरी लगने के बाद भी अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहते हैं। जब तक अधिकारी नहीं बन जाए तब तक वे चैन से नहीं बैठते।
आज की कहानी भी एक ऐसे ही युवा की है, जिसकी 12 बार सरकारी नौकरी लगी। लेकिन वह बड़ा अधिकारी बनकर ही माना। आइये जानते है उस होनहार युवा के बारे में।
श्याम सुन्दर बिश्नोई (Shyam Sundar Bishnoi) राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर जिले के खाजुवाला विधानसभा क्षेत्र के गांव गुलुवाली के रहने वाले हैं। इनका जन्म 7 फरवरी 1988 को हुआ। उनके पिता का नाम धुड़ाराम बिश्नोई है और वह किसान हैं। श्याम सुन्दर की माता का नाम सुशीला देवी है, वह एक गृहिणी हैं। श्याम सुन्दर वर्तमान में चित्तौरगढ़ के एसडीएम हैं। सुन्दर बिश्नोई के पिता खेतों में कार्य कर के परिवार का भरण-पोषण करते थे। सुन्दर भी पिता के साथ खेती में हाथ बटाते थे। इनके 2 भाई और एक बहन है। छोटा भाई राजस्थान पुलिस में कॉन्सटेबल है। दूसरा भाई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा है।
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श्याम सुन्दर की शुरुआती शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ही हुईं। इसके बाद इन्होंने बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय से स्नातक किया। स्नातक के बाद भूगोल, इतिहास विषय से एमए और बीएड किया। सुन्दर बिश्नोई ने भूगोल विषय से नेट भी क्वालीफाई कर चुके हैं। RAS की परीक्षा 2016 में इन्होंने 14वीं रैंक हासिल की। आरएएस मे सुन्दर बिश्नोई का चौथा प्रयास था। श्याम सुन्दर बिश्नोई की 12 बार सराकारी नौकरी लगी, जो इस प्रकार हैं:- कॉन्सटेबल सीआईडी (राजस्थान पुलिस), पटवारी, शिक्षक ग्रेड तृतीय, शिक्षक ग्रेड द्वितीय, सब इन्स्पेक्टर (राजस्थान पुलिस), अधिशासी अभियंता, नगर पालिका, स्कूल व्याख्याता, जिला परिवहन अधिकारी, ग्राम सेवक, कॉपोरेटीव इंस्पेक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर, RAS अधिकारी।
श्याम सुन्दर बिश्नोई ने बताया कि वह IPS अधिकारी प्रेमसूख देलू को अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं। देलू के पढाई के प्रति लगन और हमेशा आगे बढ़ने की ललक ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया। दोनों ने बीकानेर में रुम किराये पर लेकर साथ में पढाई की है। देलू वर्तमान में गुजरात के अम्बरेली में एसपी के पद पर तैनात है। प्रेमसूख देलू श्याम सुन्दर के चचेरे भाई हैं।
सुन्दर बिश्नोई का सपना अधिकारी बनने का था। उन्होंने भिन्न-भिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं दी ताकि अपनी तैयारी के स्तर को जांच-परख कर उसे अधिक बेहतर बना सके। सुन्दर की वर्ष 2011 में कॉन्सटेबल की नौकरी से लेकर वर्ष 2016 में आरएएस ऑफिसर बनने के दौरान 12 बार सरकारी नौकरी लगी। इन्होने सिर्फ कुछ ही नौकरी को कुछ वक्त के लिये ज्वाईन किया। इन्होंने अंतिम ज्वाइन आरएएस ऑफिसर के रुप मे किया जिसमें वे अभी भी कार्यरत हैं।
राजस्थान सरकार ने श्याम सुन्दर बिश्नोई को अजमेर एसीएम के पद से चित्तौरगढ़ उपखंड अधिकारी के पद पर लगाया है। इस पद पर बिश्नोइ से पहले IAS तेजस्वी राणा कार्यरत थी। राणा ने चित्तौडगढ़ के अप्सरा चौराहे पर लॉक’डाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर 14 अप्रैल 2020 को बेन्गू विधायक राजेंद्र सिंह विधुड़ी की गाड़ी का चालान कटवा दिया था। उसके बाद उनका तबादला सयुंक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेल्थ इन्शोरेंस एजेंसी जयपुर के पद पर कर दिया गया था।
The Logically श्याम सुन्दर बिश्नोई को कठिनाईयों से भरे सफर को शत-शत नमन करता है। सुंदर की अपने लक्ष्य के प्रति मेहनत, बहुत ही सराहनीय है।